MP Migrant Story: नाबालिग के लापता मां—​बाप तीन साल बाद मिले

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ट्रेन में गाने गाकर चल रही थी जिंदगी, लॉक डाउन की वजह से भूखों मरने की आ गई थी नौबत

MP Migrant Story
सांकेतिक चित्र

भोपाल। (Lock Down Story) लॉक डाउन ने कई मजदूरों को उनके रोजगार से दूर कर दिया। कई मजदूर आज भी मजदूरी को लेकर परेशान चल रहे हैं। यह वे मजदूर है जो शहरों में जाना नहीं चाहते। इसी बीच लॉक डाउन ने एक नाबालिग की जिंदगी ही सवार दी। वह नाबालिग तीन साल से बिना मां—बाप के रह रही (Maa Baap Se Alag Bacchi) थी। वह ट्रेनों में गाने गाकर जो मिल जाता था उससे पेट भरती थी। लेकिन, ट्रेन ने उसका यह रोजगार छीन लिया था। वह भटकते हुए भोपाल आ गई। इसके बाद उसके माता—पिता भी मिल गए और उसकी परवरिश की चिंता भी खत्म हो गई।

जानकारी के अनुसार खजूरी सड़क थाना पुलिस को यह नाबालिग मिली थी। वह जब मिली थी तब लॉक डाउन—3 (Lock Down 3) चल रहा था। वह पैदल थी और जो उसे खाने को देता था उससे काम चलाती थी। वह पहले रायपुर तो कभी बिलासपुर (Bilaspur Hindi Samachar) का पता बता रही थी। पुलिस ने गौरवी संस्था (Gurvi Institution) से संपर्क किया फिर उसको सौंप दिया गया। संस्था ने एक पखवाड़े की मशक्कत के बाद बच्ची के माता—gurvi institution को तलाश लिया। परिवार बेहद गरीब है और उन्होंने तीन साल से बच्ची की कोई सुध ही नहीं ली थी। बच्ची ट्रेनों में गाना गाकर जो मिलता उससे गुजर—बसर करती थी।
परिवार ने नहीं दिखाई दिलचस्पी 
वह तीन साल पहले निकली थी। फिर इस ट्रेन से उस ट्रेन में उतरते चढ़ते वह कई शहरों में घुमती रही। इसी बीच लॉक डाउन में ट्रेन थम गई। नतीजतन नाबालिग के सामने खाने और रहने का संकट गहरा गया। वह पैदल भटकते हुए भोपाल पहुंच गई थी। नाबालिग से मिली जानकारी के आधार पर गौरवी संस्था ने उसके माता—पिता से संपर्क कर लिया। परिवार ने बताया कि उसकी कोई गुमशुदगी भी परिवार ने दर्ज नहीं कराई थी। इसलिए पुलिस के रिकॉर्ड में उसकी कोई जानकारी नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
नाबालिग बच्ची के मिलने पर उसके माता—पिता ने वह रुचि नहीं दिखाई जो होना चाहिए थी। बच्ची अभी भी गौरवी संस्था के पास ही है। वह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली है। इधर, खबर है कि सु्प्रीम कोर्ट में बालकों के संरक्षण को लेकर एक याचिका लगी है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के राज्यों से बच्चों और उनको लेकर की गई सहायता को लेकर रिपोर्ट मांग ली है। खबर है कि यह रिपोर्ट गौरवी संस्था से भी मांगी गई है। संस्था बिलासपुर से भोपाल पहुंची बच्ची की केस स्टडी सुप्रीम कोर्ट को देने जा रही है।
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