शहीद पुलिस कर्मचारियों के परिवार से मिले डीजीपी वीके सिंह
भोपाल। किसी तरह की समस्या आए तो यह संकोच मत करना कि मैं (MP Police) डीजीपी से कैसे बात करूं। मैं और पूरा पुलिस परिवार सदा आपके साथ है। आपको किसी तरह की कोई कमी का अहसास नहीं होगा। यह कहते हुए डीजीपी वीके सिंह ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय में शहीद पुलिस कर्मचारियों के परिजनों से मुलाकात की।
डीजीपी ने प्रत्येक परिवार से एक—एक करके बातचीत की। उन्होंने पुलिस उनकी मदद के लिए सदैव तत्पर है। हर समस्या का समाधान पूरी शिद्दत के साथ होगा। परिजनों के साथ—साथ एडीजी कल्याण विजय कटारिया भी मौजूद थे। मुलाकात करने वालों में एएसआई स्वर्गीय देवचंद नागले, प्रधान आरक्षक स्वर्गीय उमेश बाबू जाटव व आरक्षक स्वर्गीय बालमुकुंद प्रजापति के परिजन थे। पीएचक्यू के मुताबिक इन परिवारों को सरकार की तरफ से अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई है। पीएचक्यू के मुताबिक एएसआई स्वर्गीय अमृतलाल भिलाला के सभी पात्र परिजन पूर्व से ही शासकीय सेवा में हैं, उनकी धर्मपत्नी को एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इसी तरह स्वर्गीय बालमुकुंद प्रजापति के परिजनों को एक करोड़, स्वर्गीय देवचंद नागले के परिजनों को 70 लाख और स्वर्गीय उमेश बाबू जाटव के परिजनों को तात्कालिक रूप से 15 लाख रूपये की सहायता दी जा चुकी है, शेष आर्थिक सहायता भी मंजूर हो चुकी है, जिसका जल्द भुगतान कर दिया जाएगा।
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कौन कैसे हुआ था शहीद
ज्ञात हो सहायक उप निरीक्षक स्व. अमृतलाल भिलाला जब भोपाल के निशातपुरा थाना क्षेत्र में पॉइंट ड्यूटी के दौरान वाहन चेकिंग कर रहे थे तब एक आरोपी ने उनके ऊपर वाहन चढ़ा दिया था, जिससे अमृतलाल की मृत्यु हो गई थी। सहायक उप निरीक्षक स्व. देवचंद नागले की थाना उमरेठ जिला छिंदवाड़ा में पदस्थापना के दौरान वारंट तामिल कराते समय एक आरोपी ने धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी थी। प्रधान आरक्षक स्व. उमेश बाबू जाटव जब भिंड जिले के उमरी थाना अंतर्गत दंड प्रक्रिया संहिता का पालन करा रहे थे तभी आरोपी ने गैती मारकर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। दिल्ली में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। आरक्षक स्व. बालमुकुंद प्रजापति कोतवाली थाना क्षेत्र छतरपुर के अंतर्गत रात्रिकालीन गश्त के दौरान जब असामाजिक तत्वों को पकड़ने के लिए पीछा कर रहे थे, तभी एक आरोपी ने उनके ऊपर कट्टे से फायर कर दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई थी।