MP Corruption News: अदालत के आदेश पर ईओडब्ल्यू को करनी पड़ी कार्रवाई, अवैध तरीकों से परिवारवाद को बढ़ावा देते हुए नियुक्ति करने का आरोप, क्षेत्राधिकार के बाहर जाते हुए कई फैसले भी लिए, पौने दो करोड़ रुपए का गबन किया
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भोपाल। भारतीय वन सेवा के एक पूर्व अधिकारी पर भोपाल ईओडब्ल्यू (MP Corruption News) ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। पूर्व अधिकारी पर पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने नेपोटिज्म करते हुए नियुक्तियों में एक परिवार को फायदा पहुंचाया। ईओडब्ल्यू के पास भी इस संबंध में पूर्व से शिकायत की गई थी। लेकिन, प्राथमिकी भोपाल जिला न्यायालय के आदेश पर की गई।
इन आरोपों में फंसे है आईएसएस अधिकारी
जानकारी के अनुसार ललित मोहन बेलवाल (Lalit Mohan Belwal) के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने आजीविका मिशन में अवैधानिक तरीके नियुक्तियां की। वे उस वक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर थे। इस संबंध में जांच भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी नेहा मारव्या (Neha Marvya) ने की थी। जांच का जिम्मा कैग की रिपोर्ट के बाद उन्हें दियागया था। बेलवाल पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल ड्रेस सिलाई और कम्युनिटी बेस्ड माइक्रो बीमा योजना के अलावा विकास खण्ड स्तर पर मशीनों को खरीदने में भी हेरा-फेरी की है। इस संबंध में शिकायत राजेश कुमार मिश्रा (Rajesh Kumar Mishra) ने दर्ज कराई थी। मिश्रा ने प्रकरण के समर्थन में कोर्ट में नेहा मारव्या की रिपोर्ट भी पेश की। वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव थीं। ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ जांच 08 जून, 2022 को पूरी हो गई थी। ललित मोहन बेलवाल ने 2015 से 2023 के बीच पद में रहते हुए नियुक्तियां की थी। यह राज्य परियोजना प्रबंधक के पदों पर सलाहकारों को नौकरी दी गई थी। इसमें मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के निर्देशों को दरकिनार किया गया। वहीं विभागीय मंत्रियों की अनुशंसा को भी नहीं माना। जांच में पता चला जिस मानव संसाधन मार्गदर्शिका के नियमों के आधार पर स्वीकृत पदों के विरूद्ध बेलवाल ने नौकरी दी है वह तब अस्तित्व में ही नहीं आई थी। इसके अलावा अन्य संवर्गों में लागू जीवन यापन लागत सूचकांक को बेलवाल ने नजरअंदाज किया। उन्होंने अवैध नियुक्तियों के मानदेयों में 40 प्रतिशत तक की असम्यक बढ़ोत्तरी कर दी थी। उन्होंने बिना अर्हता सुषमा रानी शुक्ला (Sushma Rani Shukla) , उनके परिवार के सदस्यों देवेन्द्र मिश्रा (Devendra Mishra) , अंजू शुक्ला (Anju Shukla) , मुकेश गौतम (Mukesh Gautam) , ओमकार शुक्ला (Omkar Shukla) और आकांक्षा पाण्डे (Akansha Pandey) की नियुक्तयां मिशन में कर दी थी। उन्होंने अधिकारियों की अनुमति के बिना ही कम्युनिटी बेस्ड माईक्रो इंश्योंरेंस योजना के अंतर्गत, बीमा कराने के नाम पर 81,647 महिलाओं से प्रति महिला 300 रूपये प्राप्त कर किसी भी तरीके की बिना बीमा पॉलिसी दिये एक करोड़ 73 लाख रुपए का गबन किया।
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