अमरनाथ गृह निर्माण समिति के प्लॉट को हेरा—फेरी करके बेचने के मामले में जालसाजी की एफआईआर
भोपाल। मध्यप्रदेश में माफिया के खिलाफ मुहिम चल रही है। लेकिन, यह कितनी सार्थक है इसकी कलई एक आवेदन ने उजागर कर दी है। यह आवेदन भोपाल आईजी आदर्श कटियार के पास पहुंचा था। आवेदन देने वाले व्यक्ति ने बताया कि उसकी रिटायर्ड टीचर (Bhopal Cheating) मां के नाम पर प्लॉट था। जिसको फर्जीवाड़ा करके अमरनाथ गृह निर्माण समिति (Bhopal Amarnath Housing Society) के अध्यक्ष ने बेच दिया था। न्याय मांगने के लिए मां धक्के खाती रही और वह दो साल पहले परलोक सिधार गई। लेकिन, पुलिस ने मुकदमा (Bhopal Housing Society Scam) दर्ज नहीं किया। यह पता चलने के बाद आईजी ने भोपाल पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए।
जानकारी के अनुसार कोलार थाना पुलिस ने इस मामले में आवेदन को एफआईआर के लिए आधार बनाकर मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मामले में शिकायत आकाश कपूर ने की थी। उसने आईजी को बताया कि मां प्रीति कपूर थी। उनका 2017 में निधन हो गया है। मां ने दामखेड़ा स्थित अमरनाथ गृह निर्माण समिति का 1500 स्क्वायर फीट का प्लॉट खरीदा था। इसकी रजिस्ट्री 1995 में जवाहर चौक में कराई गई थी। इसी प्लॉट को समिति (Bhopal Amarnath Grih Nirman Samiti) के तत्कालीन अध्यक्ष शरद अग्निहोत्री ने 2007 में धोखे से बेच दिया। जबकि प्लॉट पर जब रजिस्ट्री हुई थी उसका मालिकाना हक और कब्जा मां के नाम पर था। विरोध करने पर आरोपी दूसरा प्लॉट देने का झांसा देता रहा। जब मामले की कोई सुनवाई नहीं हुई तो पुलिस से शिकायत की गई। शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं की गई।
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले परिवार को टीटी नगर, कोलार और हबीबगंज थाने में घुमाया जाता रहा। आरोपी शरद अग्निहोत्री अरेरा कॉलोनी में रहता है। प्लॉट कोलार का था और रजिस्ट्री टीटी नगर में कराई गई थी। आकाश ने बताया कि मां न्याय मांगने के लिए चक्कर काटते हुए परलोक सिधार गई। उसके बावजूद कोई मुकदमा शरद पर दर्ज ही नहीं किया गया। जबकि सारे दस्तावेज, रजिस्ट्री उसके खिलाफ हैं। पुलिस ने बताया कि शरद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी के खिलाफ सबूत सहकारिता विभाग से मांगे जाएंगे।
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