Bhopal News: मौत होने के बाद अंत्येष्टि कराने के लिए नेपाली समाज जागा तो पता चला दार्जिलिंग का रहने वाला था भर्ती युवक
भोपाल। समाज में आ रहे नैतिक पतन की यह सच्ची कहानी है। इस समाचार को द क्राइम इंफो ने 14 जून को प्रकाशित किया था। घटनाक्रम नेपाली समाज से जुड़ा है। मामला भोपाल (Bhopal News) शहर के हनुमानगंज थाने में अब पहुंचा है। दरअसल, नेपाली चेहरा दिखने वाला व्यक्ति 5 जून से हमीदिया अस्पताल में भर्ती था। वह जीवन और मौत से जूझ रहा था। उसकी देखरेख करने के लिए कोई अटेंडर नहीं मिल रहा था। उसको गंभीर हालत में भाजपा नेता ने भर्ती कराया था। अत्याधिक मात्रा में शराब पीने के कारण उसका लीवर खराब हो गया था। उसकी मौत के पूर्व नेपाली समाज ने सुध नहीं ली। हालांकि हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में काम करने वाले समाज सेवक लोकमणि घिमिरे ने जरूर पहल की थी। अब उसकी मौत के बाद उसके परिजनों को नेपाली समाज ने तलाश लिया है।
प्रायवेट अस्पताल में भी चला था इलाज
लोकमणि घिमिरे (Lokmani Ghimire) ने बताया कि मृतक दार्जिलिंग (Darjeeling) के अछाम (Achham) जिले का रहने वाला था। उसके परिजनों को तलाश लिया गया है। उसके परिजनों को तलाशने में धनराज लुईटेल (Dhanraj Luitel) ने भी बहुत ज्यादा भूमिका निभाई। लेकिन, समाज के अन्य नेताओं की तरफ से समाचार प्रकाशन के बाद कोई सुध नहीं ली गई। जब लोकमणि घिमिरे ने उसके मौत की जानकारी सार्वजनिक की गई तो समाज के पदाधिकारी सक्रिय होने लगे। उल्लेखनीय है कि द क्राइम इंफो ने 10 जून को रवि लांबा (Ravi Lamba) के गंभीर होने और उसके नेपाली होने की जानकारी के साथ समाचार का प्रकाशन किया था। यह जानकारी समाज सेवक मोहन सोनी (Mohan Soni) ने दी थी। उसको भाजपा नेता मुकुल लोखंडे (Mukul Lokhande) ने हमीदिया अस्पताल में 5 जून को भर्ती कराया था। लोखंडे ने इसके पहले उसका इलाज पारूल अस्पताल (Parul Hospital) में कराया था।
यह बोलकर अब समाज ने किया किनारा
रवि लांबा के परिजन को मुंबई (Mumbai) में तलाश लिया गया है। उसकी मौत 14 जून की शाम को हुई थी। जिसमें हनुमानगंज पुलिस (Bhopal News) ने मर्ग कायम किया है। उसके नेपाली होने को लेकर समाज की तरफ से तस्दीक करने के लिए बोला गया। जिसके चलते शव फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया था। शुक्रवार को उसके परिजनों को तलाश लिया गया। जिसके बाद नेपाली समाज ने दार्जिलिंग का नागरिक बताकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया। जबकि उसके जीवित अवस्था में रहते हुए उसके परिजनों को तलाशने या फिर उसको मदद करने की कोई सुध नहीं ली थी।
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