Fish Fortune Fisheries Scam: एनआरआई को लालच देकर किया फर्जीवाड़ा

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Fish Fortune Fisheries Scam: फिश फॉरच्यून कंपनी के सीएमडी, सीईओ, एमपी हेड और महिला एजेंट के खिलाफ जालसाजी का प्रकरण दर्ज, चाची, पिता समेत चार लोगों के नाम पर किया था 27 लाख रूपए का निवेश

Fish Fortune Fisheries Scam
कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित फिश फॉरच्यून कंपनी के मामले में फिर एक नई एफआईआर दर्ज कर ली गई है। यह घटना भोपाल (Fish Fortune Fisheries Scam) शहर के कोहेफिजा थाना क्षेत्र की है। यहां लालघाटी के नजदीक सिटी वॉक मॉल में फिश फॉरच्यून कंपनी का दफ्तर था। इस मामले में आरोपी चार व्यक्ति है। जिनमें सीएमडी, सीईओ शामिल हैं। आरोपियों ने एनआरआई युवती को मत्स्य पालन में निवेश का झांसा देकर करीब 27 लाख रूपए ऐंठ लिए थे।

एजेंट ने दिया था निवेश का लालच

कोहेफिजा थाना पुलिस के अनुसार यह प्रकरण 5 जनवरी को दर्ज किया गया। जिसमें 13/23 धारा 420/409/34 जालसाजी, गबन और एक से अधिक आरोपी का मामला दर्ज किया गया। इस संबंध में शिकायत जोन—3 डीसीपी रियाज इकबाल (DCP Riyaz Iqbal) से की गई थी। शिकायत बाबडिया कला स्थित आकृति रिट्रीट निवासी आकांक्षा सिंह (Akansha Singh) पिता अनिल सिंह उम्र 31 साल ने की है। इसमें मुख्य आरोपी गुरूग्राम में स्थित फिश फॉरच्यून प्रोड्यूस कंपनी (Fish Fortune Produce Company) के संचालक बिजेन्द्र कश्यप (Bijendra Kashyap) , सीईओ विनय शर्मा (CEO Vinay Sharma) , एमपी हेड प्रहलाद शर्मा (Prahlad Sharma) और एजेंट गायत्री परिहार और वेद प्रकाश शर्मा (Ved Prakash Sharma) को बनाया गया है। पीड़ित आकांक्षा सिंह यूएसए में जॉब करती है। जिसकी पहचान गायत्री परिहार (Gaytri Parihar) के साथ थी। उसने ही कंपनी में निवेश करने का लालच दिया था।

अपनी जमीन के दस्तावेज दिखाकर फर्जीवाड़ा

Fish Fortune Fisheries Scam
कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

आकांक्षा सिंह ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने अलग—अलग किस्त में 27 लाख 57 हजार रूपए ऐंठ लिए थे। यह रकम अलग—अलग स्कीम के लिए वसूली गई थी। उसे 11 लाख के निवेश पर 22 लाख 40 हजार, साढ़े पांच लाख के निवेश पर करीब सवा ग्यारह लाख मिलने का झांसा (Fish Fortune Fisheries Scam) दिया था। यह रकम 15 महीने के भीतर मिलने का दावा किया गया था। पीड़ित ने तीन अनुबंध करने के अलावा पिता अनिल सिंह(Anil Singh) , चाची मधु सिंह (Madhu Singh) और दोस्त श्रेयांश जैन (Shreyash Jain)के नाम पर एक—एक अनुबंध किया था। निवेश के बाद करीब छ लाख 85 हजार रूपए कंपनी ने वापस लौटाए। अनुबंध के तहत पिता के नाम पर मौजूद जमीन के अलावा गायत्री परिहार ने अपनी सीहोर की जमीन पर मत्स्य पालन करके मुनाफा कमाने का धोखा दिया था। निवेश के बाद एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के खाते से फिश फॉरच्यून कंपनी को रकम दी गई।

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