घटना को भोपाल पुलिस के अफसरों ने मीडिया से छुपाया, बंद कमरों में संदिग्ध की चल रही पहचान परेड
भोपाल। शीर्षक पढ़कर हैरान मत होईए। सच है इसलिए गजब है। मामला भोपाल जिला लाइन का है। यहां से एक वाहन रात को निकला। इस वाहन में सवार व्यक्ति ने मोबाइल और रकम छीनी। इसके बाद वाहन को वापस लाइन में खड़ा कर दिया गया। मामला जब अफसरों के सामने आया तो पूरे प्रकरण को भूत बना दिया गया। हालांकि गुपचुप पहचान परेड से लेकर पड़ताल की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार घटना चार दिन पहले नेहरू नगर पुलिस लाइन में हुई थी। इस घटना से जिला पुलिस लाइन का हर वाहन चालक वाकिफ है। क्योंकि इन्हीं वाहनों के चालकों की शिनाख्ती परेड की जा रही है। इस परेड की वास्तविकता सामने आई तो यह छुपी हुई घटना से पर्दा उठकर सामने आया। दरअसल, मामला कुछ ऐसा है कि चार दिन पहले जिला पुलिस लाइन में खड़ा रूद्र वाहन सातवीं बटालियन पहुंच गया। यहां पर्स और मोबाइल छीना गया। ऐसा आरोप है कि जो पर्स और मोबाइल छीना गया वह रूद्र वाहन से भागा था। इस प्रकरण से जुड़े प्रमाण लेकर अगले दिन पीडि़त लोग भोपाल आरआई विजय दुबे से जाकर मिले। उन्होंने मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में लाया। मामला चुनाव के वक्त हुआ था। इसलिए इस घटना में पर्दा डालने का आदेश आला अधिकारियों की तरफ से जारी किया गया।
यह है सिस्टम
दिनभर कानून-व्यवस्था के लिए भोपाल पुलिस के कई वाहनों का इस्तेमाल होता है। इसमें बस, रूद्र, स्टाफ को यहां-वहां ले जाने से लेकर जेल वाहन भी शामिल होता है। कुछ वाहन पुलिस नियंत्रण कक्ष में रखे होते हैं। बाकी वाहन जिला पुलिस लाइन के मैदान में पार्क होते हैं। यहां वाहन पार्क करने के बाद चाबी लाइन के मुंशी को दी जाती है। चाबी नियत जगह पर रखी होती है जिसे उठाने और रखने के पूर्व रजिस्टर में इन्ट्री होती है।
मेरी जानकारी में ऐसा कोई घटनाक्रम नहीं आया है। यदि आपके पास कोई जानकारी हो तो साझा कर सकते हैं।
विजय दुबे, आरआई, भोपाल