Bhopal News: तस्करों के गिरोह दो महिलाएं भी शामिल, छह आरोपियों से बरामद हुआ साढ़े 26 किलो गांजा, सवा पांच लाख रुपए का माल बरामद, बड़े मगरमच्छ के नाम पर पुलिस का जवाब जांच जारी है
भोपाल। क्राइम ब्रांच ने गांजा की एक बड़ी खेप पकड़ी है। आरोपियों में जीजा—साले समेत छह लोग है। यह कार्रवाई भोपाल (Bhopal News) शहर में की गई है। आरोपियों से करीब 26 किलो गांजा बरामद हुआ है। पुलिस ने बरामद गांजा की कीमत सवा पांच लाख रुपए बताई है।
यह है आरोपी जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया
भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आरोपी ओडिशा (Odisha) से गाँजा लेकर भोपाल में आते थे। जिसे वे फुटकर दामों में बेचते थे। इस मामले का एक आरोपी विशाखपत्तनम में भी गिरफ्तार हो चुकी है। इसी दौरान दो महिलाओं से मुख्य आरोपी की पहचान जेल में हुई थी। आरोपी यहां मंगलवारा स्थित पुष्पा अपार्टमेन्ट (Pushpa Appartment) के नजदीक से पकड़ा गया है। यहां से आरोपी विनय शर्मा (Vinay Sharma) पिता जितेन्द्र शर्मा उम्र 23 साल, श्याम जोशी (Shyam Joshi) पिता मगनलाल उम्र 26 साल, सोनू शर्मा (Sonu Sharma) पिता विनोद शर्मा उम्र 32 साल, जितेन्द्र शर्मा (Jitendra Sharma) पिता अनिल शर्मा उम्र 35 साल, सुनीता कुचबुंदिया (Sunita Kuchbundiya) पति सदैव कुचबुंदिया उम्र 48 साल और नरवदी भील पति प्रेम सिंह उम्र 56 साल को हिरासत में लिया गया। विनय शर्मा उत्तर प्रदेश के मथुरा (Matura) जिले का रहने वाला है। इसी तरह श्याम जोशी और जितेंद्र शर्मा ग्वालियर (Gwalior) का रहने वाला है। जबकि सोनू शर्मा मुरैना (Muraina) जिले में रहता है। नरवदी भील विदिशा जिले के लटेरी (Lateri) में रहती है। वहीं सुनीता कुचबुंदिया छोला मंदिर स्थित कल्याण नगर (Kalyan Nagar) बस्ती में रहती है।
आरोपियों के खिलाफ दर्ज है यह मुकदमे
पुलिस को सभी आरोपियों के कब्जे से 26 किलो 500 ग्रांम मादक पदार्थ गाँजा बरामद किया। आरोपी जितेन्द्र शर्मा के खिलाफ ललितपुर (Lalitpur) में एनडीपीएस का मुकदमा दर्ज हो चुका है। इसके अलावा वह विशाखापत्तनम में भी गिरफ्तार हो चुका है। सुनीता कुचबुंदिया पुराने कपड़े बेचने का काम करती है। वह निशातपुरा थाने में 2022 में एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार हो चुकी है। इसके अलावा उसको भोपाल क्राइम ब्रांच (Bhopal Crime Branch) ने 2017 में भी गिरफ्तार किया था। नरवदी भील के खिलाफ ब्यावरा थाने में हत्या करके सबूत मिटाने का प्रकरण दर्ज किया गया था। यह मुकदमा 2009 में दर्ज किया गया था। इस पूरे गिरोह का खुलासा करने में थाना प्रभारी अशोक मरावी (TI Ashok Maravi) , उनि शिवभानू, प्रआर मुकेश मीणा, प्रआर अरविन्द सिंह, आर रोहित मिश्रा, आर लक्ष्ण सिंह तोमर, आर. नीलू दांगी, आर राहुल ठाकुर, आर अजीत सिंह, आर अमन पटेल, आर ब्रजमोहन ब्यास, आर महावीर, आर शिवप्रताप सिंह, मआर संध्या शर्मा और मआर पूजा यादव ने सराहनीय भूमिका निभाई है।
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