MP Political Gossip: समाज के सम्मेलन के रास्ते वोट बैंक में सेंध

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MP Political Gossip: विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए अभी से ससुर—दामाद केे बीच तलवारें निकली, पंचायत चुनाव में पटखनी देने का बदला दो विधानसभाओं में निकाल रहे यह नेता, एक विधायक की जड़े खुदती देखकर भीतरघात का फॉर्मूला अभी से हुआ तय

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सांकेतिक चित्र टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। जिसमें लगभग ढ़ाई सौ दिन बाकी रह गए हैं। इस दौरान जिसने भी दम दिखाया वह पांच साल कुर्सी पाने में कामयाब रहेगा। इसके​ लिए भाजपा—कांग्रेस (MP Political Gossip) ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। दोनों ही दल अपने—अपने स्तर पर इसकी तैयारियां भीतरखाने जमकर कर रही है। जिसके कई रूप कुछ ही दिनों में सामने दिखने लगेंगे।

सिंधिया को घेरने की तैयारी

मध्यप्रदेश के बदनावर से कांग्रेस पार्टी की तरफ से एक शराब माफिया को मैदान में उतारने की तैयारी है। इनके नाम को लगभग हरी झंडी मिल गई है। लेकिन, पार्टी के भीतर उनका विरोध किया जा रहा है। बदनावर में राजपूत समाज का काफी दखल है। जिसका स्थानीय राजपूत नेता विरोध कर रहे हैं। जिस शराब माफिया के नाम की चर्चा चल रही है उन्हें यूपी का राजपूत बोलकर नजरअंदाज करने का दबाव कांग्रेस के भीतर चल रहा है। अब देखना यह है कि शराब माफिया अपने बाहुबल और पैसों के दम पर टिकट लेने में कामयाब हो सकते हैं या नहीं। क्योंकि उनके पुराने आपराधिक मामलों की फाइलें अभी से यहां—वहां साझा भी होने लगी है। यदि टिकट मिल भी गया तो वे अपने पुराने किस्सों को कितना रोकने में कामयाब हो पाएंगे।

कांग्रेसी नेताओं के रिश्तेदार रडार पर इसलिए विकल्प तलाशना शुरू

कांग्रेस इस बार पूरी सुनियोजित रणनीति के तहत चुनाव में उतरने जा रही है। वह हर विधानसभा से दो से तीन नाम चयन कर रही है। यदि पहला सत्ता की चाबी में वह चाहे एजेंसी की या लालच में फंसा तो दूसरा पत्ता तुरंत आगे किया जाएगा। वहीं चुनाव पूर्व बी—फार्म बांटने को लेकर भी विशेष रणनीति बनाई जा रही है। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए यह चुनाव उनके अस्तित्व की लड़ाई वहीं मौजूदा सरकार के लिए 2024 का सेमीफायनल। क्योंकि लोकसभा में एमपी से भाजपा को 28 सीट पिछली बार मिली थी। यदि चमत्कार के साथ परिवर्तन हुआ तो पुरानी लहर को बरकरार रखना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। वह भी तब जब आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक मंदी की चपेट में उस वक्त भारत होगा।

पंचायत चुनाव का बदला लेने दो सीटों पर सीधी टक्कर

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सांकेतिक चित्र टीसीआई

राजधानी के एक कांग्रेस नेता काफी कद्दावर माने जाते हैं। पिछली बार उनके नेतृत्व में पंचायत चुनाव चल रहा था। वे अपने उम्मीदवार (MP Political Gossip) को जीत दिलाने में कामयाब भी हो गए थे। लेकिन, भाजपा के दो रसूखदार नेताओं ने उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया था। दोनों विधायकों ने रातोंरात पंचायत अध्यक्ष को लगभग अगवा करके पाला बदलवा दिया था। उसी वक्त उन्होंने शपथ ली थी कि विधानसभा चुनाव में दोनों विधायकों को वे अपनी क्षेत्रीय ताकत का अहसास कराएंगे। इसके लिए वे युद्धस्तर पर जुट गए हैं। अब वे दो विधायक जिन्होंने पंचायत चुनाव में खेल किया था अब उन्हीं को कुर्सी पाने में इस बार काफी संघर्ष करना होगा।

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ससुर—दामाद के बीच घर के भीतर घमासान

राष्ट्रीय पार्टी के एक नेता के घर पर इन दिनों काफी घमासान चल रहा है। स्थिति यह है कि दोनों ही घरों के भीतर टिकट नहीं मिलने पर छोड़ने और बसाने की धमकियां जा रही है। खबर है कि ससुर कांग्रेस के बड़े पद पर रह चुके हैं। यदि उन्होंने अपना नाम आगे किया तो दामाद का नाम कटना तय है। उधर, दामाद एक राज्यसभा नेता के साथ जुड़कर पहले ही बी—फार्म लेकर बैठ चुके हैं। ऐसा वे अपने क्षेत्र में प्रचार करा रहे हैं जहां से वे चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैंं। दामाद साहब की शहर में कई एकड़ जमीन हैं। जिसमें मॉल भी बने हैं। शहर के यह दामाद साहब चुनाव लड़ने के लिए काफी पहले से धार्मिक यात्रा पर भी निकल चुके थे। वे अपनी ​फील्डिंग पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त से कर रहे थे। हालांकि उस वक्त उनका टिकट इस कारण कटा क्योंकि एमपी के सीएम के सामने जिन्होंने चुनाव लड़ा था उन्हें उस क्षेत्र से पार्टी ने उम्मीदवार बना दिया था।

मौका है आरक्षण का लाभ उठाने जुटे निगम के एक नेता

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सांकेतिक चित्र टीसीआई

राजधानी से ही निगम की एक जिम्मेदारी कुर्सी पर बैठाए गए युवा नेता की विधायक की कुर्सी पर नजर टिक गई है। वे जिस विधानसभा से चुनाव (MP Political Gossip) लड़ना चाहते हैं उसके लिए वे जमावट भी शुरू कर चुके हैं। आपको बता दें कि यह युवा नेता हैं और भाग्य से कुर्सी पाने में कामयाब रहे थे। हालांकि इससे पहले वे पूर्व गृहमंत्री खेमे के करीबी माने जाते थे। जहां से वे कुर्सी पर नजर टिकाए हैं वहां स्थानीय विधायक इस बात को जानते भी हैं। वे भी भीतर ही भीतर घात वाला खेल रहे हैं। खबर यह है कि यहां से भी कांग्रेस के दो युवा तुर्क आजमाईश कर रहे है। एक नेता राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि हैं। जबकि दूसरे नेता संगठन के कार्यकर्ताओं पर निर्भर है। जिसमें से एक को मौन समर्थन परिवर्तन होने की दशा में मौजूदा विधायक ने दे दिया है।

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