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अक्षय कुमार की हिन्दी फिल्म स्पेशल-26 की तर्ज पर चल रहा था नेटवर्क
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पांच आरोपी गिरफ्तार, फर्जी तरीके से रैड करने की थी तैयारी
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कर्मचारियों से नियमित कराने के नाम पर लिए करोड़ों रुपए
इंदौर। आप सोचकर हैरान रह जाएंगे। लेकिन, यह एक-दो महीने नहीं डेढ़ साल से चल रहा था। मामला इंदौर के राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र का है। यहां क्राइम ब्रांच की मदद से आयकर के फर्जी ऑफिस का भंड़ाफोड़ हुआ है। आरोपी अक्षय कुमार की हिन्दी फिल्म स्पेशल-२६ की तर्ज पर छापा मारने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
ऐसे हुआ खुलासा
इस मामले की सबसे पहले शिकायत शुभम साहू पिता राधेश्याम ने की थी। वह राज नगर एक्सटेंशन कॉलोनी का रहने वाला है। उसने क्राइम ब्रांच को बताया था कि उसकी आयकर विभाग में नौकरी लगी थी। लेकिन, उसे नियमित नहीं किया जा रहा था। बल्कि नियमित करने के नाम पर उससे मोटी रकम भी वसूली गई थी। ऐसा पीडि़त वह अकेला नहीं हैं उसके जैसे 50 से अधिक लोग हैं। क्राइम ब्रांच के अफसरों ने जब उससे कार्यालय का पता पूछा तो सभी हैरान रह गए। दरअसल, क्राइम ब्रांच को आयकर विभाग के कार्यालय की जानकारी थी। इसलिए यकीन हो गया कि मामला दूसरा ही है। इसलिए छानबीन और पड़ताल के लिए राजेन्द्र नगर थाना पुलिस को भी शामिल किया गया।
ऐसे पहुंचा आयकर कार्यालय
शुभम ने क्राइम ब्रांच को बताया कि वह छत्रीबाग के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र के महेश्वरी कालेज से बी कॉम कर रहा है। उसने जुलाई, 2017 में पढाई के साथ-साथ निजी नौकरी करने की बातचीत दोस्त पवन पिता शंकर सिंह सोंलकी से की थी। तब उसने बताया था कि भील कॉलोनी आजाद नगर में मैं नौकरी करता हूं। उसे भी नौकरी करना है तो साथ चले। इसके बाद वह देवेन्द डाबर के घर पर पहुंचा। उसने अपना परिचय आयकर विभाग का चीफ इंवेस्टीगेटिव ऑफिसर बताया। उसने यकीन दिलाने के लिए अपनी आईडी भी दिखाई। उसने कहा कि पवन सर्वेयर फील्ड ऑफिसर है यदि तुम भी इसी पद पर आना चाहते हो तो मार्कशीट और दस्तावेज लाने के लिए कहा गया।
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छापा मारने की देते थे ट्रेनिंग
मुलाकात और परिचय के बाद शुभम की नौकरी वहां लग गई। इससे पहले बकायदा उसको अपाइटमेंट लैटर दिया गया। जिसमें आईटी डिपार्टमेंट इंदौर भारत सरकार लिखा हुआ था। वह हर दिन सुबह 10 बजे से लेकर शाम छह बजे तक ऑफिस में रहता भी था। इस दौरान उसे आयकर विभाग से जुडी किताबों से कानून भी पढ़ाया गया। उसकी लगभग तीन महीने तक क्लास भी चली। जिसमें उसको सुनील मण्डलोई और रवि सोंलकी नाम के व्यक्ति पढ़ाते भी थे। इसमें छापा मारने से लेकर गोपनीयता के बारे में बताया जाता था।
बजट खत्म होने का दिया झांसा
शुभम ने क्राइम ब्रांच को बताया कि उस ऑफिस में वह अकेला नहीं था। वहां करीब ऐसे 50 से 70 लोग थे। इन सभी को अस्थायी कर्मचारी बनाकर रखा गया था। अपाईटमेंट के वक्त डाबर ने भरोसा दिलाया था कि तीन महीने बाद उसे 10 से 12 हजार रुपए की तनख्वाह मिलेगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जब उसने विरोध किया तो उससे कहा गया कि भारत सरकार के पास बजट खत्म हो गया है। इससे पहले डाबर नियमित करने का कहकर 50 से एक लाख रुपए तक युवाओं से ले चुका था।
विधानसभा में चुनाव ड्यूटी भी कराई
शुभम ने पुलिस को बताया कि देवेन्द्र डाबर के ऑफिस में खाकी रंग की वर्दी में 10 से 12 चपरासी भी थे। इनकी वर्दी में भारत सरकार लिखा रहता था। उसने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे। उस वक्त देवेन्द्र डाबर ने उसको पीथमपुर क्षेत्र में हमसे विधानसभा चुनाव ड्यूटी भी कराई। उस वक्त टीम में 20 अन्य लोग भी थे। उसका ऑफिस राजेन्द्र नगर के सिलीकॉन सिटी में था।
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पार्टनरों में हुआ विवाद
इस मामले में क्राइम ब्रांच ने हाल मंगलवारिया के बजरंग कॉलोनी निवासी देवेन्द्र पिता माधवलाल डाबर उम्र 29 साल को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मूलत: धार जिले का रहने वाला है। दूसरा आरोपी सुनील मण्डलोई पिता नानसिह मण्डलोई उम्र 24 साल है। वह भी धार के आजाद कालोनी कुक्षी जिला धार का रहने वाला है। तीसरा आरोपी रवि पिता महेश सोलंकी उम्र 24 साल इंदौर शांति नगर मूसाखेड़ी पिंक सिटी के नजदीक और दुर्गेश पिता हरीसिहं गेहलोत उम्र 23 साल को गिरफ्तार किया है। पांचवां आरोपी सतीश पिता चंपालाल गावड निवासी 325 भील कालोनी मुसाखेडी इन्दौर है। लड़कों से नियमित कराने के नाम पर पैसा लिया गया। इस रकम को लेकर देवेन्द्र डाबर और उसके साथियों में विवाद हो गया। जिसके बाद सिलीकाँन सिटी स्थित आफिस को बंद कर दिया गया था। यह सभी आरोपी फरार हो गए थे और भील कालोनी मूसाखेडी इंदौर में रहने लगे थे। लेकिन, आरोपी नए युवाओं को आयकर अफसर बनकर वैसे ही ठग रहे थे।
यह हुआ बरामद
पुलिस को आरोपियों के कब्जे से एक सफारी कार मिली है। इसमें लाल रंग से भारत सरकार लिखा हुआ था। आरोपियों ने कुक्षी, मनावर, खण्डवा, देवास, खरगोन, इंदौर, अलीराजपुरा, धार, झाबुआ, उदयनगर शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रो के रसूखदार व्यापारियों की फाइलें तैयार कराई गई थी। आरोपी देवेन्द्र डाबर का निज सहायक देवेन्द्र गेहलोत था। देवेन्द्र गेहलोत वहां काम करने वाले लड़कों को यह बोलकर धमकाता था कि यदि गोपनीयत भंग की जाएगी तो पचास हजार रुपए अर्थ दंड और और एक साल की सजा मिलेगी। इस कारण कई लड़के खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे थे। आरोपियों के कब्जे से आईडी, सील, नियुक्ति पत्र, लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल, एयरगन समेत कई अन्य सामान बरामद हुआ है।
यह है प्रोफाइल
गिरफ्तार आरोपी देवेन्द्र डाबर के पिता कुक्षी के तहसील कार्यालय में बाबू थे। वह सात साल से इंदौर में रह रहा है। आरोपी ने इंटरनेट की मदद से लोगो समेत अन्य आईडी बनाई थी। डाबर ही आयकर विभाग का मुखिया बताता था। दूसरा आरोपी सुनील मण्डलोई है जो देवेन्द्र का दोस्त भी है। देवेन्द्र ने नौकरी की लालच में आए कुलदीप भिड़े, आशीष चौहान, अरविन्द अलावा, संजय चौहान, मोहित जाधव समेत अन्य लोगों से पैसा लिया गया। तीसरा आरोपी रवि सोलंकी है जो देवेन्द्र का रिश्तेदार भी है। आरोपी सतीश ड्राइवर और गनमैन बनकर देवेन्द्र के साथ रहता था।