MP Farmer Death: पुलिस की पिटाई से किसान की मौत

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एसपी ने दोपहर में छह पुलिस कर्मी सस्पेंड किए शाम तक उन्हें भी सरकार ने पीएचक्यू अटैच कर दिया

MP Farmer Death Case
मृत किसान बंसी कुशवाह

जबलपुर/भोपाल। (Jabalpur Police Allgedly Farmer Death) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने प्रदेश के 15 लाख किसानों को लेकर (MP Farmer Relaxtion Anounce) रविवार को बड़ा ऐलान किया था। सीएम ने घोषणा की थी कि सरकार 2990 करोड़ रुपए की बीमा राशि (MP Farmer Insuarance Premium) किसानों के खाते में डालेगी। देरी की वजह सीएम ने पिछली सरकार के फैसलों को बताया था। इस फैसले की खबरें सोमवार सुबह प्रदेश में वायरल हुई थी। लेकिन, उनके इस फैसले से ज्यादा दूसरी खबर भारत में फैल गई। मामला किसान से ही जुड़ा है जो कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Crime News) के जबलपुर (Jabalpur Crime News) जिले का रहने वाला था। उसने सोमवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ (Jabalpur Farmer Death Case) दिया। उसको आधा दर्जन पुलिसकर्मियों ने पीट—पीटकर अधमरा (Jabalpur Cops Beaten Farmer) कर दिया था। चार दिन तक चले इलाज के बाद किसान ने दम तोड़ दिया। यह मामला पता चलने के बाद एसपी अमित सिंह (SP Amit Singh) ने दोपहर में छह लोगों को सस्पेंड (Jabalpur 6 Cops Suspended) कर दिया। जबकि शाम होने तक एसपी के जिले से रवानगी के आदेश सरकार ने जारी कर दिए।

जानकारी के अनुसार प्रदेश में लॉक डाउन के चलते जगह—जगह से पुलिसकर्मियों की आम नागरिकों से अभद्रता (Lock Down Police Behaviour Report) की खबरें आ रही है। मंडला में बैंक अफसर, भोपाल में एम्स डॉक्टर, मंडीदीप में डॉक्टर से बदसलूकी के बाद ताजा मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Farmer News) के जबलपुर (Jabalpur Farmer News) से उजागर हुआ है। इस पूरी घटना को जिले के अफसरों ने दबा रखा था। लेकिन, सोमवार सुबह किसान की मौत के बाद यह प्रकरण प्रदेश ही नहीं पूरे देश में फैल गया। घटना 16 अप्रैल की है। यहां जबलपुर में गोरा बाजार थाना पुलिस के 6 लोगों ने किसान बंशी कुशवाहा (Banshi Kushwah) को रोक लिया था। पुलिसकर्मी उससे जुए के अड्डों की जानकारी मांग रहे थे। घटना के वक्त वह खेत में पानी देकर घर की तरफ जा रहा था। किसान ने जुए के अड्डे की जानकारी होने से इंकार किया तो पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से उसको पीट दिया। इस मामले में एएसपी संजीव उइके (ASP Sanjeev Uike) ने मीडिया से दावा करते हुए कहा है कि किसान की तरफ से कोई शिकायत नहीं हुई थी। हालांकि सोशल मीडिया में किसान का मौत (Banshi Kushwah Death Case) से पहले का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस के अधिकारी बैकफुट में आ गए। फिर अफसर कहने लगे पीएम रिपोर्ट के बाद मौत की वास्तविक वजह सामने आ जाएगी। सच्चाई जो भी होगी उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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सरकार के मुखबिर तंत्र पर सवाल

जबलपुर के एसपी अमित सिंह को यह घटना की जानकारी लगी। उन्होंने स्थिति को भांपते हुए थोड़ी भी देरी नहीं की और मामले से जुड़े छह लोगों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश में एएसआई आलोक सिंह (ASI Alok Singh), हवलदार मुकेश पटारिया (HC Mukesh Patariya), सिपाही राकेश सिंह (Constable Rakesh Singh), गुड्डू सिंह, बृजेश और आशुतोष तिल्हरी (Constable Ashutosh Tilhari) को सस्पेंड कर दिया गया। एसपी ने अपने आदेश में माना है कि सस्पेंड किए गए कर्मचारियों ने बिना वजह किसान बंशी कुशवाहा को पीटा था। इनकी वजह से पुलिस विभाग की छवि खराब हुई है। हालांकि इससे पहले एएसपी संलीव उईके पुलिस पिटाई के आरोपों से इनकार कर रहे थे। यह खबर जबलपुर से भोपाल पुलिस मुख्यालय होते हुए मुख्यमंत्री निवास पहुंची। जिसके बाद सरकार ने अमित सिंह की रवानगी तय कर दी। उनकी जगह जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा (Jabalpur New SP) को बनाकर भेजा गया है। इस मामले से सरकार के फैसले और देरी ने राजनीतिक बयानबाजी को हवा दे दिया है। कांग्रेस इस मुद्दे को लंबा ले जाने की तैयारी में हैं। उसका कहना है कि मकरंद देउस्कर (IPS Makarand Deuskar) जो पहले जबलपुर में कभी एसपी भी रहे हैं उन तक  खबर पहुंचने में चार दिन लग गए। जबकि वे मुख्यमंत्री निवास के बहुत काबिल अफसरों में गिने जाते हैं।

पहले भी विवादों में रहे एसपी

डीजीपी विवेक जौहरी (DGP Vivek Johri) ने मंडला और भोपाल में पुलिसकर्मियों की तरफ से की गई बदसलूकी को लेकर सर्कुलर पहले ही जारी कर दिया गया था। डीजीपी ने कहा था कि यदि आम नागरिकों को जबरिया परेशान या उनसे बदसलूकी भी की जाती है तो जिले के एसपी भी उतने ही जिम्मेदार होंगे। इसके बावजूद मैदान में पुलिस और जनता के बीच अभद्रता का क्रम नहीं टूट रहा। जबलपुर से हटाए गए एसपी अमित सिंह ऐसा नहीं है कि पहली बार विवादों में आए है। इससे पहले उन्हें जबलपुर से एक बार पहले भी हटाया गया था। उस वक्त जबलपुर में चुनाव थे और वे भाजपा नेता के साथ बारात में नाचते हुए कैमरे में कैद हो गए थे। यह वीडियो चुनाव आयोग तक पहुंचा था जिसके बाद वहां से उन्हें चलता कर दिया गया था। चुनाव के बाद अमित सिंह को दूसरी पारी जबलपुर की ही सौंपी गई थी।

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