Bhopal Property Fraud: जमीन बेचने का अनुबंध करके 30 लाख रुपए लिए, रजिस्ट्री चिरायु अस्पताल के कर्मचारी को करा दी
भोपाल। जमीन बेचने के एक मामले में किए गए फर्जीवाड़ के सिलसिले में प्रकरण दर्ज किया गया है। यह घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) सिटी के बैरागढ़ थाना क्षेत्र की है। पीड़ित गल्ला कारोबारी है जिसको उसके पड़ोसी के ससुर ने चपत लगा दी। मामला जमीन बेचने का अनुबंध करके ली गई 30 लाख रुपए की राशि से जुड़ा है। इस मामले की शिकायत जोन—4 डीसीपी के पास हुई थी।
ऐसे तय हुआ था सौदा
बैरागढ़ थाना पुलिस के अनुसार 29 अप्रैल की शाम लगभग 6 बजे 223/22 धारा 420 (जालसाजी) का मामला दर्ज किया गया है। घटना की शुरुआत नवंबर, 2021 से हुई थी। घटनास्थल नगर निगम पानी की टंकी के पास हैं इस मामले की शिकायत रवि कुमार आसवानी पुत्र स्वर्गीय शंकर लाल आसवानी उम्र 40 साल ने दर्ज कराई है। वे लेकपर्ल गार्डन में परिवार के साथ रहते हैं। उनका गल्ले का कारोबार हैं। उसकी कॉलोनी में उनके पड़ोसी जितेंद्र कुमार मांधानी पिता सुंदरलाल मांधानी उम्र 42 साल रहे हैं। उनके ससुर रामचंद्र जगवानी है जो कि ओल्ड सीआरपी में रहते हैं। उनका भी गल्ले का कारोबार हैं। जितेंद्र कुमार मांधानी (Jitendra Kumar Mandhani) ने बताया था कि ससुर भैंसाखेड़ी स्थित (Bhopal Property Fraud) जमीन बेच रहे हैं। इस कारण रवि कुमार आसवानी (Ravi Kumar Aaswani) अपने चाचा विजय कुमार आसवानी के साथ जमीन देखने पहुंचे। जमीन दिखाते वक्त रामचंद्र जगवानी (Ravi Kumar Jagwani) ने बताया था कि वह 2013 में खरीदी थी। जमीन अच्छी लगने पर सौदा तय हो गया।
ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा
जमीन की रकम 30,34,900 रुपए का भुगतान कर दिया गया। इस भुगतान के बाद मार्च, 2022 में जमीन की रजिस्ट्री रामचंद्र जनयानी (Ramchandra Janyani) को करानी थी। लेकिन, वह उन्हें टालते रहे। शक होने पर रवि कुमार आसवानी ने जमीन की जानकारी जुटाई। मालूम हुआ कि उन्होंने यह जमीन (Bhopal Property Fraud) सीहोर के थूना कला में रहने वाले मनोहर कुमार मालवीय को बेच दी। वह चिरायु अस्पताल में नौकरी करते हैं। मामले की शुरुआती जांच एएसआई लवकुश पांडे ने की थी। उन्होंने बताया कि मनोहर कुमार मालवीय से जुड़ी जानकारी और दस्तावेजों का परीक्षण किया जाना बाकी है। इसके लिए दोनों पक्षों को नोटिस देकर बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके अलावा पंजीयन कार्यालय से जमीन से जुड़ी जानकारी ली जाएगी।
फर्जी तरीके से पार्सल भेजकर किया फर्जीवाड़ा
फर्जीवाड़े की इस एफआईआर मामले में आरोपी रामचंद्र जनयानी की तरफ से दामाद जितेंद्र मंधानी ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि रवि कुमार आसवानी ने यह पूरा मामला फर्जी तरीके से बनाया है। जितेंद्र मंधानी ने बताया कि रवि कुमार आसवानी (Ravi Kumar Asvani) ने जो दस्तावेज पेश किए है उसकी शिकायत 13 फरवरी, 2022 को बैरागढ़ थाने में दर्ज कराई गई थी। मंधानी का आरोप है कि उनके ससुर के पास दुकान में एक पार्सल लेकर व्यक्ति आया था। पार्सल ससुर के बेटे श्याम कुमार जनयानी का बताया गया था। पार्सल खोला गया तो वह पूरी तरह से खाली था। यह पार्सल हमारी तरफ से थाने में ही खोला गया था। आरोपी पक्ष के पास इस संबंध में थाने में रिसीव लिया गया आवेदन भी है। यह आवेदन भोपाल क्राइम ब्रांच में भी दिया गया था। जिसकी पावती उनके पास मौजूद हैं।
प्रॉपर्टी के संबंध में झूठी दी गई जानकारी
रामकुमार जनयानी के दामाद जितेंद्र मंधानी का दावा है कि उनके ससुर करीब 60 साल के हैं। वे किराना दुकान चलाते हैं। जिस संपत्ति को लेकर वे फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे वह संपत्ति मौजूदा सरकारी गाइड लाइन के अनुसार करीब 14 लाख रुपए से अधिक की है। यह संपत्ति उन्होंने लगभग पांच महीने पहले डॉक्टर मनोहर कुमार मालवीय (Doctor Manohar Kumar Malviya) को बेची हैं। इस संपत्ति की वास्तविक कीमत से दुगुनी बताकर नगद लेन—देन करने का वे दावा कर रहे हैं। जबकि उनके पास ऐसे कोई प्रमाण मौजूद नहीं हैं। जितेंद्र मंधानी ने बताया कि उनके नाम का भी गलत इस्तेमाल (Bhopal Property Fraud) करके पुलिस को भ्रम में डाला जा रहा है। इस मामले में आरोपी परिवार दावा कर रहा है कि वह जल्द ही पुलिस के आला अधिकारियों से मुलाकात करके निष्पक्ष जांच की मांग करेगा। इसके अलावा रवि कुमार आसवानी पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर को बांटकर समाज में उनकी छवि को धूमिल कर रहे हैं।
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