Bhopal Job Fraud: तीन दंपति पर पुलिस ने लगाए संगीन आरोप, तीन बेरोजगार युवकों से किस्त में ऐंठ लिए सवा बारह लाख रूपए, रकम देते वक्त पीड़ितों ने बनाए थे वीडियो जो पुलिस को सौंपे, मानव संग्रहालय के इन तीन अधिकारियों के नाम भी इस कारण एफआईआर में आए
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भोपाल। सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर तीन दंपति ने मिलकर तीन युवकों से किस्त में सवा बारह लाख रूपए ऐंठ लिए। यह घटना भोपाल (Bhopal Job Fraud) शहर के ऐशबाग थाना क्षेत्र की है। आरोपियों ने मानव संग्रहालय में नौकरी लगाने का झांसा दिया था। भरोसे में लेने के लिए जालसाज दंपति ने मेडिकल के लिए निजी क्लीनिक से टेस्ट भी कराया था। इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़ितों के घरों पर फर्जी अपाइंटमेंट लैटर भी भेजे थे। इस फर्जीवाड़े का पता चलने पर कई दिनों तक आरोपियों के साथ पैसा मांगने को लेकर विवाद होता रहा। इसी बीच मामला थाने पहुंचा और प्रकरण दर्ज किया गया।
कंसल्टेंसी चलाने का करती थी काम
इन पदों पर होनी थी बेरोजगारों की भर्ती
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लोकेंद्र सिंह चौहान ने पुलिस को बताया कि जीनत और उसका पति फराज (Faraz) इसके अलावा उजमा (Uzma) और उसका पति जहीर उद्दीन उर्फ माहिर आजाद (Zaheer Uddin@Mahir Azad) ने तीनों युवकों को मानव संग्रहालय (Manav Sangrahalaya) में नौकरी (Bhopal Job Fraud) लगाने का लालच दिया था। आरोपी हिना परवीन और उसका पति इमरान ने तीनों से अक्टूबर, 2021 में मुलाकात की। आरोपी दंपति ने मानव संग्रहालय में टिकट मैकर और टिकट चेकर पद में भर्ती कराने का झांसा दिया। इसके बदले में तय हुआ कि वह 60 फीसदी एडवांस में रकम लेंगे। बाकी नियुक्ति पत्र मिलने के बाद रकम चुकाना होगी। इस सौदे के तहत तीनों बेरोजगारों ने पहली किस्त 60 हजार रूपए अक्टूबर, 2021 को दी थी। फिर दो लाख रूपए छह दिन बाद लोकेंद्र सिंह चौहान ने दिए थे। यह रकम हिना परवीन के एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) खाते में जमा कराई गई थी।
घर पर पहुंचा दिए फर्जी कॉल लैटर
मानव संग्रहालय के अफसरों को पहुंचानी थी रकम
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लोकेंद्र सिंह चौहान ने पुलिस को बताया कि जॉब लैटर के बाद उन्हें कहा गया था कि कोरोना गाइड लाइन के चलते ट्रेनिंग प्रोग्राम को टाल दिया गया है। कुछ दिनों बाद आरोपियों ने भर्ती पूर्व मेडिकल फिटनेस के लिए कोहेफिजा स्थित थायरो केयर से चेकअप भी कराया गया। कुछ दिनों बाद उनके ई—मेल पर फर्जी रोजगार कार्यालय (Bhopal Job Fraud) की आईडी से फेक ट्रेनिंग प्रोग्राम का पत्र भी भेजा गया। आरोपी हिना परवीन और उसका पति फिर पैसे देने की जिद करने लगे। पीड़ितों को शक हो गया था तो वे कहने लगे कि मानव संग्रहालय के अफसरों सूर्य कुमार पांडे, नितिन देशपांडे और मेहबूब साहब को रकम पहुंचाना है। ऐसा नहीं किया तो पूर्व में दिए गए साढ़े सात लाख रूपए डूब जाएंगे।
यह क्यों फंसे इस बात पर सस्पेंस बरकरार
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