MP IPS Transfer: सोशल मीडिया में ट्रोल हुई सरकार, चार पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदली
भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने शुक्रवार को आनन—फानन में भारतीय पलिस सेवा के चार अधिकारियों के तबादला आदेश (MP IPS Transfer) जारी कर दिए। इसमें सबसे चौका देने वाला नाम लोकायुक्त डीजी कैलाश मकवाना का था। उन्हें छह महीने पहले ही डीजी बनाया गया था। इस आदेश के बाद सोशल मीडिया में सरकार की काफी किरकिरी भी हुई। वहीं मैन स्ट्रीम मीडिया में यह बात सामने आई कि डीजी कैलाश मकवाना और लोकायुक्त के बीच रिश्ते सामान्य नहीं चल रहे थे।
यह बोलकर ट्वीट में जताया दर्द
सरकार की तरफ से 1988 बैच के आईपीएस कैलाश मकवाना (IPS Kailash Makwana) को मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में अध्यक्ष बनाया है। इसी तरह 1990 बैच के आईपीएस केटी वाईफे को भी लोकायुक्त पुलिस संगठन से हटाकर एडीजी कोआपरेटिव फ्रॉड एवं लोक सेवा गारंट में भेजा गया। इसके अलावा 1996 बैच के आईपीएस योगेश चौधरी (IPS Yogesh Chaudhry) लोकायुक्त पुलिस संगठन में भेज दिया गया। इससे पहले चौधरी मुख्यमंत्री के ओएसडी थे। नक्सल विरोधी अभियान में आईजी 1998 बैच के आईपीएस साजिद फरीद शापू (IPS Sazid Fareed Shapu) को एसएएफ में आईजी बनाया गया। इस आदेश के बाद कैलाश मकवाना ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि अपने सीनियर अधिकारियों की तरफ से मिले कमेंट से उन्हें बहुत अच्छा लगा। फिर हिंदी में लिखा कर्म किए जा। इसके साथ ही उन्होंने व्हाट्स एप पर आए एक संदेश के स्क्रीन शॉट को टैग किया। जिसमें लिखा था कि कैलाश छह महीने के भीतर लोकायुक्त में उपलब्धि पाने पर आपको बधाई। लोकायुक्त में अब तक ऐसी छाप किसी ने नहीं बनाई। आपके नाम से सरकारी महकमे में फैले भ्रष्ट अधिकारियों की बैचेनी पता चल गई। ऐसा 30 साल के भीतर किसी अधिकारी ने नहीं किया।
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