Bhopal News: अरोरा का ‘वफादार सारथी’ था राधेश्याम

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Bhopal News: चार साल पहले भी पिया था जहर, उस वक्त भी सोम डिस्टलरी के मालिकों पर लगे थे आरोप, कर्जों की फेहरिस्त भी पुलिस को सौंपी थी, तब मामला दब गया था अब रसूखदारों का प्रकरण इसलिए थाना प्रभारी और जांच अधिकारी फूंक—फूंककर रख रहे हर पत्राचार पर कदम

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वह कार जिसकी पिछली सीट में राधेश्याम सेन की लाश पुलिस को मिली थी। चित्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। File Photo

भोपाल। सोम डिस्टलरी (Som Distillery) के मालिक पहली बार विवादों में नहीं आए हैं। यह दूसरा मौका है जब उनसे जुड़ा प्रकरण पुलिस थाने पहुंचा है। हालांकि चार साल पहले हुए उस कांड की फाइल बंद कर दी गई थी। यह खुलासा उस जांच में सामने आया है जो भोपाल (Bhopal News) शहर के टीटी नगर थाना क्षेत्र में हुआ था। यहां कार के भीतर एक व्यक्ति ने जहर पीकर खुदकुशी की थी। इससे पहले उसने एक वीडियो (Suicide Video) बनाया था। जिसमें सोम डिस्टलरी से जुड़े कई लोगों के नाम उसने उजागर करते हुए उसके लिए जिम्मेदार बताया था।

इन बैंकों से लिया था लोन

टीटी नगर स्थित अरविंदो स्कूल के नजदीक फोर्ड कार एमपी—04—सीएच—1800 के भीतर एक व्यक्ति की लाश मिली थी। कार ईदगाह हिल्स निवासी सचिन केसवानी (Sachin Keswani) के नाम पर थी। हालांकि बाद में पता चला कि वह तीन साल पहले नीलबड़ में रहने वाले राधेश्याम सेन (Radheshyam Sen) को बेच दी गई थी। पुलिस उसकी पड़ताल करते हुए पहुंची तो मालूम हुआ कि उसके बेटे आदित्य कुमार सेन (Aditya Kumar Sen) ने उसी दिन सुबह रातीबड़ थाने में गुमुशदगी भी दर्ज कराई थी। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि उन्होंने रोते हुए एक वीडियो पत्नी को भेजा था। (इस समाचार में नीचे उस वीडियो वाले समाचार की लिंक अलग से दी जा रही है। आप उस पर जाकर लिंक पर क्लिक करके समाचार देख सकते हैं।) टीटी नगर पुलिस को लाश कार की पिछली सीट पर मिली थी। इसी मामले की जांच करते हुए एसआई फूलचंद्र मीना (SI Phool Chandra Meena) को पांच दिन बीत गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार उन्हें प्राथमिक तफ्तीश में पता चला है कि राधेश्याम सेन (Radhe Shyam Suicide News) ने अक्टूबर, 2020 में भी सोम डिस्टलरी के मालिकों से तंग होकर चूहामार दवा पी ली थी। यह जानकारी उस वक्त रातीबड़ थाना पुलिस को निजी अस्पताल से मिली थी। उसकी जांच तत्कालीन जांच अधिकारी दुबे ने की थी। उसी जांच में साफ हो गया था कि राधेश्याम सेन ने आधा दर्जन से अधिक बैंकों से भारी लोन लिया था। जिसको नहीं चुकाने के कारण मिल रहे नोटिस से वह परेशान चल रहे थे।

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किसके पते पर पहुंचे थे बैंकों के नोटिस, वह उजागर हुआ तो घोटाला सामने आएगा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अक्टूबर, 2020 में राधेश्याम सेन ने एसबीआई (SBI Loan News) से साढ़े सात लाख रुपए, केनरा बैंक (Canra Bank Loan News) से डेढ़ लाख रुपए, धानी बैंक (Dhani Bank Loan News) से साढ़े चार लाख रुपए का एजुकेशन लोन, आरबीएल बैंक (RBL Bank Loan News) से पौने दो लाख रुपए का लोन लिया था। तब उसने पुलिस को बताया था कि यह सभी लोन उसने सोम डिस्टलरी के कारण लिए थे। क्योंकि उसे कंपनी में चार प्रतिशत का पार्टनर बनाया गया था। वह कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर (Som Distillery Patner Suicide News ) भी था। पुलिस को कंपनी में उसके डायरेक्टर बनाए जाने के कागजात उस वक्त बरामद हुए थे। उसका यह भी दावा था कि सभी बैंकों की चेकबुक उसके पास नहीं थी। लेकिन, चार साल पहले भी वह मामला दब गया था। ताजा जांच में यह पता चला है कि राधेश्याम सेन पहले सोम डिस्टलरी कंपनी में ही जॉब करता था। वह जगदीश अरोरा (Jagdish Arora News) का भरोसेमंद ड्रायवर था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह तो साफ है कि उसने लोन लिया था। लेकिन, बैंकों की रिकवरी के नोटिस वह नहीं दे पाया था। यानि साफ है कि नोटिस जिस पते पर जा रहे थे वह राधेश्याम सेन के अलावा दो अन्य व्यक्तियों को मालूम थे। अब उनकी गुपचुप तरीके से कुंडली खंगाली जा रही है। जिसके लिए बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है।

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मोबाइल जब्त करके फोरेंसिक जांच के लिए भेजा, परिवार का इंतजार

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल शहर का यह चर्चित कांड मैंन स्ट्रीम मीडिया (Bhopal Media House News) से गायब है। जबकि राधेश्याम सेन का एक बेटा बड़े मीडिया हाउस में ही जॉब करता है। इस पूरे घटना को पांच दिन बीत चुके हैं अब तक किसी भी मैन स्ट्रीम मीडिया ने इस पूरे मामले में कोई पहल नहीं दिखाई है। राधेश्याम सेन ने जिन व्यक्तियों पर आरोप लगाए हैं उनकी राजनीतिक और ब्यूरोक्रेसी में काफी पहुंच हैं। वे शराब कारोबार के अलावा रियल स्टेट के बड़े निवेशक हैं। उनकी कंपनियों में कई सफेदपोश लोगों के नाम हैं। इस कारण टीटी नगर थाना पुलिस बेहद सतर्कता के साथ हर जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि राधेश्याम सेन का मोबाइल फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। इधर, उसका परिवार अंतिम क्रिया के लिए इलाहाबाद (Alahabad) गया हुआ है। उनके आने के बाद राधेश्याम सेन के कब्जे से बरामद एक पत्र की जांच के लिए क्यूडी शाखा को भेजा जाना है। जिसके लिए परिजनों की मौजूदगी में राधेश्याम सेन से जुड़े दस्तावेज जब्त करना बाकी है। इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए एसीपी टीटी नगर चंद्रशेखर पांडे (ACP Chandra Shekhar Pandey) से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि टीआई अशोक गौतम (Inspector Asho Gautam) की निगरानी में जांच चल रही है। वे ज्यादा बेहतर तरीके से आपके सवालों के जवाब दे सकेंगे। वहीं थाना प्रभारी अशोक कुमार गौतम को फोन लगाया गया तो उन्होंने उसे रिसीव नहीं किया। इसके अलावा सोम डिस्टलरी से भी उनके आधिकारिक बयान के लिए संपर्क किया गया है। हालांकि कंपनी से भी कोई बातचीत के लिए सामने नहीं आया।

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राधेश्याम सेन का वह आखिरी वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए। जिसमें सबसे आखिरी में वह भावुक होकर किस तरह से न्याय मांगने के लिए गुजारिश कर रहा था।

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