राजनीतिक रंजिश के चलते प्रशासन पर कार्रवाई करने का लगाया आरोप, मासूम को बिलखते देख कार्रवाई छोड़कर भागे अफसर
भोपाल। मध्यप्रदेश में माफिया के खिलाफ शुरु हुई मुहिम (MP Anti Mafia Campaign) अब विवादों में घिरती जा रही है। प्रदेश के कई हिस्सों में सख्ती तो बरती गई। कई माफिया के मकान, दुकान समेत अन्य अतिक्रमण जमींदोज किए गए। लेकिन, भोपाल (Bhopal Crime) में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। कुछ कार्रवाई हुई उसमें भी विवाद गहरा गया है। ताजा मामला भाजपा के पूर्व पार्षद संध्या जाट (Sandhya Jat) को लेकर की गई कार्रवाई का है। पूर्व पार्षद के अतिक्रमण के कब्जे को प्रशासन ने एक पखवाड़े में दूसरी बार जमींदोज किया। अब यह कार्रवाई उसके लिए सिरदर्द बन गई है। दरअसल, प्रशासन पर नियम विरुद्ध कार्रवाई के आरोप पूर्व पार्षद के रिश्तेदारों ने लगाए हैं।
जानकारी के अनुसार पूर्व पार्षद संध्या जाट यहां आनंद विहार स्कूल (Anand Vihar School) के नजदीक शिव नगर इलाके में रहती हैं। उनका मकान 9 जनवरी को तहसीलदार और आरआई ने ध्वस्त कर दिया। जिस मकान को गिराया गया वह संध्या जाट के ही नाम पर है। संध्या जाट (BJP Leader Sandhya Jat) पिछले छह महीने से फरार चल रही हैं। उनके खिलाफ टीटी नगर थाने में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप लगाया गया है कि सरकारी जमीन पर कब्जे के लिए मंदिर बनाया गया। इसी मामले में संध्या और पति दोनों फरार है। घर पर दो बेटे भुवनेश और केशव हैं। भुवनेश ने बताया कि प्रशासन ने 27 दिसंबर, 2019 को मकान नंबर 323 को अवैध बताकर तोड़ दिया था। यह कार्रवाई करने से पहले प्रशासन ने बकायदा समाचार पत्र में विज्ञापन दिया था और सूचना दी थी। इस कार्रवाई के कुछ दिन बाद प्रशासन की तरफ से एक ओर नोटिस भेजा गया। यह नोटिस बेटों को 7 जनवरी की दोपहर 3 बजे मिला था। इसमें कहा गया था कि तीन दिन के भीतर मकान से सामान हटा लिया जाए। मकान को कब्जे का बताकर सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया। भुवनेश का दावा है कि उनके जिस मकान को ध्वस्त किया गया उसका पट्टा एसडीएम कार्यालय से जारी था। इसके बावजूद निर्धारित मियाद से पहले प्रशासन आकर मकान गिराकर चला गया।
भुवनेश (Bhuvnesh Jat) का आरोप है कि जब यह कार्रवाई की जा रही थी उस वक्त साढ़े चार साल की बच्ची बाथरुम में थी। उसको भी निकालने नहीं दिया गया। उसके रोने की आवाज सुनकर प्रशासन के अफसर भाग खड़े हुए। परिवार अब दहशत में हैं और उन्हें शक है कि अफसरों की फर्जी रिपोर्ट पर पूर्व पार्षद के बेटों पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। परिवार भरी ठंड़ में रात गुजारने को मजबूर है। इस मामले में एसडीएम टीटी नगर संभाग राजेश शुक्ला से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया। लेकिन, उन्होंने फोन पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी।
राजनीतिक रंजिश का आरोप
भुवनेश ने बताया कि एक पार्टी के पार्षद के खिलाफ माता—पिता ने मोर्चा खोल रखा था। पार्षद के फर्जी पट्टे और पैविंग ब्लॉक चोरी करने के मामले उजागर किए गए थे। इन मामलों को लेकर पार्षद सरकार बदनले के बाद अफसरों की मदद से परिवार के खिलाफ साजिश कर रहा है। भुवनेश ने बताया कि परिवार पर आए संकट के बादल पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने पूर्व पार्षद के परिवार की पूरी मदद की। भोजन से लेकर उनके रहने के इंतजाम भी किए। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता मदद के लिए सामने नहीं आया। भुवनेश ने बताया कि पूरा परिवार और रिश्तेदारों को टारगेट किया जा रहा है। भुवनेश ने चेतावनी दी है कि यदि यह प्रताड़ना जल्द बंद न हुई तो वह सीएम हाउस के सामने आत्मदाह कर लेंगे।
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