E-Tender Scam: फलौदी कंस्ट्रक्शन के मालिक को ईओडब्ल्यू का दूसरा नोटिस

Share

E-Tender Scamआस्मो कंपनी की मदद से प्रदेश के कई टेंडर में हैश वैल्यू बढ़ाने का है शक, एक बार पहले दिए नोटिस में भी नहीं हुआ हाजिर

भोपाल। आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) ने ई—टेंडर घोटाले (E-Tender Scam) में फलौदी कंस्ट्रक्शन कंपनी (Phaloudi) के मालिक को दोबारा नोटिस जारी किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने प्रदेश के कई टेंडर हैश वैल्यू बढ़ाकर हासिल कर लिए थे। इसमें आस्मो कंपनी के संचालक ने उसकी मदद की थी। इसके बदले में कमीशन का लेन—देन हुआ था।

जानकारी के अनुसार इससे पहले ईओडब्ल्यू ने फलौदी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक को 21 अगस्त को बयान दर्ज करने के लिए तलब (Notice)  किया था। वह उस तारीख को ईओडब्ल्यू (EOW) में नहीं पहुंचा। जिसके कारण अब ईओडब्ल्यू ने उसको दोबारा नोटिस डिस्पेच किया है। इंदौर में फलौदी कंस्ट्रक्शन कंपनी का कार्यालय है। यह कंपनी शहडोल में 90 करोड़ रुपए की लागत से डैम बना चुकी है। इसके अलावा कंपनी ने एक दर्जन से अधिक ठेके प्रदेश सरकार के हासिल किए हैं। इस कंपनी के संचालक मनीष गुप्ता है। उन्होंने द क्राइम इन्फो से बातचीत करते हुए बताया कि कंपनी 40 साल से काम कर रही है। इसके मुकाबले उसको जो प्रोजेक्ट मिले हैं वह कम है। कंपनी ने यह सारे ठेके नियमानुसार लिए हैं। हालांकि पुलिस सूत्रों ने बताया कि मनीष गुप्ता के संपर्क में मनीष खरे था। जिसे ईओडब्ल्यू ने ई—टेंडर घोटाले (E-Tender Scam) के मामले में गिरफ्तार किया है। उसने ही पूछताछ में फलौदी कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम का खुलासा किया था। उसकी दी हुई जानकारी को लेकर ही मनीष गुप्ता से पूछताछ किया जाना है।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Robber: मूक—बधिर से लूट, पुलिस ने दर्ज किया मारपीट का मामला

क्या है मामला
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुए चर्चित घोटालों में से एक ई—टेंडर घोटाले (E-Tender Scam) में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में निर्माण कार्य से जुड़ी कंपनियों के अलावा तीन आईटी की कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। जांच के लिए प्राथमिकी जून, 2018 दर्ज हुई थी। ईओडब्ल्यू (EOW) के पास सायबर से जुड़े मामले की विशेषज्ञता हासिल नहीं थी। इसलिए मामले की जांच कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम नई दिल्ली को दी गई थी। इस संस्था की रिपोर्ट को आधार बनाकर मामला दर्ज किया गया है। जल निगम के तीन टेंडर, लोक निर्माण विभाग के दो टेंडर, सड़क विकास निगम के एक टेंडर, लोक निर्माण विभाग की पीआईयू का एक टेंडर ऐसे करके कुल नौ टेंडरों में गड़बड़ी करना पाया गया है।

यह घोटाला (E-Tender Scam) लगभग तीन हजार करोड़ रूपए का है। इस मामले में हैदराबाद की कंपनी मैसर्स जीवीपीआर लिमिटेड, मैसर्स मैक्स मेंटेना लिमिटेड, मुंबई की कंपनियां दी ह्यूम पाइप लिमिटेड, मैसर्स जेएमसी​ लिमिटेड, बड़ौदा की कंपनी सोरठिया बेलजी प्रायवेट लिमिटेड, मैसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड और भोपाल की कंस्टक्शन कंपनी मैसर्स रामकुमार नरवानी लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें संचालकगणों को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा ईओडब्ल्यू ने इस मामले में साफ्टवेयर बनाने वाली आॅस्मो आईटी सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड, एमपी एसईडीसी, एन्टेस प्रायवेट लिमिटेड और बैगलोर की टीसीएस कंपनी पर भी मुकदमा दर्ज किया है।

Don`t copy text!