Mobile Tower Dispute: वीडियो में देखिए अनुमति लेकर रुफ टॉप लगा रहे कर्मचारियों ने जनता से की अभद्रता, कंपनी का दावा हमारे पास सारे वैध दस्तावेज
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज मोबाइल टॉवर (Mobile Tower Dispute) को लेकर चल रहे घमासान से जुड़ी है। यह घटना अवधपुरी थाना क्षेत्र स्थित बीडीए कॉलोनी के एक नंबर सेक्टर की है। यहां एक ईडब्ल्यूएस मकान की दूसरी मंजिल पर टॉवर लगाया जा रहा है। जिसका वहां आसपास के रहवासी तीन दिनों से विरोध कर रहे है। यह विवाद पहले मकान मालिक से चल रहा था। शुक्रवार रात इस विवाद में टॉवर लगा रही कंपनी के कर्मचारी कूद गए। जिसके बाद पुलिस को मौके पर आना पड़ा। विवाद की स्थिति अभी भी बनी हुई है।
इन्हें मिली है परमिशन
बीडीए कॉलोनी निवासी राजू जैन (Raju Jain) के मकान नंबर 26 में टॉवर लगाया जा रहा है। जहां टॉवर लग रहा है वहां उसके किराएदार रहते हैं। राजू जैन बीडीए कॉलोनी के ही एक अन्य मकान में दूसरी जगह पर रहता है। राजू जैन के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि टॉवर लगने से दुर्घटना होने की पूरी संभावना है। इसके अलावा रेडिएशन के संभावित खतरे को लेकर जनता में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इस कारण पहले राजू जैन और उसकी पत्नी सुमन जैन (Suman Jain) के साथ कॉलोनी के रहवासियों का तीन दिनों से विवाद चल रहा है। यह पता चलने पर अवधपुरी थाने से पुलिस भी मौके पर मामले को सुलझाने पहुंची थी। रहवासियों का कहना है कि आसपास दिल और अस्थमा के मरीज रहते हैं।
विधायक ने पत्र लिखा
इस मामले को लेकर स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ रहवासियों का एक प्रतिनिधि मंडल गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर (Krishna Gour) के पास पहुंचा। विधायक ने काम रोकने के लिए भी कहा। इसके बावजूद काम बदस्तूर जारी रहा। पुलिस ने हस्तक्षेप करने से यह बोलकर इंकार कर दिया कि स्टे का आर्डर भोपाल कलेक्टर से ही मान्य होगा। हालांकि शनिवार अवकाश होने की वजह से रहवासी स्टे आर्डर लेने को लेकर परेशान होते रहे। इससे पहले रहवासियों ने एसडीएम और नगर निगम कार्यालय में भी टॉवर लगाने से रोकने के लिए आवेदन दिया था। इस मामले को लेकर नगर निगम कमिश्नर वीएस कोलसानी चौधरी का कहना था कि यह काम उनके यहां से नहीं होता है। जबकि कलेक्टर अविनाश लवानिया बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
इस कंपनी को मिला है काम
टॉवर लगाने का काम इंडस टॉवर कंपनी (Indus Tower Company) को मिला है। यह नई कंपनी है जो एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया कंपनी से मिलकर बनी है। इस कंपनी ने स्थानीय वेंडर अंबर कांट्रैक्टर को यह काम दिया है। कंपनी की तरफ से देवेश बिदुआ (Devesh Bidua) ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उस इलाके से कॉल ड्रॉप की शिकायतें ट्राई को मिल रही थी। ऐसी शिकायतों पर ट्राई दूरसंचार कंपनियों पर काफी भारी जुर्माना लगाती है। उसके ही सुझाव पर जहां नेटवर्क समस्या है वहां जनता के हित में टॉवर लगाने का फैसला लिया जाता है। उन्होंने कहा कि जनता को मैं बातें समझा रहा था। लेकिन, वहां मुझ पर और कर्मचारियों पर हमला कर दिया गया। लोगों में रेडिएशन को लेकर गलतफहमी है। वह भी दूर करने का मैंने प्रयास किया।
इसलिए फैला है भ्रम
मारपीट से पहले हंगामे का वीडियो
मोबाइल टॉवर कंपनी के जानकार बताते हैं कि 2जी और 3जी के वक्त रेडिएशन की बातें होती थी। लेकिन, इस समस्या से 4जी में कोई चिंता की बात नहीं हैं। मोबाइल टॉवर तीन तरह के होते हैं। जीवीएम, जीबीटी और आरटीपी तीन तरह के टॉवर लगते हैं। इसमें कुछ कंपनियां अपनी तरफ से लगाती है। जहां वह अपने टॉवर नहीं लगा सकती है तो वहां वह किराए पर लगाने का काम करती है। इंडस टॉवर कंपनी जो पहले भारती इंफ्रा नाम से थी अब वह यह काम कर रही है। इस कंपनी को स्मार्ट सिटी का ठेका भी मिला हुआ है। रहवासियों की एकसूत्रीय मांग है कि कॉलोनी में टॉवर नहीं लगेगा। इसको लेकर वे आरपार की लड़ाई के लिए भी तैयार है।
खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।