MP Political News: क्लब हाउस चैट हुआ वायरल, मुख्यमंत्री समेेत कई मंत्रियों और नेताओं ने घेरा, बयान पर मुकरने की बजाय अड़े पूर्व मुख्यमंत्री
भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Political News) में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजनीति के क्षेत्र में पहचान को मोहताज नहीं है। पार्टी में उनके कद को छोटा—बड़ा आंककर हमेशा उनको घेरने की कोशिश की गई है। वे जब भी बोले हैं तब उन्होंने अपनी ही पार्टी को संकट में डाला है। ऐसा कई मोर्चो पर कई बार उन्होंने ऐसा किया है। ताजा विवाद उन्होंने क्लब हाउस चैट में किया। वह चैट जाने कहां से वायरल हुई जिसके बाद दिल्ली से लेकर भोपाल में कोहराम मच गया। यह वाक्या तब हुआ जब देश में कांग्रेस ने महंगाई को मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरने की रणनीति पर काम शुरु किया।
सोनिया गांधी से मांगा जवाब
इस मुद्दे पर सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वीडियो बयान जारी हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कश्मीर में धारा 370 लगाने का पाप किया था। इसको प्रधानमंत्री ने हटाकर दो निशान, दो विधान वाली व्यवस्था को समाप्त कर दिया। कांग्रेस फिर पाकिस्तान की भाषा बोल रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह कह रहे है कि वे पुर्नविचार करेंगे। फिर इस धारा को थोपकर अलगाववाद को हवा देने का काम करेगी। कांग्रेस का हाथ पाकिस्तान के साथ। सोनिया गांधी को इस मामले में जवाब देना चाहिए। लगभग यही बात प्रदेश के चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने भी कहा।
यह भी पढ़ें: नेहरु को कोसते—कोसते सांस उखड़ आती थी, आज उन्हीं की विरासत से बच रही है नाक
केवल तुष्टिकरण की राजनीति
इस विषय पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भी पूर्व मुख्यमंत्री को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह हमेशा देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहते हैं। पुलवामा अटैक, सर्जीकल स्ट्राइक, बाटला हाउस इनकाउंटर समेत कई अन्य ऐसे उदाहरणों को पेश करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने देश की सुरक्षा, एकता, अखंडता को तोड़ने वाला बताया। चैट में पाकिस्तान के पत्रकार भी शामिल थे। पाकिस्तानी पत्रकार और चैट को वायरल करने के पीछे साजिश का संकेत उन्होंने दिया। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जांच एनआईए से करने की मांग करते हुए पत्र लिख दिया। इसी तरह पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी दिग्विजय सिंह को कोसा।
कांग्रेस के भीतर भी विरोध के सुर
कांग्रेस ने शुक्रवार को पूरे देश में महंगाई के खिलाफ जमकर विरोध किया था। इस विरोध का असर मैदान में होता उससे पहले दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस को संकट में डाल दिया। कांग्रेस संगठन के ही भीतर में सक्रिय वे नेता जो उनके विरोधी लॉबी के थे वे खामोश हो गए। जबकि पक्ष में पीसी शर्मा सामने आए। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। भाजपा देश में कोरोना और महंगाई के मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए एक बार फिर राष्ट्रवाद का खेल कर रही है। बचाव में जेपी धनोपिया ने भी कहा कि बेरोजगारी समेत कई अन्य मुद्दों को दबाने के लिए सरकार मीडिया का इस्तेमाल कर रही है। यह बात उन्होंने एक टीवी डिबेट के दौरान बोली।
घेरने निकले थे घर बचाने में जुटी
कांग्रेस ने एक दिन पहले ही महंगाई के मुद्दे पर जबरदस्त माहौल देशभर में बनाया था। कई तरह के मीम और चुटकुले बनाकर बांटे जाने वाले थे। उससे पहले दिग्विजय सिंह के विवादित चैट ने उस योजना पर पानी फेर दिया। कांग्रेस की आईटी सेल भाजपा की आईटी सेल के सामने असहाय नजर आई। नतीजतन, महंगाई, बेरोजगारी समेत कई गंभीर मुद्दे पीछे छूट गए और भारत—पाकिस्तान मुद्दा ट्रोल हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने बयानों से नहीं पलटे। उन्होंने अंग्रेजी के दो शब्द आगे बढ़ाकर राजनीतिक बयान जारी किया। हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दिल्ली में संबित पात्रा भी इस मामले में राहुल गांधी को घेर चुके थे। मध्य प्रदेश में 10 साल मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले दिग्विजय सिंह को भाजपा ने बहुत अच्छे से भुनाया है।
यह भी पढ़ें: सांसद दिग्विजय सिंह दो साध्वी से हमेशा मात खाते रहें हैं जानिए क्यों
किनारा करती रही है कांग्रेस
इस कारण तीन बार सत्ता से दूर रही कांग्रेस पार्टी ने ही उन्हें मध्य प्रदेश (MP Political News) के पिछले आम चुनाव के दौरान राहुल गांधी की रथ यात्रा वाली बस में पीछे बैठने को मजबूर कर दिया था। वे जनता और भाजपा के नेताओं से दूर रखे जाने लगे थे। हालांकि प्रत्याशी चयन से लेकर रणनीति पर कई जगह उनका रोल था। आज भी भाजपा दिग्विजय सिंह के बोलते ही तुरंत राजनीतिक किलाबंदी करके कांग्रेस को पछाड़ देती है। पूर्व मुख्यमंत्री को युवा वर्ग संविदा नौकरी नियम लागू किए जाने के फैसले से आज तक नाराज चल रहा है। इसके अलावा ग्रामीण अंचलों में बिजली कटौती और सड़क के हाल की वजह से भी उन्हें याद करके आज भी कोसा जाता है।