Bhopal Crime News: आटो डील एजेंसी वाले तथ्य को छुपा रही पुलिस, जानिए पूरी सच्चाई
भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले दिनों ग्वालियर हाईकोर्ट के एक आदेश जिसमें आरोपियों को सार्वजनिक करने के मामले में पुलिस जमकर फायदा उठा रही है। वह इस आदेश पर जानकारियों पर भी पर्दा डाल रही है। ऐसे ही एक मामले की पड़ताल द क्राइम इंफो डॉट कॉम ने की है। मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) का है। घटना को लगभग तीन सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है। इस दौरान पुलिस की जांच केवल परिवार तक सिमटाकर रखी गई।
एक दशक पहले की थी लव मैरिज
घटना बजरिया थाना क्षेत्र स्थित चांदबड़ इलाके के विजय नगर में रहने वाले शिवकुमार यादव उर्फ छोटू उम्र 32 साल के परिवार की है। शिव कुमार यादव मूलत: कानपुर (Kanpur) के रहने वाले थे। पिता विजय यादव को वह बिना बताए भोपाल आ गए थे। यहां आने के बाद शिवकुमार यादव उर्फ छोटू (Shivkumar Yadav@Chhotu) ने प्रेम विवाह किया था। यह विवाह साहू समाज की लड़की करिश्मा (Karishama Sahu) से किया था। उसके दो बच्चे भी हैं। शादी परिवार की रजामंदी से प्रेम विवाह के रुप में लगभग 12 साल पहले हुई थी। करिश्मा का मायका छोला मंदिर थाना क्षेत्र में हैं। लड़की के परिवार ने ही उसको किराए से मकान चांदबड़ में दिला दिया था। पूरा परिवार अच्छे से गुजर—बसर कर रहा था।
जांच अधिकारी दे रहे क्लीनचिट
शिव कुमार यादव उर्फ छोटू (Shivkumar Yadav@Chhotu Suicide Case) की लाश 10 दिसंबर की सुबह फंदे पर लटकी मिली थी। इसकी सूचना पर सुबह लगभग 10 बजे मर्ग कायम किया गया था। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था। मामले की जांच कर रहे अधिकारी एएसआई अमर सिंह विमल (ASI Amar Singh Vimal) ने बताया कि पत्नी समेत किसी अन्य परिजनों ने कोई संदेह नहीं जताया है। पीएम में भी ऐसी कोई संदेह वाली बात सामने नहीं आई है। मोबाइल कॉल रिकॉर्ड में भी कोई तथ्य सामने नहीं आए है जिससे मामला संदिग्ध बने, ऐसा दावा जांच अधिकारी ने द क्राइम इंफो से बातचीत में किया है।
इस बात पर डाल रखा है पर्दा
द क्राइम इंफो ने घर और परिवार से बातचीत करके हकीकत का पता लगाया। परिवार शव लेकर कानपुर (Kanpur) चला गया था। यह परिवार दो दिन पहले ही भोपाल आया है। परिवार ने बताया कि शिव कुमार यादव (Shiv Kumar Yadav) ने सीएनजी आटो उठाया था। जिसकी किस्त हर महीने लगभग 6 हजार रुपए जा रही थी। यह किस्त लॉक डाउन के कारण परिवार जमा नहीं कर पा रहा था। परिवार आधिकारिक बयान देने से डर रहा है। उसको लगता है कि यह बात बोलने पर आटो डीलर वाली कंपनी और पुलिस से उसको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इधर, पुलिस हरसंभव कोशिश कर रही है कि आटो एजेंसी वाली बात को दबाकर मौत को पहेली बनाकर रखा जाए।
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