नेता प्रतिपक्ष ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से गृहमंत्री से मांगा जवाब, सरकार ने पुलिस अफसरों का बचाव किया
भोपाल। सागर जिले के गढ़ाकोटा इलाके में किसान की (Farmer Suicide) आत्महत्या का मामला विधानसभा में शुक्रवार को गूंजा। मामले को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ध्यान आकर्षण सूचना के माध्यम से उठाया। बचाव में गृहमंत्री बाला बच्चन ने लिखित में जवाब दिया। जिससे नेता प्रतिपक्ष असंतुष्ट नजर आए। मामला जून, 2019 में ग्राम परासिया तहसील का है।
नेता प्रतिपक्ष ने सदन में पूछा था कि किसान नारायण जिसने (Farmer Suicide) फांसी लगाई थी उससे पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला था। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी थी जो वायरल हुई थी। मामले में शिकायत उन्होंने भी अफसरों से की थी। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई और किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। इन आरोपों पर गृहमंत्री ने कहा कि सुसाइड नोट मिला था। लेकिन, वीडियो रिकॉर्डिंग तत्काल की न होकर एक चैनल को 20 नवंबर, 2018 को दिए गए इंटरव्यू की है। इस मामले में पुलिस ने (Farmer Suicide) सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें चैनल के इंटरव्यू को भी जांच में लिया गया है। नारायण की मौत के मामले में उसकी बेटी मालती, दामाद भागीरथ कुर्मी और दिनेश साहू को आरोपी बनाया गया है। गृहमंत्री ने सदन में जानकारी दी कि नारायण की भूमि संबंधी शिकायत थी। यह न तो पुलिस को दी गई और न ही राजस्व के अफसरों को दी गई थी।
गृहमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद को लेकर राजस्व न्यायालय ने विधि पूर्वक सुनवाई करके फैसला सुनाया था। इसमें दोनों पक्षों को सुना गया था। नेता प्रतिपक्ष किसान की आत्महत्या (Farmer Suicide) के मामले में जवाब से असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को पैन ड्राइव सौंपते हुए कहा कि इसे आप देख सकते हैं। धोखे से आठ एकड़ में से दो एकड़ जमीन लिखाई गई। उन्होंने पैन ड्राइव की जांच डीजीपी, मुख्यमंत्री समेत अन्य अफसरों के माध्यम से करने की मांग उठाई। मामला प्रशासनिक लापरवाही से जुड़ा है। गोपाल भार्गव ने कहा कि गढ़ाकोटा में हाईवे जाम किया गया था। मेरे आश्वासन के बाद वह खुला था। लेकिन, इस बात को एक महीना बीत गया है। लेकिन, अब तक पुलिस और प्रशासन सुसाइड नोट की जांच तक पूरी नहीं कर सका है। चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पैन ड्राइव की जांच कराने के आदेश दिए।