मध्यप्रदेश वित्त निगम के अफसरों के साथ मिलकर किया गया था फर्जीवाड़ा
ग्वालियर। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने दस साल पुराने एक आवेदन की जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में चार नामजद आरोपी बनाए गए हैं। इनमें से एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार मामला ग्वालियर ईओडब्ल्यू के पास जांच में रखा गया था। इस मामले में आरोपी सनराईज फ्लेक्सीपेक इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के डायरेक्टर और अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके अलावा मध्यप्रदेश वित्त निगम के महाप्रबंधक रहे आरएस कापसे, डिप्टी जनरल मैनेजर जेएस कुशवाह और प्रबंधक अनिल दुबे को आरोपी बनाया गया है। महाप्रबंधक रहे कापसे की मौत हो चुकी है। मामले की जांच दस साल से की जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह प्रकरण राजनीतिक दखल के चलते लटका हुआ था। हालांकि अब एफआईआर के मामले में तेजी आएगी।
ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा
ईओडब्ल्यू ने जांच की तो पता चला कि एक ही पते पर अन्य फर्म भी चल रहे थे। यह फर्म रोटो इंडिया नोयडा, जेम्स प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड, रोटो मार्क सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड, मधु रोटो, ग्रेवुरे इंडस्ट्रीज, आरके उद्योग कंपनियों के नाम से भी चल रहे थे। इस कंपनी ने जो मशीनरी खरीदी थी। इसे मैसर्स सनराईज फ्लेक्सीपेक इंडिया प्रायवेट लिमिटेड इंडस्ट्रीयल एरिया मालनपुर की तरफ से खरीदना बताया गया। इसी उपकरणों के नाम पर ३० लाख रुपए का लोन लिया गया।
पंद्रह साल पहले धोखाधड़ी
ईओडब्ल्यू में इस मामले की २००९ में राहुल उर्फ विनीत श्रीवास्तव पुत्र भजनलाल ने शिकायत की थी। कंपनी ने २००३-२००४ वित्तीय वर्ष में फर्जीवाड़ा किया था। जांच ग्वालियर यूनिट को सौंपी गई थी। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने रकम को हड़पने के लिए फर्जी बिल बनाए थे। रोटो इंडिया समेत कई अन्य फर्म के बिल में कूटरचना की गई। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, दस्तावेजों की कूटरचना का मामला दर्ज किया है।