Bhopal Political Revenge: अगर यह सच है तो नगर निगम के अफसरों पर जरुर फूटेगा ठीकरा, क्या विशेषज्ञता के साथ जांच कर पाएगी पुलिस
भोपाल। करंट से झुलसकर एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मामला साफ है कि मौत करंट से हुई है। लेकिन, परिस्थितियां विपरीत है। मामला भोपाल सिटी (Bhopal Political Revenge) के स्टेशन बजरिया थाना क्षेत्र का है। इस मामले की मीडिया रिपोर्टिंग भी कुछ सीमित होकर रह गई है। हालांकि जिस तरह से सूचनाएं हमें मिल रही है उसकी यदि बारीकी से जांच हुई तो यकीन मानिए इस प्रकरण में नगर निगम के अफसरों पर गाज गिरना तय है। यह बात अभी थाने में ही दबाकर रखी गई है। पीड़ित पक्ष न्याय के लिए अफसरों के दरवाजे पर जाने की बात कर रहा है। फिलहाल वह शोकाकुल होने के कारण अंत्येष्टि कार्यक्रम में व्यस्त है।
क्या निगम अफसरों पर था दबाव
बजरिया थाना पुलिस को अनुसार गुरूवार दोपहर लगभग सवा दो बजे हमीदिया अस्पताल से डॉक्टर चौकसे ने एक व्यक्ति के मौत की सूचना दी थी। शव की पहचान सौदान सिंह कुशवाह पिता हल्केराम कुशवाह उम्र 38 साल के रूप में हुई है। वह छोला मंदिर स्थित शिव नगर इलाके में रहता था। वह द्वारिका नगर में आरके टेंट हाउस में नौकरी करता था। गुरूवार दोपहर होर्डिंग उतारते वक्त सौदान सिंह हाईटेंशन की चपेट में आ गया था। लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उसकी मौत हो गई। स्टेशन बजरिया पुलिस मर्ग 05/22 दर्ज कर मामले की जांच करने का दावा कर रही है। मामले की जांच एएसआई सतीश कुमार (ASI Satish Kumar) कर रहे थे। हालांकि जांच अधिकारी अभी तय नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार होर्डिंग बोर्ड कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला (Congress Leader Manoj Shukla) का लगा था। जिसको उतारने के लिए निगम के अफसरों पर दबाव था। यह किसलिए था आप यह समझ सकते हैं। यह नरेला विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां से विधायक विश्वास सारंग है जो प्रदेश के मंत्री भी है।
निगम के कर्मचारी वहां से भागे
द क्राइम इंफो (thecrimeinfo.com) को इस मामले में हमारे हेल्प लाइन नंबर पर प्राथमिक जानकारी मिली थी। जिसकी पड़ताल के बाद कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए है। इस प्रकरण को राजनीतिक दबाव में ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी की जा रही है। होर्डिंग हरि किशन कुशवाह (Hari Kishan Kushwaha) के मकान में लगा था। वे किसानी का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि घटना वाली दोपहर लगभग 2:25 बजे उनके पास एक फोन आया था। फोन करने वाले व्यक्ति ने वार्ड—37 का प्रभारी बताया था। उन्होेंने बोला की उसके मकान की परमिशन नहीं है। उन्होंने टैक्स भी जमा नहीं किया है। होर्डिंग लगाने की अनुमति भी नहीं मिली। जबकि वे पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। मकान में हरि किशन कुशवाह पहुंचे तो वहां दरोगा राहुल (Rahul) मिला। उन्होंने होर्डिंग हटाने के लिए निगम कर्मचारियों को बुलाने की बजाय सौदान सिंह कुशवाहा (Sodan Singh Kushwaha) को चढ़ा दिया। तभी यह हादसा हुआ और उसके बाद वे सभी लोग वहां से भाग गए।
होर्डिंग में विपक्ष दिखने न पाए
शहर में विपक्ष को खत्म करने के लिए प्रचार पर भारी रोक है। यदि आपने विपक्ष के किसी नेता का होर्डिंग लगाया है तो उसके यहां की बिल्डिंग परमिशन से लेकर बिजली, नल समेत अन्य अनुमतियां देखी जाती है। जबकि सत्ता पक्ष के लिए प्रशासन और निगम की छूट रहती है। यह आरोप हम यूं ही नहीं लगा रहे। शहर में यह आपको चारों तरफ देखने को मिल सकता है। इन आरोपों पर वार्ड प्रभारी वीरेंद्र अग्रवाल (Word Incharge Virendra Agarwal) से प्रतिक्रिया ली गई। उन्होंने अपने मोबाइल का रिकॉर्डिंग चालू की फिर अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि मकान का टैक्स जमा करने के लिए कॉल किया जाता है। हमने टैक्स के संबंध में बातचीत की थी। मैंने होर्डिंग बोर्ड को लेकर कोई बातचीत नहीं की थी।
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