Custodial Death: पुलिस अभिरक्षा में फिर मरा एक व्यक्ति

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चार महीने के भीतर आधा दर्जन से अधिक घटनाएं, नहीं थम रही कस्टोडि​यल मौत

Custodial Death
सांकेतिक तस्वीर

सतना। मध्यप्रदेश में पुलिस की निरंकुशता थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला सतना जिले से सामने आया है। यहां एक थाने में बंद व्यक्ति की मौत (Custodial Death) हो गई। इससे पहले पुलिस कस्टोडियल में मौत के मामले भोपाल, जबलपुर, शिवपुरी में भी सामने आ चुके हैं।

पूरा मामला सतना जिले के नागोद इलाके का है। नागोद थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि एक जगह पर सट्टा चल रहा है। थाने से टीम रवाना हुई। पुलिस ने घेराबंदी करके सटोरिए को दबोच लिया। पुलिस ने 50 वर्षीय रामलला को हिरासत में लिया। उसको थाने के लॉकअप में बंद कर दिया। अचानक रात को उसकी तबीयत बिगड़ी। यहां उसकी मौत (Custodial Death) हो गई। मामला बेहद संवेदनशील था। इसलिए एहतियात बरती जा रही थी। लेकिन, मामले ने तूल तब पकड़ लिया जब पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया।
परिजन शव घर ले जाने की बजाय एसडीएम कार्यालय के सामने पहुंच गए। यहां उन्होंने शव रखकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी (Satna Protest) की। स्थिति को देखते हुए वहां अतिरिक्त बल तैनात किया गया था। परिवार शव ले जाने को राजी नहीं हुए। वहां पर एसपी रियाज इकबाल पहुंचे। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि निष्पक्ष होकर मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने नागोद टीआई मनोज सोनी को लाइन अटैच कर दिया। वहीं महिला एसआई संतोष तिवारी, आरक्षक आकाश और आकाश द्विवेदी को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए गए। इसके बाद परिजन शव को अंत्येष्टि के लिए लेकर गए। मामले की जांच एसपी की निगरानी में की जा रही है।

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उल्लेखनीय है कि कस्टोडियल डैथ (Custodial Death) के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। सतना से पहले भी कई घटनाएं सामने आ चुकी है। शुरूआत भोपाल के बैरागढ़ थाने से हुई थी। इसके बाद जबलपुर, शिवपुरी समेत कई अन्य जिलों के नाम जुड़ते चले गए। इस मामले को लेकर डीजीपी वीके सिंह ने पहले ही मैदानी अमले को एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद कस्टोडियल डैथ (Custodial Death) रूकने का नाम नहीं ले रहा है।

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