Dacoit Encounter : एमपी और यूपी में आतंक का दूसरा नाम बन गया था बबली गैंग

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पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए जाने का दावा, बबली और लवलेश की लाश बरामद

डकैत बबली कोल

सतना। मध्यप्रदेश (MP) और उत्तर प्रदेश (UP) में आतंक का दूसरा नाम बनते जा रहे डकैत बबली (Dacoit Babli Kol Gang) और उसके साथी लवलेश कोल (Lavlesh kol) को इनकाउंटर (Dacoit Encounter) कर दिया गया है। सतना पुलिस (Satna Police) ने बबली और लवलेश (Dacoit Babli Kol Gang) को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया है। बबली पर 7 लाख और लवलेश पर 1 लाख 80 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। सतना में लदेरी के जंगल से दोनों की लाशें बरामद की गई है।

मध्यप्रदेश के विंध्य (Vindhya) और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में बबली (Babli kol)  ने आतंक फैला रखा था। उस पर अपहरण, हत्या, फिरौती के दर्जनों मामलों में बबली मुख्य आरोपी था। हाल ही में बबली गैंग ने एक किसान अवधेश समदडिया का अपहरण किया था। खबरों के मुताबिक फिरौती देकर समदड़िया रिहा हुए थे। उनका कहना है कि बबली गैंग में करीब 15 सदस्य है।

सतना एसपी रियाज इकबाल के मुताबिक रविवार रात पुलिस और बबली गैंग में मुठभेड़ हुई थी। पुलिस की तरफ से 35 राउंड और बबली गैंग की तरफ से 16 राउंड गोली चली। इस मुठभेड़ में बबली और लवलेश मारे गए। हालांकि पहले खबर आई थी कि गैंगवार में बबली और अवधेश की हत्या हुई थी।

बबली कोल और लवलेश कोल की लाश

सूत्रों का कहना था कि फिरौती की रकम के बटबांटे को लेकर गैंग में आपसी विवाद हुआ और गैंग के सदस्यों ने बबली और लवलेश की गोली मारकर हत्या कर दी। लेकिन एक एजेंसी को दिए गए बयान में एसपी रियाज इकबाल ने बबली को एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया है।

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मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस को खुली चुनौती देने वाले बबली को 2006 में एक डकैती में साथ देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। रिहा होते ही वो जंगल में कूद गया था. 2007 में उसने मानिकपुर रेलवे स्टेशन के पास कामायनी एक्सप्रेस ट्रेन में पहली डकैती डाली थी। विरोध करने पर एक रशियन महिला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद बबली गैंग ने दोनों राज्यों के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में कई वारदातों को अंजाम दिया था।

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