MP PHQ News: खुद को सुरक्षित रखते हुए अग्निकांड में बचाव करने की बताई गई तकनीक
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को फायर सैफ्टी की ट्रेनिंग दी गई। यह पहल प्रदेश के विभिन्न शासकीय कार्यालयों में पुराने अग्नि दुर्घटनाओं को देखते हुए विशेष सतर्कता के तहत यह कार्यक्रम संपन्न किया गया। इस अवसर पर पुलिस मुख्यालय (MP PHQ News) के भूतल पर सुरक्षाकर्मियों को स्वयं को सुरक्षित रखते हुए आग पर काबू पाने का प्रशिक्षण दिया गया। अग्नि नियंत्रण संबंधी प्रशिक्षण में आधुनिक उपकरणों की मदद से आग बुझाने की मॉकड्रिल भी की गई।
पांच प्रकार के होते हैं अग्निकांड जिस पर लिया जाता है यह फैसला
मॉकड्रिल के दौरान तरल पदार्थों में लगी आग को पुलिस के जवानों ने अग्निशमन यंत्रों के प्रयोग से किस तरह आसानी से बुझाई जा सकती है, इसका प्रशिक्षण प्राप्त किया। सुरक्षाकर्मियों ने बिल्डिंगों, घरों, गोदामों आदि में लगी आग को धुएं और लपटों से बचकर बुझाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। मॉकड्रिल में प्रमुख रूप से डीएसपी (सुरक्षा) पुलिस मुख्यालय नदीम उल्लाह खान (DSP Nadeem Ullah Khan) , पुलिस मुख्यालय के सुरक्षा इंचार्ज मुकेश सैनी, इंस्पेक्टर मोहनलाल मेहरा व पुलिस फायर स्टेशन मंत्रालय, भोपाल के एएसआई संतोष दुबे व उनकी टीम उपस्थित थी। आधुनिक उपकरणों के संबंध में कर्मचारियों को जानकारी भी दी गई। आग बुझाने के दौरान प्रयोग में आने वाले कलेक्टिंग ब्रिज, डिवाइडिंग ब्रिज, फायर मेन हेलमेट, फोम नोजल, अग्निशमन सिलेंडर एवं काॅर्टेज, टॉर्च, रिवॉल्विंग नोजल, यूनिवर्सल ब्रांच, न्यू लाइट(ब्रांच), ऑर्डनरी ब्रांच, एडॉफ्टर, जाली, फायर मेन एक्स, लॉक कटर, प्रॉक्सीमेटी सूट, एल्यूमिनियम सूट, कैमिकल सूट, ब्रीदिंग ऑपरेटर सेट, लाइफ जैकेट, हौज पाइप, फायर ब्लैंकेट, अग्निशमन यंत्र आदि की जानकारी दी गई। एएसआई संतोष दुबे (ASI Santosh Dubey) ने बताया कि आग पांच तरह की होती है, जिन्हें बुझाने का तरीका भी अलग-अलग होता है। उन्होंने बताया कि इन्हें ए से ई तक की श्रेणी में रखा गया है। लकड़ी-कोयला में लगी छोटी आग को ए क्लास में रखा गया है। तरल पदार्थों में लगी आग को बी क्लास, गैसों में लगी आग को सी क्लास, मेटल में लगी आग को डी क्लास और इलेक्ट्रिक आग को ई क्लास की श्रेणी में रखा गया है। इन सभी आग को पानी या कैमिकल की मदद से बुझाया जाता है। पुलिस जवानों ने एल्यूमीनियम सूट पहनकर चार मिनट के भीतर किस तरह अनमोल जिंदगियां बचाई जा सकती है, इसके बारे में भी सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षित किया।
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