Bhopal Property Fraud: दवा घोटाला में सुर्खियों में आए थे यह अधिकारी, उनके बेटे के जाली हस्ताक्षर करके उनका पूर्व करीबी हथियाना चाह रहा था करोड़ों रूपए का फ्लैट
भोपाल। एमपी में अमूमन हर साल कोई बड़ा घोटाला सामने आता है। ऐसा ही प्रदेश में दवा घोटाला हुआ था। जिसमें पूर्व स्वास्थ्य संचालक डॉक्टर योगीराज शर्मा फंसे थे। उनके बंगले में छापा मारने के बाद सोने वाले बिस्तर में नोटों के बंडल मिले थे। अब वे जालसाजी का शिकार हो गए। घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के एमपी नगर थाना क्षेत्र की है। फर्जीवाड़ा करने वाला पूर्व स्वास्थ्य संचालक का करीबी है। यह जालसाजी तब पकड़ में आई जब पूर्व स्वास्थ्य संचालक ने आरटीआई के जरिए दस्तावेज निकाले। उनके बेटे के नाम पर मौजूद फ्लैट को हथियाने के लिए यह फर्जीवाड़ा किया गया था।
ऐसे सामने आया पूरा फर्जीवाड़ा
एमपी नगर (MP Nagar) थाना पुलिस के अनुसार बीडीए (BDA) की कमर्शियल कम रेसीडेसियल मल्टी विजय स्तम्भ है। जिसमें एक फ्लैट डॉक्टर योगीराज शर्मा (Dr Yogiraj Sharma) के बेटे के नाम पर हैं। पिछले दिनों इस फ्लैट की लीज को लेकर नोटिस जारी हुआ था। जिसमें विवाद की स्थिति बनने पर भोपाल विकास प्राधिकरण ने प्रकरण एमपी नगर थाना पुलिस को सौंपा था। पुलिस के समक्ष हरिंदर सिंह बेदी उर्फ राजा बेदी (Harinder Singh Bedi@Raja Bedi) ने शपथ पत्र के साथ बकायदा एक अनुबंध पत्र दिया था। जिसमें पूर्व स्वास्थ्य संचालक के बेटे गौरव शर्मा (Gaurav Sharma) के हस्ताक्षर थे। इस जानकारी से डॉक्टर योगीराज शर्मा को अवगत करा दिया गया। जिसके बाद उन्होंने आरटीआई के जरिए उस अनुबंध पत्र को निकाला। उसे अवधेश चंद्र नामदेव (Awadhesh Chandra Namdev) के जरिए पता लगाया गया कि वह असली है अथवा नकली है। जिसमें पता चला कि बेटे के हस्ताक्षर नकली हैं। इसको हासिल करने के बाद डॉक्टर योगीराज शर्मा ने थाना पुलिस से शिकायत की।
तेरह साल पहले एग्रीमेंट करना बताया
पुलिस ने 24 जुलाई को डॉक्टर योगीराज शर्मा पिता राजकुमार शर्मा उम्र 67 साल की शिकायत पर प्रकरण 362/23 दर्ज किया गया। जिसमें धारा 420/467/468 (जालसाजी और दस्तावेजों की कूटरचना का प्रकरण) दर्ज किया गया। जिसमें आरोपी हरिंदर सिंह बेदी उर्फ राजा बेदी को बनाया गया है। अरेरा कॉलोनी स्थित ई—3 निवासी शर्मा ने प्रकरण के पक्ष में दस्तावेज की रिपोर्ट बनाने वाले व्यक्ति के बयान भी दर्ज कराए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उक्त फ्लैट के पते पर गौरव शर्मा कारोबार करते हैं। जिसमें सहयोग के लिए आरोपी को रखा गया था। आरोपी ने अनुबंध अगस्त, 2010 में करना बताया गया था।
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