MP Cricket Association News: एमपी क्रिकेट एसोसिएशन ने थमाया पुलिस विभाग के आरआई को नोटिस, उसके बाद थाने पहुंचा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला
भोपाल। संभागीय क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जमा कराए गए जन्म सर्टिफिकेट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यह प्रकरण मध्यप्रदेश राज्य पुलिस सेवा के रक्षित निरीक्षक अधिकारी से जुड़ा है। पूरा मामला तब सामने आया जब आरआई को एमपी क्रिकेट एसोसिएशन (MP Cricket Association News) ने नोटिस थमाया। यदि यह साबित होता है तो आरआई के बेटे को क्रिकेट टीम के लिए दो साल के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसी कारण पिता ने विभाग से मांगी और मामला भोपाल शहर के कोहेफिजा थाने में दर्ज कराया। पुलिस अधिकारी का आरोप है कि यह फर्जीवाड़ा विधि क्षेत्र से जुड़े एक व्यक्ति ने किया है।
साले की मदद से भोपाल कलेक्टर में किया था आवेदन
कोहेफिजा थाना पुलिस के अनुसार 6 जनवरी की शाम लगभग साढ़े सात बजे 18/23 धारा 420 जालसाजी का मामला दर्ज किया गया। यह घटना भोपाल कलेक्टर परिसर की है। शिकायत जगदीश पाटील पिता भैयालाल पाटील उम्र 66 साल ने दर्ज कराई। इस मामले में आरोपी रवींद्र गुप्ता (Ravindra Gupta) है। बताया जा रहा है कि वे पेशे से वकील है। जिनसे जगदीश पाटील (Jagdish Patil) ने अपने बेटे पवित्र पाटील का बर्थ सर्टिफिकेट बनाया था। इस काम के लिए उन्होंने अशोका गार्डन विनायक होम्स निवासी साले गणेश खातरकर (Ganesh Khatarkar) से मदद ली थी। वे ही अपने भांजे का सर्टिफिकेट बनाने कलेक्टर कार्यालय आए थे। जगदीश पाटील इस वक्त देवास पुलिस लाइन में आरआई हैं। यह पूरा मामला उस वक्त उनके संज्ञान में आया जब एमपी क्रिकेट एसोसिएशन (MP Cricket Association ) ने पवित्र पाटील के जन्म प्रमाण पत्र को संदिग्ध बताकर कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्हें एमपी क्रिकेट एसोसिएशन के समक्ष 10 मई, 2022 को जवाब देने के लिए कहा गया था।
घरेलू कलह से परेशान चल रहे आरआई
जगदीश पाटील से इस पूरे मामले में प्रतिक्रिया ली गई। उन्होंने बताया कि शादी के बाद घरेलू परेशानियां थी। इस कारण पत्नी मायके में रहती थी। उस वक्त मेरी तैनाती मंदसौर में थी। इसलिए बेटे का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बना था। देरी होने के कारण कलेक्टर कार्यालय (MP Cricket Association News) से यह बनाया जाता है। जिसके लिए साले से सहयोग लिया था। पत्नी की मानसिक हालत ठीक भी नहीं रहती है। बेटे पवित्र पांचवीं कक्षा में अध्ययन कर रहा है। जिसमें वही सर्टिफिकेट लगा है जो एमपी क्रिकेट एसोसिएशन को दिया गया। उसकी उम्र लगभग 13 साल है। उन्होंने बताया कि रवींद्र गुप्ता (Ravindra Gupta) का मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है। जिस सर्टिफिकेट को जारी किया गया है, उसमें भोपाल नगर निगम कार्यालय से किसी बच्ची का बर्थ सर्टिफिकेट जारी है। जब वे घटनाक्रम को लेकर प्रतिक्रिया दे रहे थे उस वक्त देवास से अवकाश लेकर पत्नी के इलाज के लिए इंदौर में बैठे हुए थे।
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