Bhopal Fraud News: हज कराने के नाम पर साढ़े नौ लाख रुपए का फर्जीवाड़ा

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Bhopal Fraud News: पीड़ित परिवार ने डीसीपी को थाने में हुए खेल के सबूत पेश किए तो अफसरों की फटकार के बाद दर्ज हुआ प्रकरण, मामले को दबाते रहे अफसर

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ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। हज कराने के नाम पर साढ़े नौ लाख रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है। इसमें चौका देने वाला मामला यह है कि इसकी शिकायत पहले थाने में ही हुई थी। घटना भोपाल (Bhopal Fraud News) शहर के ऐशबाग थाना क्षेत्र की है। पहले हुई शिकायत पर ट्रेवल कंपनी के एजेंट ने वकील केे जरिए अपने बचाव में झूठे तथ्य पेश कर दिए। जबकि पीड़ित के पास उसके खिलाफ तमाम सबूत थे। जब थाने ने पीड़ित परिवार की नहीं सुनी तो उन्होंने डीसीपी से मिलकर शिकायत की। जिसके बाद अफसरों ने फटकार लगाई तो पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया।

यह बोलकर ट्रेवल एजेंट ने लगा दिया था पेंच, अब वह उसके खिलाफ सबूत

पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में डीसीपी जोन—1 प्रियंका शुक्ला (DCP Priyanka Shukla) से 09 सितंबर को शिकायत हुई थी। इससे पहले पीड़ितों ने 19 जून, 2024 को थाने में आवेदन दिया था। जिसमें कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। जिस कारण पीड़ितों ने डीसीपी से शिकायत की थी। जिसकी जांच एसआई कर रहे थे। जांच के दौरान ऐशबाग (Aishbag) थाना क्षेत्र स्थित नवीन नगर (Naveen Nagar) निवासी शाहिद हसन (Shahid Hassan) के बयान दर्ज किए गए। बयानों के आधार पर पुलिस ने रफीक खान (RafiqKhan) और उसकी पत्नी को आरोपी बनाया है। आरोपी एवन हिजाज/सहुलत हाजी उमरा टूर आर्गेनाइजर (Avon Hijaz/Sahulat Haji Umrah Tour Organiser) नाम से फर्म चलाते हैं। उसने कहा था कि वह 25 मई को हज यात्रा (Haj) करा देगा। लेकिन, उसकी तारीखें बढ़ती चली गई। आखिरी तारीख 10 जून थी। इसके बाद भी उसने यात्रा नहीं कराई। नतीजतन नौ दिन बाद पीड़ित परिवार ने थाने में शिकायत कर दी थी। लेकिन, उस वक्त आरोपी ने वकील के जरिए अपना जवाब थाना पुलिस को दिया था। जिसमें उसका कहना था कि पीड़ित परिवार मुंबई (Mumbai) से यात्रा चाहता था। जबकि हमारी तरफ से दिल्ली (Delhi) की बुकिंग की गई थी। जबकि पीड़ित का कहना था कि वे दिल्ली भी गए थे। लेकिन, विमानतल के अधिकारियों ने बोर्डिंग पास जारी करने से इंकार कर दिया था। पीड़ित परिवार का हज वीजा 10 जून का था। उसने पुलिस को अपने बचाव में कई अन्य तर्क पेश कर दिए थे। जिस कारण पुलिस ने उस वक्त मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। जिसके खिलाफ मय सबूतों के साथ पीड़ितों ने डीसीपी से शिकायत की थी। यह पता चलने पर डीसीपी ने फटकार लगाते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। पुलिस ने प्रकरण 387/24 दर्ज कर लिया है। यह प्रकरण 13 सितंबर को दर्ज किया गया है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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