Bhopal Court News: तीन करोड़ रुपए का लोन लेकर सिर्फ चौदह लाख रुपए जमा किए थे, फर्जी दस्तावेज बनाकर लिया था लोन, ढ़ाई साल बाद भोपाल अदालत में ईओडब्ल्यू ने दाखिल की चार्जशीट
भोपाल। बैंक ऑफ महाराष्ट्र से फर्जी शपथ पत्र देकर करीब तीन करोड़ रुपए का लोन लेने के मामले में आरोप प्रमाणित पाए गए हैं। इस मामले की जांच ढ़ाई साल से भोपाल ईओडब्ल्यू कर रही थी। प्रकरण में ईओडब्ल्यू ने लोन लेने वाले पति—पत्नी के खिलाफ चार्जशीट भोपाल कोर्ट (Bhopal Court News) में दाखिल कर दी है। इधर, बैंक मैनेजर के खिलाफ ईओडब्ल्यू को जांच करने के लिए अफसरों ने अनुमति ही नहीं दी।
आठ करोड़ रुपए की पहुंच गई बैंक की रिकवरी
ईओडब्ल्यू (EOW) के अनुसार प्रकरण फरवरी, 2022 में दर्ज किया गया था। जिसमें आरोपी मलिका गर्ग (Malika Garg) और उसके पति अंकुर गर्ग (Ankur Garg) बनाए गए थे। दोनों उत्तर प्रदेश (UP) के गाजियाबाद (Gaziyabad) शहर में रहते हैं। पति—पत्नी ने कारोबार खोलने के लिए अरेरा कॉलोनी (Arera Colony) स्थित मकान पर केमिकल्स कारखाने के फर्जी स्थापना पत्र बनाए थे। लोन बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank Of Maharashtra) से लिया गया था। यह लोन सहज पाठक (Sahaj Pathak) के बैंक मैनेजर रहते जारी किया गया था। सूत्रों ने बताया कि इस केस के बाद सहज पाठक ने वीआरएस लेने का भी प्रयास किया था। यह पता चलने पर आरोपी मलिका गर्ग की भाभी पारुल अग्रवाल (Parul Agrawal) ने इसकी शिकायत 2021 में ईओडब्ल्यू कार्यालय में जाकर की थी। बैंक मैनेजर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में जांच करने से संबंधित अनुमति बैंक के अधिकारियों से ईओडब्ल्यू ने मांगी गई तो वह प्रदान नहीं की गई। इन्हीं जानकारियों के साथ मामले की जांच कर रहे निरीक्षक अखिल सिंह (Akhil Singh) ने भोपाल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। ईओडब्ल्यू को जांच में पता चला है कि लोन (Loan) लेने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अरुण सिंह की अदालत ने चार्जशीट अवलोकन के पश्चात आरोपी पति—पत्नी को पांच—पांच सौ रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। यदि इसके बावजूद भी वे कोर्ट में हाजिर नहीं होंगे तो गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा। ईओडब्ल्यू को जांच में पता चला है कि मलिका गर्ग ने बैंक से लोन लेने के बाद प्रेम चावला (Prem Chawla) के खाते में राशि ट्रांसफर की थी। अब लोन की रिकवरी करीब आठ करोड़रुपए की हो गई है। यह जानकारी भी कोर्ट को चार्जशीट में बताई गई है। चार्जशीट करीब साढ़े तीन सौ पेज की है। अब इस मामले में नियमित ट्रायल शुरु हो सकेगा। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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