MP DGP Farewell Ceremony: डीजीपी ने अपने संबोधन में कहा वैश्विक महामारी कोविड—19 के अनुभव न होने के बावजूद मैदानी अमले के 162 कर्मचारियों की शहादत से विभाग हताश नहीं हुआ और उसने चुनौतियों से निपटने में कोई कमी नहीं छोड़ी
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी शुक्रवार को सेवानिवृत्त (MP DGP Farewell Ceremony) हो गए। उनका विदाई समारोह कार्यक्रम मोती लाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित किया गया था। इस दौरान उन्होंने अपने दो साल के कार्यकाल के अनुभव मंच के जरिए साझा किए। पुलिस महानिदेशक पद में रहते हुए उन्होंने हमेशा मीडिया से दूरी बनाकर रखी थी। यह पहला मौका था जब वे सार्वजनिक मंच से अपने कार्यकाल की चुनौतियों को बयां कर रहे थे। उन्होंने कोविड के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी से महकमा उतना वाकिफ नहीं था। इसके बावजूद चुनौतियों से बखूबी निपटा गया। विवेक जौहरी ने कोविड के दौरान दिवंगत 162 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को भी अपने दिए गए संदेश में याद किया।
नक्सलियों की फंडिंग रोकने में कामयाब रहे
पुलिस मुख्यालय की तरफ से आयोजित समारोह के दौरान पुलिस विभाग की अलग—अलग टुकड़ियों ने मार्च पास्ट किया। इससे पहले डीजीपी विवेक जौहरी (DGP Vivek Johri) ने टुकडियों का निरीक्षण करने के बाद सलामी ली। डीजीपी ने कहा कि महकमे में टीम वर्क बेहद जरुरी होता है। हमारे सामने 2020 में कोविड की चुनौती सामने आई थी। ट्रेनिंग न होने के बावजूद उसकी ड्यूटी को मैदानी अमले ने बहुत अच्छे से निभाया। महकमे ने जन सहयोग से कई तरह के कीर्तिमान भी रचे। कोविड के दौरान हमने 162 साथियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। कोविड ड्यूटी के दौरान ही 14 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी संक्रमित भी हुए। सरकार ने 39 हजार से अधिक कर्मचारियों को वीर योद्धा का पदक भी दिया। प्रदेश के लिए दूसरी चुनौती नक्सली रहे। जिसके लिए हॉक फोर्स की मदद से हमने उनकी फंडिंग को रोकने में सफलता हासिल की।
दो शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू
डीजीपी विवेक जौहरी (MP DGP Farewell Ceremony) ने कहा कि विभाग में पदोन्नतियां नहीं हो रही थी। जिसको वैधानिक अड़चन होने के बावजूद सरकार की मदद से प्रभार वाली व्यवस्था शुरु की गई। प्रदेश में ई—एफआईआर और ई—विवेचना जैसी शुरुआत करके महकमे को तकनीक से जोड़ने का प्रयास किया। राजधानी में जल्द 50 बिस्तरों वाला पुलिस अस्पताल भी शुरु होने जा रहा है। सरकार के सामने पुलिस विभाग ने काफी भरोसा जीता है। इसकी ही बदौलत हम दो शहरों भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को शुरु करने में कामयाब रहे। इसके अलावा एक नया पुलिस ट्रेनिंग स्कूल भी शुरु होने जा रहा है। लगभग 10 मिनट दिए संबोधन के बाद डीजीपी को खुली जिप्सी से खींचकर पुलिस मुख्यालय के अफसरों ने स्टेडियम के बाहर तक लाया गया। इसके बाद डीजीपी अपना कार्यभार नवागत डीजीपी सुधीर सक्सेना (DGP Sudhir Saxena) को सौंपने के लिए पुलिस मुख्यालय रवाना हो गए।
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