MP Bureaucracy: बीजेपी सांसद पर FIR के बाद हटाए गए SP, जानिए क्या थी वजह

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कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़कर जीतने वाले सांसद केपी यादव के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा हुआ था दर्ज

MP Bureaucracy
भाजपा सांसद केपी यादव और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भोपाल। जब से कांग्रेस सरकार बनी है तब से मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Government) में नौकरशाही (MP Bureaucracy) निशाने पर रही है। वह चाहे भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) हो या फिर कांग्रेस (Congress)। दोनों दलों ने इसका खुलकर इस्तेमाल किया है। ताजा मामला अशोक नगर (Ashok Nagar) जिले के भाजपा सांसद केपी यादव (Member Of Parliament KP Yadav ) से जुड़ा है। आप नाम को सुनकर हल्के में ले रहे होंगे। क्योंकि हो सकता है कि आप उन्हें नहीं पहचानते हो। लेकिन, आपको याद दिलाने के लिए दूसरा तरीका है। यादव ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को लोकसभा चुनाव में पटखनी दी थी। उन्हीं सांसद के खिलाफ रविवार रात जालसाजी (Yadav Cast Certificate) का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे के बाद सोमवार सुबह अशोक नगर जिले के एसपी का तबादला हो गया है।

जानकारी के अनुसार रविवार को सांसद के खिलाफ दर्ज मुकदमे पर किसी को हैरानी नहीं हुई। लेकिन, सोमवार को अशोक नगर एसपी पंकज कुमावत (IPS Pankaj Kumavat) को हटाने के आदेश जारी हुए। इसके बाद भोपाल के प्रशासनिक गलियारों (Madhya Pradesh Bureaucracy)  से लेकर राजनीतिक हलकों (Political Corridor) में हलचल तेज हो गई। कुमावत 2013 बैच के आईपीएस अ​धिकारी है। उन्हें पुलिस मुख्यालय (MP Police Head Quarter) में एआईजी बनाया गया है। इस आदेश को लेकर अलग—अलग कयास लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस का एक धड़ा बता रहा है कि एफआईआर से पहले भोपाल को एसपी ने भरोसे में नहीं लिया। वहीं दूसरा धड़ा बता रहा है कि आदेश होने के बावजूद एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई। हालांकि इन दोनों ही अटकलों को विराम देते हुए गृह मंत्रालय ने इसको प्रशासनिक दृष्टि से लिया गया निर्णय बता रहा है।
मध्यप्रदेश (#Madhya Pradesh) के गुना (#Guna) से भाजपा सांसद केपी यादव (MP KP Yadav) और सार्थक यादव के खिलाफ रविवार को कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है। यह एफआईआर टीआई पीपी मुद्गल (TI PP Mudgal) ने एएसपी के कार्यालय से जारी आदेश के बाद दर्ज की। एएसपी ने मुंगावली एसडीएम की रिपोर्ट को मुकदमा दर्ज करने के लिए आधार बनाया। आरोप है कि 2013 से 2019 के बीच केपी यादव ने अन्य पिछड़ा वर्ग जाति का प्रमाण पत्र हासिल किया था। आरोप है कि पिता कृष्णपाल ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पारिवारिक आय 39 लाख रुपए बताई थी।

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