Bhopal News: प्रदेश में गठित चार जिलों के एसपी की रिपोर्ट नैगेटिव, डीजीपी समीक्षा के बाद दिखे नाखुश, कोर्ट में अभियोजन के परिणाम संतोषजनक भी नहीं, समीक्षा में दस जिलों के एसपी सुपरविजन में हुए फेल
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग के मुखिया कैलाश मकवाणा ने पिछले दिनों प्रदेश के सभी जिलों के कप्तान की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। इस समीक्षा के बाद दस जिलों के एसपी का वर्किंग कल्चर नैगेटिव पाया गया। इस रिपोर्ट से डीजीपी (MP Cop News) काफी नाराज नजर आ रहे हैं। क्राइम कंट्रोल में होने वाले प्रयासों की पहल तो दूर कई मामलों में जानकारी नहीं होने पर यह तल्खी की वजह बनी।
छह महीने से अधिक का वक्त गुजार चुके हैं एसपी
डीजीपी (DGP Kailash Makwana) ने सभी जिलों के एसपी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। इसमें चार जिले निवाड़ी, मउगंज, मैहर और कटनी के एसपी भी शामिल हैं। यह सभी जिले नए बने हैं। बाकी छह जिलों में छिंदवाड़ा, श्योपुर, रायसेन, मंडला, सिवनी और छतरपुर में भी पुलिस कप्तान का क्राइम कंट्रोल में कोई ठोस पहल दिखाई नहीं दी। रायसेन (Raisen) एसपी जुआ—सट्टा को लेकर बेखबर थे। रायसेन जिले में ही एक संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। जिसमें रेलवे पटरी पर लाश मिली थी। जिसकी लाश मिली उसका सिर, दोनों हाथ और दोनों पैर गायब थे। यह सारी बातें मर्ग इंटीमेंशन में दर्ज ही नहीं की गई थी। इस मामले में रायसेन एसपी को प्रकरण दर्ज नहीं करने पर डीजीपी ने फटकार लगाई थी। इधर, प्रदेश में गंभीर अपराधों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं आरोपियों की धरपकड़ में कमी आ रही है। अधिकांश पुलिस अधीक्षकों को छह महीना बीत चुका है। इसके बावजूद जिले में कोई सुपरविजन को लेकर ठोस पहल नहीं दिखने पर डीजीपी खफा भी हुए। इस संबंध में सांध्य दैनिक समाचार पत्र पब्लिक वाणी में गुरेंद्र अग्निहोत्री (Gurendra Agnihotri) की तरफ से विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।
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