Nursing Affiliation Scam: खेल मंत्री के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर थाने में आवेदन

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Nursing Affiliation Scam: शाबाश भोपाल पुलिस! सरकार की साख बचा ली, आमने—सामने हुए भाजपा—कांग्रेस केे नेताओं के बीच जरा भी तालमेल बिखरता तो गदर मचना तय था, तब मुख्यमंत्री जवाब नहीं दे पाते, ट्रैफिक जाम में नौनिहाल उमस भरी गर्मी में होते रहे परेशान

Nursing Affiliation Scam
थाने के सामने बैनर लेकर खड़े भाजपा नेता जिनको रोकने के लिए भारी मात्रा में बैरीकेड लगाए गए थे।

भोपाल। मध्यप्रदेश के घोटालों की फेहरिस्त में नया नाम जुड़ा है नर्सिग कॉलेज की मान्यता का फर्जीवाड़ा। इसमें मध्यप्रदेश के सरकार में अभी खेल मंत्री और तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को विपक्ष ने घेर रखा है। मध्यप्रदेश की विधानसभा में यह मुद्दा पुरजोर से उठाया गया है। इधर, कांग्रेस इस मामले को लेकर अब खुलकर सड़क पर आ गई है। पिछले एक सप्ताह के भीतर में कांग्रेस की तरफ से किया गया यह तीसरा बड़ा प्रदर्शन हैं। पिछले दो प्रदर्शनों में भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं को आगे करके अपना बचाव कर रही है। ताजा प्रदर्शन गुरुवार दोपहर अशोका गार्डन (Nursing Affiliation Scam) थाने में किया गया। यहां कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता आमने—सामने आ गए। हालांकि भोपाल पुलिस ने बेहद सामंजस्य भरा कदम उठाते हुए कानून—व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने से अंतिम सांस तक रोके रखा।

एक तरफ अशोभनीयत तो दूसरी तरफ मंत्री के खिलाफ दिख रही थी तख्ती

कांग्रेस (Congress) का प्रदर्शन अशोका गार्डन (Ashoka Garden) स्थित सब्जी मंडी चौराहे से शुरु हुआ। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) , नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत कई कांग्रेस के विधायक और पूर्व विधायक मौजूद थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तख्ती में ‘नर्सिंग घोटाले के दोषियों पर एफआईआर दर्ज करो’ की मांग लिखी हुई थी। इसके अलावा ‘तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) इस्तीफा दो’ लिखा हुआ था। वहीं अशोका गार्डन थाने के सामने पहले से जमा भाजपा (BJP) कार्यकर्ता ‘एमएलए गर्लफ्रेंड और मौत का फंदा’ नाम की तख्ती लेकर खड़े हुए थे। यह टीवी पर चलने वाले क्लिप का हिस्सा थे। इन सभी टकरावों के बीच भोपाल पुलिस रणनीतिक रूप से मोर्चा संभाले हुए थी। दरअसल, थाना रिहायशी इलाके में था। यहां कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज या आंसू गैस के गोले छोड़ना उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता था। इसलिए भारी नारेबाजी और छींटाकंशी के बीच पुलिस ने कांग्रेस की तरफ से आवेदन लिया और प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से शांत करा लिया।

पुलिस विभाग की साख को सरकार दांव पर लगा रही

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मंत्री विश्वास सारंग के पोस्टर को फाड़ता हुआ कांग्रेस कार्यकर्ता।

कांग्रेस प्रदेश के खेल मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ मुखर होकर मैदान में हैं। सरकार पर काफी दबाव भी है और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच में भी इस तरह के बचाव करने को लेकर कानाफूंसी चल रही है। इससे पहले टीटी नगर थाने में हुए प्रदर्शन के वक्त भी भाजपा नेता प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे (Hemant Katare) के खिलाफ कार्रवाई (Nursing Affiliation Scam) की मांग को लेकर थाने में आवेदन देने चले गए थे। उल्लेखनीय है कि हेमंत कटारे विधायक रहते माखनलाल की एक पूर्व छात्रा के ब्लैकमेल वाले केस के चलते सुर्खियों में आए थे। उस मामले की जांच भोपाल क्राइम ब्रांच ने की थी। उनके बाद नेता प्रतिपक्ष के बंगले में एक महिला ने आत्महत्या की थी। जिसकी जांच शाहपुरा थाना पुलिस कर रही थी। इन्हीं पुराने दो मुद्दों को लेकर भाजपा तूल दे रही है। लेकिन, जिस तरीके से पुलिस को आगे करके प्रदर्शन में राजनीति की जा रही है वह पुलिस विभाग के लिए मुश्किल में डालने जैसा काम है। सरकार के अधीन इस विभाग से दोनों ही बार में कोई तकनीक चूक हो जाती तो पार्टी पुलिस बन जाती। इसलिए पुलिस विभाग फूंक—फूंककर कदम रख रहा है।

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तीन जेबकटों को भीड़ से उठाकर ले गई पुलिस

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भोपाल में अशोका गार्डन में स्थित परिहार चौराहे के पास ​खेल मंत्री विश्वास सारंग के आदमकद कट आउट के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ जो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने थाने जा रही थी।

अशोका गार्डन थाना क्षेत्र में स्थित 80 फीट रोड पर दोनों तरफ काफी अतिक्रमण है। उसके बीच कांग्रेस नेताओं की रैली ने आम नागरिकों को परेशानी में डाल दिया था। कई स्कूल बस काफी देर तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। वहीं रैली के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच में भी आगे बढ़ने की होड़ में नोकझोक भी हुई। कांग्रेस ने रैली में नर्सिंग के छात्रों को भी लेकर आई थी। सबसे आगे महिला नेतृत्व ने मोर्चा संभाल रखा था। जिसमें पूर्व महापौर विभा पटेल और अन्य कार्यकर्ता थे। दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) काफी देर तक थाने नहीं गए। क्योंकि भाजपा नेता थाने के सामने बैरीकेड के उस तरफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। मौके पर डीसीपी प्रियंका शुक्ला (DCP Priyanka Shukla) समेत कई अन्य पुलिस थानों का भारी बल तैनात किया गया था। विपरीत स्थितियों से निपटने के लिए वज्र वाहन भी तैनात था। प्रदर्शन के दौरान तीन जेबकट भी घुस गए थे। जिन्हें सादी वर्दी में तैनात पुलिसकर्मियों ने उठा लिया।

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