E-Tender Scam : भाजपा के एक पूर्व मंत्री तक पहुंची जांच

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E-Tender Scamनोटिस देने के बावजूद नहीं पहुंचा ईओडब्ल्यू तो सर्च करने पहुंची टीम, करीबी की दो कंपनियों को टेंडर दिलाने की थी कोशिश

भोपाल। प्रदेश के चर्चित ई-टेंडर घोटाले (E-Tender Scam) की जांच भाजपा शासनकाल के एक कद्दावर मंत्री तक पहुंच गई है। आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) इंदौर में एक व्यक्ति को तलाश रही है। यह पूर्व मंत्री के इशारों पर ठेका लेने की तैयारी में थे।

सूत्रों के अनुसार ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने इस मामले में इंदौर में कई जगह दबिश दी। बताया जाता है कि ईओडब्ल्यू (EOW) तीन नोटिस भी बयान दर्ज कराने के लिए भेज चुका था। वह इंदौर शहर से गायब था। अब एक बार फिर उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी गई है। शनिवार दोपहर उसके गिरफ्तार करने की भी सूचना चली थी। जिस व्यक्ति की तलाश की जा रही है उसका नाम मुकेश शर्मा इंदौर वाले बताया जा रहा है। हालांकि इस मामले में ईओडब्ल्यू की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। बताया जाता है कि ई-टेंडर (E-Tender Scam) के मामले में आरोपी की दो कंपनियों को ठेका दिलाने की तैयारी थी। लेकिन, उससे पहले भंड़ा फूट गया।

नोटिस मिलते ही गायब
ईओडब्ल्यू ने (E-Tender Scam) मामले में गुजरात की माधव इंफ्रा के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इसके अलावा भोपाल की ह्यूम पाइप कंपनी को नोटिस दे दिया है। यह नोटिस लेने वाला कोई नहीं मिला तो उसे ऑफिस में चस्पा कर दिया गया है। ईओडब्ल्यू (EOW) के अनुसार इस मामले में इस सप्ताह तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी ईओडब्ल्यू करने जा रहा है।

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क्या है मामला
ईओडब्ल्यू (EOW) ने 10 अप्रैल, 2019 को ई-टेंडरिंग घोटाले (E-Tender Scam) के मामले में प्रकरण दर्ज किया था। इसमें जांच के लिए प्राथमिकी जून, 2018 में दर्ज हुई थी। जांच कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम नई दिल्ली से कराई गई। जल निगम के तीन टेंडर, लोक निर्माण विभाग के दो टेंडर, सडक़ विकास निगम के एक टेंडर, लोक निर्माण विभाग की पीआईयू का एक टेंडर ऐसे करके कुल नौ ई-टेंडरों में गड़बड़ी करना पाया गया था।

कौन है आरोपी

इस मामले (E-Tender Scam) में हैदराबाद की कंपनी मैसर्स जीवीपीआर लिमिटेड, मैसर्स मैक्स मेंटेना लिमिटेड, मुंबई की कंपनियां दी ह्यूम पाइप लिमिटेड, मैसर्स जेएमसी लिमिटेड, बड़ौदा की कंपनी सोरठिया बेलजी प्रायवेट लिमिटेड, मैसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड और भोपाल की कंस्टक्शन कंपनी मैसर्स रामकुमार नरवानी लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर है। साफ्टवेयर बनाने वाली ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड, एमपी एसईडीसी, एन्टेस प्रायवेट लिमिटेड और बैगलोर की टीसीएस कंपनी को भी आरोपी बनाया है।

अब तक क्या
ईओडब्ल्यू ने इस मामले (E-Tender Scam) में सबसे पहले 11 अप्रैल, 2019 को भोपाल के मानसरोवर में दबिश दी। यहां से तीन आरोपियों विनय चौधरी, सुमित गोलवलकर और वरूण चतुर्वेदी को हिरासत में लिया। तीनों आरोपियों को 12 अप्रैल को अदालत में पेश करके 15 अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया। इसी बीच 14 अप्रैल को नंदकुमार को गिरफ्तार किया गया।जिसे ओस्मो कंपनी के तीनों आरोपियों के साथ 15 अप्रैल को जिला अदालत में न्यायाधीश भगवत प्रसाद पांडे की अदालत में पेश किया गया।

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