MCU Scam : कुठियाला की याचिका खारिज, फरार घोषित करने की कार्रवाई शुरू

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MCU Scamहाईकोर्ट से जमानत निरस्त होने के बाद फरारी उदघोषणा में अदालत से मांगी थी रियायत

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुए (MCU Scam) फर्जीवाड़े के मामले में पूर्व कुलपति बृज किशोर कुठियाला की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, जिला अदालत ने उनकी अर्जी को खारिज करते हुए ईओडब्ल्यू के आवेदन को स्वीकार लिया है। ईओडब्ल्यू ने फरारी उदघोषणा के लिए जिला अदालत में आवेदन लगाया था।

ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी के अनुसार न्यायाधीश संजीव पांडे की अदालत में 10 जुलाई को फरारी उदघोषणा के लिए आवेदन लगाया था। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने हरियाणा के पंचकूला, दिल्ली समेत कई अन्य ठिकानों पर दबिश दी गई थी। यह दबिश माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुई (MCU Scam) वित्तीय अनियमितता और नियुक्तियों को लेकर दर्ज एफआईआर के संबंध में की गई थी। इसी दौरान कुठियाला की तरफ से 13 जुलाई को आवेदन लगाया गया। कुठियाला ने दावा किया था कि वे कानून का सम्मान करते हैं और वह 19 जुलाई तक ईओडब्ल्यू के समक्ष हाजिर हो जाएंगे। ईओडब्ल्यू की तरफ से धारा 82 के तहत आवेदन लगाया गया था। इधर, कुठियाला ने हाईकोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत के लिए भी अर्जी लगाई थी। यह अर्जी हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 22 जुलाई को खारिज कर दी। इस कारण ईओडब्ल्यू के पास पर्याप्त सबूत मौजूद थे कि वे लगातार ईओडब्ल्यू के साथ असहयोग कर रहे हैं। अदालत अब इस मामले में अगली सुनवाई के पश्चात आरोपी कुठियाला को फरार घोषित करेगी। जिसके बाद ईओडब्ल्यू धारा 83 के तहत संपत्ति कुर्क करने के लिए आवेदन लगाएगी।

किताबों में करोड़ों रुपए लुटाए
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने अपने दो बार के कार्यकाल में कई (MCU Scam) वित्तीय अनियमितताएं की हैं। इसमें से ही एक मामला यह भी सामने आया है कि विश्वविद्यालय की तरफ से चार महर्षियों पर शोध कार्य कराया था। हालांकि इस शोध कार्य से विश्वविद्यालय या फिर वहां के विद्यार्थियों को कोई फायदा नहीं पहुंचा। यह शोध महर्षि पंतजलि, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद और महर्षि पाणिनी पर कराए गए थे। यह शोध भाजपा से राज्यसभा पहुंचे और आरएसएस विचारधारा के प्रोफेसर राकेश सिन्हा की सिफारिश पर कराए गए थे। इसके बाद चार पुस्तकों का प्रकाशन हुआ था। इन सभी काम के बदले में लगभग एक करोड़, सात लाख और 49 हजार रुपए का खर्च आया था। यह भुगतान विश्वविद्यालय के बजट से किया गया। इस संबंध में ईओडब्ल्यू के पास पर्याप्त सबूत भी है।

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बिशनखेड़ी में करोड़ों का नुकसान
डीजी ने बताया कि कुठियाला ने अपने कार्यकाल के दौरान मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, नासिक, नागपुर, केरल, हरिद्वार समेत कई अन्य शहरों की यात्राएं की है। इन यात्राओं को लेकर विवि हित से जुड़े कार्य नहीं मिले हैं। इन यात्राओं में ही लाखों रुपए का (MCU Scam) व्यय किया गया। इधर, एमपी हाऊसिंग बोर्ड के इंजीनियरों ने बिशनखेड़ी में बन रहे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए भवन के निर्माण कार्य में पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने काफी हस्तक्षेप किया। इस कारण बनाने में 40 से 45 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय विवि के बजट में भार आया। इस संबंध में विवि से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी गई है।

MCU Scamलिया तब लाखों में जमा किया हजारों का
कुठियाला ने पाकिस्तान मीडिया स्कैन पर ही रिसर्च के लिए लगभग 17 लाख रुपए खर्च किए। राष्ट्रीय ज्ञान संगम पर आयोजित कार्यशाला में 6 लाख रुपए खर्च किए। एक अन्य सामाजिक कार्यशाला के लिए 7 लाख रुपए व्यय किए गए। इसी तरह कुठियाला ने जिस तरह से दूसरे मॉडल का मोबाइल जमा किया था वैसा ही फर्जीवाड़ा लैपटॉप में भी किया गया। कुठियाला ने लेनोवो कंपनी का लैपटॉप लिया था। जिसकी कीमत करीब सवा एक लाख रुपए थी। लेकिन, जब वे विवि से निकले तो करीब 13 हजार रुपए कीमत का पुराना लैपटॉप जमा करा गए।

लगातार चकमा दे रहे कुठियाला
प्रोफेसर बीके कुठियाला आरएसएस विचारधारा से जुड़े हैं। कुठियाला पहले नोटिस पर हाजिर नहीं हुए। दूसरी बार बीमारी का पर्चा पहुंचा दिया। तीसरी बार जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई। जिसे अदालत ने खारिज कर दी। ईओडब्ल्यू का दावा है कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। कुठियाला के खिलाफ अप्रैल, 2019 में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में 20 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है। कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की मद से चाय-बिस्कुट और शराब की बोतलों का भुगतान कराया। ईओडब्ल्यू वित्तीय अनियमित्तओं के अलावा फर्जी तरीके से हुई नियुक्ति की जांच कर रही है। इसी मामले में पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला, डॉक्टर अनुराग सीठा, डॉक्टर पी शशिकला, डॉक्टर पवित्र श्रीवास्तव, डॉक्टर अविनाश बाजपेयी, डॉक्टर अरूण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉक्टर मोनिका वमाज़्, डॉक्टर कंचन भाटिया, डॉक्टर मनोज कुमार पचारिया, डॉक्टर आरती सारंग, डॉक्टर रंजन सिंह, सुरेन्द्र पाल, डॉक्टर सौरभ मालवीय, सूयज़् प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, उसका भाई सत्येन्द्र कुमार डहेरिया, गजेन्द्र सिंह, डॉक्टर कपिल राज चंदौरिया और रजनी नागपाल समेत अन्य आरोपी है। इसमें आरती सारंग प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की बहन हैं। वहीं प्रोफेसर संजय द्विवेदी बघेलखंड के एक कद्दावर नेता के रिश्तेदार हैं।

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