Bhopal Lock Down Effect: पुलिस के लिए ‘अनजान’ लोगों की मौत ने उलझन में डाला

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Bhopal Lock Down Effect: लॉक डाउन और चिलचिलाती धूप ने शहर के भिखारियों की मुसीबतें बढ़ाई

Bhopal Lock Down Effect
थाना कोहेफिजा भोपाल

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Lock Down Effect) में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। इस कारण लोगों को घर से निकलने की पाबंदियां लगाई जा रही हैं। सिलसिला 12 अप्रैल से शुरू हुआ था। जो 26 अप्रैल तक बरकरार रहेगा। इन आदेशों के चलते आम नागरिक घरों से नहीं निकल रहे हैं। इसका असर फुटपाथ पर भीख मांगकर जीवन व्यतीत करने वाले लोगों पर पड़ रहा हैं। इधर, राजधानी में तापमान का पारा उछाल मार रहा हैं। इसकी वजह से शरीर में पानी की मात्रा भी घटती है। यह बातें हम आपको हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि शहर में पिछले 24 घटों में चार अनजान शख्स की मौतें हुई हैं। मौतों पर फिलहाल सस्पेंस बरकरार हैं।

तीन थानों में पहुंचे मामले

कोहेफिजा थाना पुलिस ने बताया कि हमीदिया अस्पताल से रविवार दोपहर डेढ़ बजे दो मौतों की खबर मिली थी। शव की पहचान फिलहाल अब तक नहीं हो सकी है। दोनों पुरूष है जिनकी उम्र लगभग 50 साल के आसपास बताई जा रही हैं। देखने से वह भिखारी थे। इधर, टीलाजमालपुरा थाना पुलिस को बैरसिया बस स्टेंड से अज्ञात 70 वर्षीय पुरूष का शव मिला है। उधर, हनुमानगंज थाना पुलिस ने 35 वर्षीय शव बस स्टेण्ड से बरामद किया हैं। शव की पहचान के लिए मर्चूरी रूम में रखा लिए है। आसपास के थानों में सूचना दे दी गई है।

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बीएसएनएल कम्पनी में कर्मचारी

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File Image

कोतवाली थाना पुलिस के अनुसार रविवार शाम साढ़े चार बजे चिरायु अस्पताल से मौत की खबर मिली थी। एसआई सुनील कुमार ने बताया शव की पहचान बाबू कनाडे पिता जगन्नाथ उम्र 45 वर्ष के रूप में हुई है। बाबू कनाडे मदर इंडिया कॉलोनी में परिवार के साथ रहता था। वह बीएसएनएल कम्पनी में नौकरी करता था। वह मंगलवार दोपहर नूरमहल रोड़ स्थित बिजली के खंबे पर चढ़कर तार डाल रहा था। तभी वह करंट की चपेट में आ गया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। शव पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया हैं।

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