Bhopal Cyber Fraud: मोबाइल एसेसरीज के कारोबारी को स्कीम बताकर क्रेडिट कार्ड बनाने के नाम पर 50 हजार रूपए की धोखाधड़ी
भोपाल। मध्यप्रदेश सायबर फ्रॉड (MP Cyber Fraud) के मामले में सबसे प्रभावित राज्यों की श्रेणी में हैं। परिस्थितियां राजधानी भोपाल (Bhopal Cyber Fraud) में बहुत ज्यादा विपरीत है। दरअसल, यहां मौजूदा आबादी के अलावा रोजगार, शिक्षा और तैयारियों के लिए आने वाले दूसरे राज्यों की जनसंख्या है। इतनी बड़ी आबादी को सायबर पेट्रोलिंग के जरिए बारी से निगरानी कर पाना असंभव है। इधर, चुनौतियां मौजूदा ज्यादा है उस पर सायबर क्राइम की प्रक्रिया उसको और ज्यादा पेचिंदा बना देती है। ऐसा ही एक ओर मामला सामने आया है। यह पहली बार नहीं है। कहानी यह है कि मोबाइल एसेसरीज के कारोबारी के साथ सायबर फ्रॉड हुआ था। जिसकी जानकारी उन्होंने तुरंत दे दी थी। इसके बावजूद आरोपी तो दूर एफआईआर दर्ज करने में ही देरी कर दी गई।
इस कारण देरी से दर्ज हुई एफआईआर
हनुमानगंज थाना पुलिस के अनुसार 7 फरवरी की दोपहर लगभग दो बजे 79/23 धारा 420 (जालसाजी) का प्रकरण दर्ज किया गया है। जिसकी शिकायत 20 अगस्त, 2022 को सायबर क्राइम कार्यालय में एसीपी को दी गई थी। आवेदन हर्ष चंदवानी पिता स्वर्गीय अशोक कुमार चंदवानी उम्र 25 साल ने दी थी। वे शाहजहांनाबाद स्थित ईदगाह हिल्स के प्रभु नगर में रहते हैं। हर्ष चंदवानी की घोडानक्कास में बालाजी कलेक्शन (Balaji Collection) नाम से मोबाइल एसेसरीज की दुकान है। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद जीरो पर मुकदमा दर्ज कर एफआईआर दर्ज करने के लिए शाहजहांनाबाद थाने भेजा गया। थाना पुलिस ने पीड़ित के बयान दर्ज किए तो बताया कि घटना के वक्त वे घोड़ा नक्कास स्थित बालाजी कलेक्शन दुकान पर थे। इस कारण शाहजहांनाबाद थाना पुलिस ने केस डायरी वापस हनुमानगंज थाना की बताकर वापस भेज दी। यह कार्रवाई अक्टूबर, 2022 में हुई थी।
आधे घंटे में निकल गई रकम
शिकायत हर्ष चंदनानी (Harsh Chandnani) ने दर्ज कराई थी। उनके पहले बयान सायबर क्राइम ने दर्ज किए थे। फिर शाहजहांनाबाद थाना पुलिस ने दर्ज किए। अब हनुमानगंज पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करने का दावा कर रही है। प्रकरण की जांच एएसआई सुनील त्रिपाठी (ASI Sunil Tripathi) कर रहे हैं। हर्ष चंदनानी ने पुलिस को बताया है कि जालसाज ने 20 अगस्त, 2022 को काफल किया था। उसने क्रेडिट कार्ड में लिमिट बढ़ाने का झांसा (Bhopal Cyber Fraud) देकर आफर बताया। जिसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज व्हाट्स एप पर मांगे। इसके बाद एक ओटीपी आया जिसे उन्होंने जालसाज को बताया। यह बताते ही उनके एक्सिस बैंक के खाते से दो किस्त में 49,989 रूपए निकल गए। यह रकम महज आधा घंटे के भीतर में खाते से निकाली गई।
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