Bhopal CBI News: बीएसएनएल के वेंडरों से बेटे के खाते में जमा कराते थे रकम, विजीलेंस को करीब 15 लाख रुपए का मिला ट्रांजेक्शन
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Bhopal CBI News) के कार्यालय से मिल रही है। यहां भारत संचार निगम लिमिटेड के सस्पेंड चल रहे अकाउंट ऑफिसर और उसके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। यह प्रकरण बीएसएनएल की तरफ से बैठाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया है। इस रिपोर्ट को तब बनाया गया जब मुख्य आरोपी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में फंसा था।
बेटे के खाते की हुई पड़ताल
भोपाल सीबीआई से मिल रही जानकारी के अनुसार 3 सितंबर की दोपहर लगभग डेढ़ बजे धारा 7/8/13(1)-डी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा चीफ जनरल मैनेजर बीएसएनएल जयंत राजदीन (Jayant Raj Deen) की रिपोर्ट पर दर्ज हुआ है। इस मामले में आरोपी बीएसएनएल एमपी सर्किल में तैनात औंकार प्रसाद पाल, बैंगलुरु में रहने वाले उसके बेटे योगेश पाल (Yogesh Pal) और अन्य पर दर्ज हुआ है। इससे पहले बीएसएनएल के एजीएम विभूति श्रीवास्तव (Vibhuti Shrivastava) की अगुवाई में जांच कमेटी बनाई गई थी। जिन्होंने औंकार प्रसाद पाल के बिल पास करने से संबंधित रिपोर्ट का अध्ययन किया था। रिपोर्ट जनवरी, 2021 में सबमिट हुई थी। जिसको भोपाल सीबीआई के पास जून, 2021 में भेजा गया।
ऐसे लेते थे रिश्वत
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बीएसएनएल विजीलेंस को जांच में पता चला कि औंकार प्रसाद पाल (Onkar Prasad Pal) एडहॉक में तैनात थे। वे बिना रिश्वत लिए बीएसएनएल के वेंडरों का बिल पास नहीं करते थे। इस काम में वे बैंगलुरु (Bengluru) में रहने वाले बेटे योगेश पाल के खाते का इस्तेमाल करते थे। नौ महीने के भीतर बेटे के खाते में 14 लाख, 91 हजार, 664 रुपए की रकम जमा हुई थी। जिस वेंडर की रकम जमा हुई उसका बिल उस तारीख को पास भी किया गया। औंकार प्रसाद पाल बीएसएनएल में डीजीएम के पास तैनात थे। उनके पास योजना, स्थापना, वित्त, टेलीकॉम राजस्व के अलावा फाइबर नेटवर्क का काम था। बीएसएनएल की जांच कमेटी ने इस संबंध में संदिग्ध वेंडरों की सूची भी सीबीआई को सौंपी है।
यह है वेंडरों के नाम
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औंकार प्रसाद पाल स्वराज चैनल के एक स्टिंग ऑपरेशन में फंसे थे। जिसके बाद इस पूरे नेटवर्क की पड़ताल की गई। चैनल की तरफ से अरविंद चौहान (Arvind Chouhan) ने स्टिंग किया था। बीएसएनएल वेंडर रविंद्र सिंह तोमर (Ravindra Singh Tomar) से पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते कैमरे में कैद हुए थे। अकाउंट ऑफिसर को सस्पेंड करने के बाद जांच हुई। जिसमें होशंगाबाद (Hoshangabad) के ज्योति तरुण पोपली, ग्वालियर के श्रीराम ट्रेडर्स, मीनाक्षी कंस्ट्रक्शन, टच कम्प्यूटर, रघुवेंद्र सिंह खेंवार, ग्वालियर के संजीव सक्सेना, जबलपुर में राहुल इंटरप्राइजेस, भोपाल में गुडलक इंटरप्राइजेस और इंदौर में विजय रमानी (Vijay Ramani) की भूमिका संदिग्ध पाई गई। यह सारे बीएसएनएल के वेंडर थे। जिन्होंने औंकार प्रसाद पाल के बेटे के खातों में रकम जमा कराई है।
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