सामाजिक सरोकार: गूगल की मदद से घर पहुंचा वृद्ध

Share

सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से लापता बुजुर्ग मिल सका परिवार से, मदद मांगने पर मिलती थी उसको भीख

Social News
कोदूराम साहू को अस्पताल से ऐसे दी गई विदाई

खंडवा। परिवार से बिछड़ने का गम क्या होता है जिस पर बीतती है वही जनता है। यह कहानी है मध्य प्रदेश (MP News) के खंडवा (Khandwa Hindi News) में स्थित जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर की। यहां 6 महीने से भर्ती कोदुराम साहू (Missing Koduram Sahu) परिवार से बिछड़ गया था। उनकी हर पल आंखे परिवार को खोजती रहती थी। जिससे मदद मांगता उसे भिखारी समझकर भीख दे देता। आशा खत्म हो चुकी थी। शरीर हड्डी का ढांचा बन चुका था। उसके लिए देवता बनकर एक व्यक्ति मिला जो उसी अस्पताल में किसी को देखने आया था। उसने गूगल की मदद (Google Searching News) से उसके परिवार को तलाश लिया। इसमें जो मेहनत और संघर्ष हुआ वह काफी रोचक है।

पुलिस भर्ती कराने के बाद भूल गई

दिल को झकझोर देने वाली ये कहानी है कोदूराम साहू उम्र 70 वर्ष निवासी छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) जिला दुर्ग की है। वह लॉकडाउन से पहले घर से बिना बताए निकल गए थे। जब वो नागपुर (Nagpur) से घर वापस आ रहे थे तो खंडवा-नेपानगर स्टेशन के बीच ट्रेन से उन्हें किसी ने धक्का दे दिया। जिसकी वजह से उनका एक हाथ कट गया (GRP Train Accident) था। गिरने की वजह से सिर और हाथ-पैर में चोट लगी थी। जीआरपी ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके बाद कभी सुध नहीं ली थी।

जिससे मांगी मदद वह देता था भीख

ऐसा नहीं है कि कोदूराम ने किसी दूसरे से मदद नहीं मांगी। जिससे भी वह कुछ कहते उन्हें भिखारी समझकर लोग भीख दे देते थे। कोई भी पीड़ा सुनने को तैयार नहीं था। सिहाड़ा का अमजद खान परिचित से मिलने ट्रामा सेंटर जा रहा था। रास्ते में कोदूराम अपने कूल्हे के सहारे रास्ते से जा रहे थे। अमजद खान (Amjad Khan) ने भिखारी समझकर पैसे देना चाहे। कोदूराम ने कहा मुझे पैसे नहीं चाहिए। बुजुर्ग ने अमजद खान को बताया कि वह परिवार के पास जाना चाहता है। अमजद ने यह पूरी कहानी अपने दोस्त सुनील जैन (Sunil Jain) को बताई। इसके पहले दोनों ने बुजुर्ग की दाढ़ी साफ करवाई, नए कपड़े खरीदे और वीडियो बनाया।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Crime News: टिफिन संचालक से मांगी रंगदारी

गूगल बाबा ने मिलाया परिवार से

कोदूराम साहू की हालत ऐसी थी जिसको सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर रुप बदल दिया

बुधवार को कोदूराम से नाम पता लेने के बाद अमजद और सामाजिक कार्यकर्ता सुनील जैन ने दुर्ग (Durg) जिला स्थिति हिर्री गांव को गूगल में सर्च किया। वहां के दुकानदारों का नम्बर गूगल में सर्च किया और उनसे बात की। कोदूराम की फोटो और नाम वॉट्सएप पर भेजा। गुरुवार रात 2:30 बजे एक दुकानदार ने दीपक को बताया कि ये तो कोदूराम साहू हैं। पुलिस और परिवार उनको मृत मान चुका है। सुबह कोदूराम की जानकारी दुकानदार ने उनके बेटे गंगा प्रसाद (Ganga Prasad) को दी। इसके बाद घर में खुशी का माहौल छा गया। गंगाप्रसाद के साथ पूर्व सरपंच परस राम दुबे (Paras Ram Dubey) भी खंडवा उनको लेने आए थे।

15000 रूपए जोड़े

कोदूराम ने बताया कि इन 6 महीनों में 15000 हजार रुपए जोड़े। मैं रोज बाजार में इस आस में निकल जाता था कि कोई मदद कर देगा और मुझे घर पहुंचा देगा। लेकिन मदद के नाम पर लोग भीख़ दे देते थे। कोदूराम को जब अस्पताल से परिवार वाले ले जा रहे थे तो उन्हें बकायदा हार माला पहनाकर विदाई दी गई।

खबर के लिए ऐसे जुड़े

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: महिला को छेड़ने के बाद पीटकर भागा
Don`t copy text!