MP By Election: भाजपा ने इसलिए मचाया हल्ला, पीछा छूटा गद्दार और वफादार का नारा
भोपाल। मध्य प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव (MP By Election) होने हैं। इस उप चुनाव में कांग्रेस से भाजपा में गए 25 उम्मीदवारों के भाग्य का भी फैसला होना है। जिन बागी उम्मीदवारों का फैसला तय होना हैं उन्हें नारी शक्ति ने ही विजेता बनाया था। लेकिन, उसी नारी शक्ति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Former CM Kamal Nath Item Comment) ने पिछले दिनों विवादित बयान दे दिया था। इस बयान पर भाजपा ने तूल देकर पूरे मामले को ही पलट दिया। हालांकि दोनों ही दल इस विषय को लेकर कुछ दूसरे ही मायने निकालकर अपना—अपना बचाव अपने तरीके से कर रहे हैं।
नारी शक्ति का इसलिए है महत्व
मध्य प्रदेश में पिछले 15 साल भाजपा (MP BJP News) ने राज किया। 2013 के मतदान और 2018 के मतदान में ग्वालियर, चंबल क्षेत्र के करीब एक दर्जन सीटों पर इसका असर देखने को मिला था। दरअसल, 2013 के मतदान के मुकाबले 2018 में हुए मतदान में सर्वाधिक मतदान महिलाओं ने किया था। इसका फायदा भाजपा की बजाय कांग्रेस (MP Congress News) को मिला था। यहां महिला मतदाता ने पिछली बार भाजपा को आईना दिखाया था। इसलिए भाजपा महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए पूरी कोशिश में जुटी है। इसी कोशिश में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बयान ने भाजपा को बैठे हुए मुद्दा थमा दिया।
यहां चौंका सकते हैं परिणाम
विधानसभा के 2018 में चुनाव में सुवासरा सीट पर 80 फीसदी, नेपा नगर में 71 फीसदी, मांधाता में 77 फीसदी तो अनूपपुर में 75 फीसदी मतदान महिलाओं ने किए थे। मतलब साफ है कि यहां महिला वोट (MP By Election) एकतरफा कांग्रेस के पाले में गिरा था। अब वापस यहां चुनाव है और महिला मतदाताओं के वोटों का ध्रुवीकरण किया जाना आवश्यक था। इसलिए भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के ‘आइटम’ वाले बयान को मुद्दा बनाकर महिला वोट बैंक को बांट दिया। इसी बयान के चलते कुछ दिनों तक गद्दार बनाम वफादार वाला जुमला ठंडा हो गया। हालांकि परिणाम 10 नवंबर को आएंगे जिसके बाद बयान और उसके मायने समेत कई अन्य बातें सामने होगी।
‘कमल नाथ राहुल को कुछ नहीं समझते तो जनता का क्या कर सकेंगे’
आइटम शब्द के इस्तेमाल पर तेज हुई राजनीति को लेकर भाजपा प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी (Durgesh Keswani) से प्रतिक्रिया ली गई। उन्होंने कहा कि आइटम शब्द भाजपा ने नहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा था। जिसको लेकर राहुल गांधी भी अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। इसके बावजूद कमल नाथ ने माफी मांगी नहीं। राहुल गांधी उनकी ही पार्टी के राष्ट्रीय नेता है। मतलब साफ है जो व्यक्ति अपनी ही पार्टी के मुखिया की बात न सुन रहा वह जनता को कितनी प्राथमिकता में लेगा।
असफलताओं का कोई जवाब नहीं इसलिए तूल दिया जा रहा
इधर, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा (KK Mishra) ने कहा कि कांग्रेस के पास 15 महीने का सारा हिसाब है। भाजपा के पास 15 साल का हिसाब नहीं है। भाजपा असफलताओं के जवाब देने की स्थिति में नहीं है। इसलिए क्षणिक मुद्दों को तूल दे रही है। इस बात से महिला मतदाताओं (MP By Election) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इन मुद्दों पर वही चेहरा उभार रहा है जो जिनके शासनकाल में गैंगरेप और बलात्कार और पीड़िताओं की हत्या जैसे मामलों में प्रदेश नंबर एक पर रहा है। प्रदेश की जनता इन्हें नहीं भूल सकती। यह साजिश नाकामयाब रहेगी।
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।
MP By Election: कमल नाथ के ‘आइटम’ वाले बयान के मायने
MP By Election: भाजपा ने इसलिए मचाया हल्ला, पीछा छूटा गद्दार और वफादार का नारा
भोपाल। मध्य प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव (MP By Election) होने हैं। इस उप चुनाव में कांग्रेस से भाजपा में गए 25 उम्मीदवारों के भाग्य का भी फैसला होना है। जिन बागी उम्मीदवारों का फैसला तय होना हैं उन्हें नारी शक्ति ने ही विजेता बनाया था। लेकिन, उसी नारी शक्ति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Former CM Kamal Nath Item Comment) ने पिछले दिनों विवादित बयान दे दिया था। इस बयान पर भाजपा ने तूल देकर पूरे मामले को ही पलट दिया। हालांकि दोनों ही दल इस विषय को लेकर कुछ दूसरे ही मायने निकालकर अपना—अपना बचाव अपने तरीके से कर रहे हैं।
नारी शक्ति का इसलिए है महत्व
मध्य प्रदेश में पिछले 15 साल भाजपा (MP BJP News) ने राज किया। 2013 के मतदान और 2018 के मतदान में ग्वालियर, चंबल क्षेत्र के करीब एक दर्जन सीटों पर इसका असर देखने को मिला था। दरअसल, 2013 के मतदान के मुकाबले 2018 में हुए मतदान में सर्वाधिक मतदान महिलाओं ने किया था। इसका फायदा भाजपा की बजाय कांग्रेस (MP Congress News) को मिला था। यहां महिला मतदाता ने पिछली बार भाजपा को आईना दिखाया था। इसलिए भाजपा महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए पूरी कोशिश में जुटी है। इसी कोशिश में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बयान ने भाजपा को बैठे हुए मुद्दा थमा दिया।
यहां चौंका सकते हैं परिणाम
विधानसभा के 2018 में चुनाव में सुवासरा सीट पर 80 फीसदी, नेपा नगर में 71 फीसदी, मांधाता में 77 फीसदी तो अनूपपुर में 75 फीसदी मतदान महिलाओं ने किए थे। मतलब साफ है कि यहां महिला वोट (MP By Election) एकतरफा कांग्रेस के पाले में गिरा था। अब वापस यहां चुनाव है और महिला मतदाताओं के वोटों का ध्रुवीकरण किया जाना आवश्यक था। इसलिए भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के ‘आइटम’ वाले बयान को मुद्दा बनाकर महिला वोट बैंक को बांट दिया। इसी बयान के चलते कुछ दिनों तक गद्दार बनाम वफादार वाला जुमला ठंडा हो गया। हालांकि परिणाम 10 नवंबर को आएंगे जिसके बाद बयान और उसके मायने समेत कई अन्य बातें सामने होगी।
‘कमल नाथ राहुल को कुछ नहीं समझते तो जनता का क्या कर सकेंगे’
आइटम शब्द के इस्तेमाल पर तेज हुई राजनीति को लेकर भाजपा प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी (Durgesh Keswani) से प्रतिक्रिया ली गई। उन्होंने कहा कि आइटम शब्द भाजपा ने नहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा था। जिसको लेकर राहुल गांधी भी अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। इसके बावजूद कमल नाथ ने माफी मांगी नहीं। राहुल गांधी उनकी ही पार्टी के राष्ट्रीय नेता है। मतलब साफ है जो व्यक्ति अपनी ही पार्टी के मुखिया की बात न सुन रहा वह जनता को कितनी प्राथमिकता में लेगा।
असफलताओं का कोई जवाब नहीं इसलिए तूल दिया जा रहा
इधर, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा (KK Mishra) ने कहा कि कांग्रेस के पास 15 महीने का सारा हिसाब है। भाजपा के पास 15 साल का हिसाब नहीं है। भाजपा असफलताओं के जवाब देने की स्थिति में नहीं है। इसलिए क्षणिक मुद्दों को तूल दे रही है। इस बात से महिला मतदाताओं (MP By Election) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इन मुद्दों पर वही चेहरा उभार रहा है जो जिनके शासनकाल में गैंगरेप और बलात्कार और पीड़िताओं की हत्या जैसे मामलों में प्रदेश नंबर एक पर रहा है। प्रदेश की जनता इन्हें नहीं भूल सकती। यह साजिश नाकामयाब रहेगी।
यह भी पढ़ें: ‘आइटम’ के बयान के बाद भाजपा ने इस तरह से मौन रखकर कांग्रेस के नारे को कमजोर किया
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