Bhopal Cheating News: वन विभाग के रिटायर्ड अधिकारी अपने बेटे को बॉलीवुड इंडस्ट्रीज में बतौर राइटर बनाने की हसरत का उठाया नाजायज फायदा
भोपाल। फिल्म बनाने के नाम पर एक वन विभाग के रिटायर्ड अफसर से 50 लाख रूपए की ठगी कर ली गई। यह घटना भोपाल (Bhopal Cheating News) शहर के टीटी नगर थाना क्षेत्र की है। जिसकी शिकायत चार महीने थाने में की गई थी। पीड़ित अपने बेटे के राइटिंग के शोक को पूरा करने और उसे बॉलीवुड में स्थापित करना चाहते थे। बेटे की लिखी कहानी पर मुंबई के एक फिल्म निर्माता कंपनी के संचालक के साथ यह सौदा तय हुआ था। जिसके संबंध में लगभग चार साल पहले करार किया गया था। लेकिन, रकम लेने के बाद अब तक फिल्म शुरू ही नहीं की गई।
दोनों पक्षों के बीच इस बात को लेकर हुआ था सौदा
टीटी नगर (TT Nagar) पुलिस ने बताया कि इस संबंध में दिनेश कुमार दुबे (Dinesh Kumar Dubey) पिता स्वर्गीय हीरशंकर दुबे उम्र 69 साल ने शिकायत दर्ज कराई थी। वे जवाहर चौक स्थित एमएलए क्वार्टर में रहते हैं। दिनेश कुमार दुबे वन विभाग के रिटायर्ड अधिकारी भी है। उनकी शिकायत पर 2 अगस्त को पुलिस ने 470/23 धारा 420 (जालसाजी का प्रकरण) दर्ज किया है। उन्होंने थाने में शिकायत अप्रैल, 2023 में दर्ज कराई थी। इस मामले में आरोपी प्रभुराज नायडू (Prabhuraj Naidu) पिता रामदास नायडू है। वह मुंबई के मलाड वेस्ट (Malad West) में रहता है। आरोपी प्रभुराज नायडू शेक चिली फिल्म निर्माण कंपनी (Shake Chilli Film Maker Company) चलाता है। प्रभुराज नायडू को पांच किस्त में 40 लाख रूपए का भुगतान किया गया था। यह सारे भुगतान चेक के जरिए हुए थे। पुलिस को दिनेश कुमार दुबे ने बताया कि उनका बेटा मनुराज दुबे (Manuraj Dubey) को फिल्म की कहानी लिखने में काफी रूचि है। इसी कारण वह प्रभुराज नायडू से मिलकर एक फिल्म बनाना चाहते थे। जिसके निर्माण में करीब एक करोड़ रूपए खर्च होना थे। जिसमें से आधी रकम आरोपी ने अपनी तरफ से लगाने की बात बोली थी। फिल्म चलने पर उससे मिलने वाली आमदनी का आधा—आधा हिस्सा आपस में बांटने का सौदा हुआ था।
आरोपी ने अब कोई जवाब देना ही बंद कर दिया
दिनेश कुमार दुबे ने पुलिस को बताया कि आरोपी से उसकी पहचान अगस्त, 2019 में हुई थी। दरअसल, पीड़ित का चूना भट्टी में एक मकान है। जिसको किराए पर लेने के लिए प्रभुराज नायडू ने उनसे संपर्क किया था। प्रभुराज नायडू की कंपनी (Bhopal Cheating News) के कार्यालय का एक दफ्तर मिसरोद स्थित स्ट्रेलिंग ग्लोब ग्रांट पर भी था। आरोपी ने मनुराज दुबे की लिखी फिल्म कहानी को बनाने के लिए राजी हो गया था। दोनों जब सहमत हुए तब अक्टूबर, 2019 में दोनों पक्षों के बीच एग्रीमेंट हुआ था। जिसके बाद शास्त्री नगर स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया (Union Bank Of India) के पांच—पांच लाख रूपए के दो चेक अलग—अलग तारीखों में दिए गए। आरोपी का करंट अकाउंट आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में हैं। तीसरा और चौथा चेक जो दस—दस लाख रूपए के थे वह भी दिए गए। आरोपी को 29 जनवरी, 2020 तक 40 लाख रूपए का भुगतान कर दिया। इसके अलावा किराए के मकान और उसकी साज—सज्जा पर करीब 10 लाख रूपए का खर्च आया। जिसका भुगतान पीड़ित पक्ष ने किया। इसके बाद प्रभुराज नायडू कई दिनों तक बहाने बनाकर फिल्म निर्माण को लेकर टालता रहा। चार साल बाद भी फिल्म शुरू नहीं हुई तो पीड़ित परिवार ने पुलिस से मदद मांगी। इस मामले में आरोपी का पक्ष लेने का प्रयास किया गया था। हालांकि उनका मोबाइल बंद आ रहा था।
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