‘राजनीतिक दहेज प्रताड़ना कहीं तलाक का कारण न बन जाए’

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विभागों के बंटवारे को लेकर भाजपा की पूर्व विधायक पारुल साहू (Parul Sahu) का बयान

Parul Sahu
पारुल साहू, पूर्व विधायक, भाजपा, फाइल फोटो

भोपाल। मध्यप्रदेश में गहन मंथन और चर्चाओं के लंबे दौर के बाद मंत्रिमंडल विस्तार तो हो गया लेकिन विभागों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है। कमलनाथ सरकार गिराने के बाद बनी शिवराज सरकार, 100 दिन बाद मंत्रिमंडल विस्तार कर पाई। विस्तार के बाद अब 7 दिन बीत गए है, लेकिन विभाग नहीं बंट पाए है। राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चाएं जारी है। जानकारों का कहना है कि भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों को मनचाहे विभाग दिलाना चाहते है। लिहाजा गतिरोध बना हुआ है।

पारुल साहू ने फेसबुक पर लिखा

इसी बीच सागर जिले की सुरखी विधानसभा से भाजपा विधायक रहीं पारुल साहू की एक फेसबुक पोस्ट चर्चा का विषय बन गई है। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के बाद पारुल साहू मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि को लेकर बात उठाई है।

पारुल साहू ने लिखा कि- ये राजनीतिक दहेज़ प्रताड़ना कहीं तलाक का कारण ना बन जाये, मेरा शीर्ष नेतृत्व से निवेदन है कि जननायक मुख्यमंत्री शिवराज जी के प्रति आम जन में लगाव और सम्मान को इस तरह धूमिल नहीं किया जाये. उनके अनुभव, पार्टी के प्रति निष्ठा और कार्यकर्ताओं की भावना अनुरूप कोई भी निर्णय लेने के लिये आदरणीय मुख्यमंत्री जी को पूर्ण स्वतंत्रता दी जाये #political_divorce

अजय विश्नोई ने की थी शुरुआत

इससे पहले पूर्व मंत्री और जबलपुर की पाटन सीट से विधायक अजय विश्नोई सोशल मीडिया पर खलबली मचा चुके है। उन्होंने एक पत्र जारी कर मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि वे जबलपुर और रीवा जिले का प्रभार अपने पास ही रखे।

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जिसके बाद अजय विश्नोई ने एक ट्वीट भी किया- पहले मंत्रियों की संख्या और अब विभागों का बंटवारा। मुझे डर है कही भाजपा का आम कार्यकर्ता हमारे नेता की इतनी बेइज्जती से नाराज न हो जाय। नुकसान हो जाएगा।

कार्यकर्ताओं को कड़वा घूंट पीना है

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं से कड़वा घूंट पीने की बात कही थी। विजयवर्गीय, कार्यकर्ताओं को समझा रहे थे कि कल तक जिसके खिलाफ आप प्रचार करते थे, अब उसी के लिए वोट मांगना है, इसी को राजनीति कहते है। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि विष तो शिव पी जाते है।

बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों को परिवहन, राजस्व और आबकारी जैसे दमदार और मलाईदार विभाग दिलाना चाहते है। वहीं भाजपा चाहती है कि सिंधिया समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा वहीं विभाग मिलें, जो कमलनाथ सरकार में दिए गए थे।

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