Indore Cyber Fraud: कभी कस्टम तो कभी पुलिस कमिश्नर बनकर मेडिकल की छात्रा के साथ करते रहे बातचीत, अकाउंट फ्रीज कराने का बोलकर खाते में ट्रांसकर करा लिए 18 लाख रूपए
इंदौर। डर का बिजनेस होता है। ऐसा ही करके जालसाजों ने पैसा कमा लिया। पीड़ित परिवार संभ्रात घर से हैं। शिकार मेडिकल की छात्रा को बनाया गया। उसके माता—पिता भी डॉक्टर है। यह घटना मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore Cyber Fraud) शहर की है। मामला सायबर फ्रॉड से जुड़ा है। जिसमें जालसाजों ने पीड़ित छात्रा के ताइवान से आ रहे पार्सल में ड्रग मिलने का झांसा दिया था। इसके साइड इफेक्ट छात्रा जानती थी। जिसके चलते वह जालसाजों के बताए अनुसार करती चली गई। गलती का अहसास तब हुआ जब उसके खाते से 18 लाख रूपए निकल गए।
यह बोलकर पुलिस अधिकारियों से बातचीत कराई।
जानकारी के अनुसार पीड़ित छात्रा को पहली बार 21 अप्रैल को फोन आया था। यह फोन नंबर केवल नौ डिजिट का था। इसमें रिकॉर्डेड वॉइस लोड थी। यह बात उसको पुलिस जांच केे बाद पता चली। इससे पहले उसने इसको वाकई असली फोन समझकर डील किया। रिकॉर्डेड वॉइस में उसका नाम बताते हुए फेडेक्स पार्सल की जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि उसको मुंबई कस्टम डिपार्टमेंट ने रोक लिया है। यह पार्सल ताईवान (Taiwan) से आने की जानकारी दी गई। छात्रा इससे पूर्व भी ताईवान से कुछ सामान बुला चुकी थी। इस कारण उसने बातों में यकीन कर लिया। उसे पाार्सल रोकने की वजह बताते हुए जानकारी दी गई कि उसमें ड्रग्स मिला है। मुंबई पुलिस उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है। इस दौरान छात्रा की कथित पुलिस इंस्पेक्टर से लेकर कमिश्नर तक की बात करवा दी गई।
ऐसे गिरोह के लोगों में फंसती चली गई छात्रा
जालसाजों ने कहा कि उसके आधार कार्ड का दुरुपयोग हो रहा है। आपके कार्ड की जानकारी माफिया और मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले गिरोह तक पहुंच गई है। छात्रा से कहा गया आपके खाते का अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है। इसके लिए उससे बैंक खाते (Indore Cyber Fraud) को सैनिटाइज़ कराने के लिए बोला गया। ऐसा नहीं करने पर उसकी गिरफ्तारी होने का खतरा बताया गया। इसमें उसके माता—पिता भी गिरफ्तार हो सकते हैं। यह कहकर आरोपियों ने छात्रा को स्काईप आईडी भेजी। इसके बाद वीडियो कॉल करके बैंक स्टेटमेंट और अन्य जानकारी ले ली। उससे एक खाते में रकम डालने बोला गया। जिसको भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रूलिंग बताकर वापस मिलने का झांसा दिया। आरोपियों की बात मान छात्रा ने 18 लाख रुपये एनईएफटी से भेज दिए। यह राशि मिलने के बाद जालसाजों ने अपने सारे नंबर बंद कर लिए। इस घटना की पुष्टि करते हुए एसपी सायबर जितेंद्र सिंह (SP Cyber Jitendra Singh) ने बताया कि वक्त रहते जानकारी मिलने पर जालसाजों का खाता फ्रीज करके रकम बचा ली गई है।
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