Bhopal Couple Suicide: लव अफेयर का शक पर सुसाइड नोट नहीं मिलने से उलझी मौत की कहानी
भोपाल। दुपट्टे के दो अलग—अलग सिरे में बंधे हुए युवक—युवती के शव परिजनों को लटके (Bhopal Couple Suicide) मिले। उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घटना मध्य प्रदेश (MP Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) की है। फिलहाल इन जोड़ों की आत्महत्या (Bhopal Hanging Case) को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन, सुसाइड नोट नहीं मिलने की वजह से पुलिस के सामने मौत अभी भी पहेली बनी हुई है। पुलिस बहुत सी बातों को जानते हुए भी बोलने की स्थिति में भी नहीं है। मामले को जांच का बताकर थाने के अफसर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।
पारुल अस्पताल पहुंचाया
एमपी नगर थाना क्षेत्र स्थित सरोजनी नायडू स्कूल के पास शिवाजी नगर में सरकारी मकानों की कॉलोनी है। इसी कॉलोनी के एक मकान में दौलत राम शर्मा (Daulat Ram Sharma) का परिवार रहता है। दौलत राम की बेटी चित्रा शर्मा (Chitra Sharma) उम्र 20 साल कॉलेज पढ़ रही है। जहां चित्रा रहती है उसके बाजू में ही एक झुग्गी में उमेश रैकवार (Umesh Raikwar) पिता प्रकाश रैकवार उम्र 21 साल रहता था। वह एक एकेडमी में नौकरी करता था। दोनों के शव मंगलवार सुबह एक साथ फंदे पर परिजनों को लटके मिले थे। उन्हें उतारकर नजदीक ही स्थित पारुल अस्पताल (Parul Hospital) ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर पुलिस को सूचना दे दी।
इसलिए पुलिस की सांस फूली
मौके पर एमपी नगर थाने के प्रभारी सूर्यकांत अवस्थी (TI Suryakant Awasthi) से लेकर तमाम अन्य आला अफसर पहुंचे। लेकिन, जैसे ही घटना और उसकी वजहों को लेकर सवाल—जवाब हुए तो पुलिस अफसरों की सांस फूल गई। दरअसल, चित्रा शर्मा (Chitra Sharma Hanging Case) सरकारी मकान में किराए से रहती है। यह मकान सीएम सचिवालय में तैनात एक बाबू के नाम पर है। इसी बाबू की चित्रा रिश्तेदार भी थी। मीडिया के सवाल—जवाब में यह तथ्य सार्वजनिक न हो जाए तो पुलिस के अफसर बचते नजर आए।
पुलिस ने बना दिया सस्पेंस
पारिवारिक मित्रों से हुई बातचीत के अनुसार मामला चित्रा शर्मा और उमेश रैकवार (Umesh Raikwar) के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग का है। जिसकी भनक एमपी नगर थाना पुलिस को भी थी। दोनों बालिग थे इसलिए पुलिस थाना भी कुछ नहीं कर पा रही थी। द क्राइम इंफो से बातचीत करते हुए मामले की जांच कर रहे एसआई जीएस सेंगर ने बताया कि उन्हें अभी कुछ नहीं पता। पूरे मामले में अभी सस्पेंस है। इसी तरह एमपी नगर टीआई सूर्यकांत अवस्थी ने कहा हमारे पास सिर्फ नाम के अलावा बाकी अन्य कोई जानकारी नहीं है।
किराए पर चल रहे सरकारी मकान
दोनों घरों से गायब थे। जब उनकी तलाश हुई तो बाजू वाले कमरे में उन्हें शक गया। यह मकान खाली था और उसके सामने ही चित्रा भाई के साथ रहती थी। दोनों इसी खाली मकान के किचन में लटके थे। सूत्रों ने बताया जहां घटनास्थल है वहां सारे सरकारी मकान है। इनमें से अधिकांश मकानोें को किराए पर दिया गया है। कई मकानों पर रह रहे लोग एक—दूसरे को नहीं जानते। लेकिन, पीडब्ल्यूडी विभाग के उन कमीशनखोर अफसरों को इसके बारे में जानकारी भी है। ऐसे कब्जे को हटाने को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों को भी पसीना आता है।
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