Indore Ration Scam: प्रधानमंत्री ने गरीबों को मुफ्त बांटने बोला, माफिया ने बाजार में बेच दिया

Share

Indore Ration Scam: एक दर्जन राशन दुकानों की जांच में पकड़ी बंदरबाट, प्रभारी फूड कंट्रोलर समेत 31 लोगों पर एफआईआर

Indore Ration Scam
सांकेतिक चित्र

इंदौर। आपदा को अवसर समझकर माल कमाने वाले एक बड़े माफिया नेटवर्क का खुलासा हुआ है। यह खुलासा इंदौर (Indore Ration Scam) कलेक्टर मनीष सिंह ने किया है। उन्होंने शहर की एक दर्जन राशन दुकानों की जांच कराई थी। इन दुकानों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhanmantri Garib Kalyan) में आवंटित अनाज गरीबों को बांटने की बजाय बाजार में बेच दिया। यह घोटाला लगभग 80 लाख रूपए का है। इस घोटाले में शामिल प्रभारी फूड कंट्रोलर समेत 31 लोगों के खिलाफ नगर निगम ने मुकदमा भी दर्ज कराया है। वहीं तीन आरोपियों के खिलाफ एनएसए की भी कार्रवाई की जा रही है। जिसमें से एक राशन (Indore Anaj Ghotala) दुकानों की एसोसिएशन का अध्यक्ष है।

इन योजनाओं में हुआ घोटाला

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में भोजन का अधिकार है। इसके अलावा मध्य प्रदेश राज्य का खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग 24 श्रेणियों में स्कीम संचालित करता है। यह गरीब अन्त्योदय अन्न योजना, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना नाम से संचालित है। इन योजनाओं में गरीब परिवार या कहे हितग्राहियों को दाल, चावल, गेहूं, चना, शक्कर, केरोसीन समेत अन्य अनाज कम कीमत में बेचे जाते हैं। इसी बीच वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इंदौर जिले के 42 हजार परिवारों को गेहूं/चावल मिला था। यह प्रति परिवार पांच-पांच किलो मुफ्त में दिया जाना था। इसलिए हितग्राहियों को अप्रैल से नवंबर, 2020 के बीच दुगना अनाज मिलना था।

यह भी पढ़ें: दिल्ली के इस एसीपी की वर्दी वाली तस्वीर की कहानी जिसको भोपाल के लोग आसानी से भूल नहीं पाए

इतनी मात्रा में कम-ज्यादा अनाज

Indore Ration Scam
मनीष सिंह, इंदौर कलेक्टर

स्कीम में बंदरबाट की शिकायत इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह (Indore Collector Manish Singh) को मिली। खबर मिली थी कि पूरे गिरोह का संचालन भरत दवे और प्रमोद दहीगुडे कर रहे थे। भरत दवे (Bharat Dave) इंदौर राशन दुकान एसोसिएशन का अध्यक्ष भी है। इन दोनों से जुड़े जितने भी राशन दुकान है वहां घोटाला किया जा रहा था। जांच के लिए 12 जनवरी, 2020 को एसआईटी (Indore Ration Scam SIT) का गठन हुआ। तय किया गया कि 12 राशन दुकानों में जाकर भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके अलावा पीओएस मशीन और रिकाॅर्ड की छानबीन की गई। जांच में कई तरह की अनियमित्ता पाई गई। गेहूं 1,85,625 किग्रा, चावल 69,855 किग्रा, नमक 3,169 किग्रा, शक्कर 423 किग्रा, चना दाल 2,201 किग्रा, साबूत चना 1,025 किग्रा, तुअर दाल 472 किग्रा, केरोसीन 4,050 लीटर से अधिक कम-ज्यादा रिकाॅर्ड में मिला।

यह भी पढ़ें:   MP Scam News: पांच प्रोजेक्ट में डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान

खबर ही नहीं होने दी गई

Indore Ration Scam
सरकार ने लाॅक डाउन के दौरान अन्न उत्सव आयोजित करके गरीबों को मुफ्त में बांटे थे अनाज, उसी कार्यक्रम का विज्ञापन -साभार

जांच में पता चला कि करीब 51,096 हितग्राहियों के अनाज में बंदरबाट किया गया। जितनी मात्रा में अनाज का घोटाला (Indore Ration Scam) हुआ वह करीब 80 लाख रूपए का था। रिकाॅर्ड में यह सामने आया कि राशन दुकान के मालिक या अध्यक्ष हितग्राहियों को उनके अनाज वितरण की जानकारी पहुंचने ही नहीं देते थे। वह अपने रिकाॅर्ड में केवल वही खरीददार को दर्शा रहे थे जिनके अनाज पीओएस मशीन से बांटे जा रहे थे।

भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद इस मामले में नगर निगम ने आरोपियों के खिलाफ धारा 409/120बी/3/7 (गबन, साजिश के तहत, अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। निगम कमिश्नर ने प्रभारी फूड कंट्रोलर आरसी मीणा (Food Controler RC Meena) को निलंबित कर दिया गया है। भरत दवे, श्याम दवे और प्रमोद दहीगुडे (Pramod Dahigureh) को भी आरोपी बनाया गया है। वहीं तीनों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई भी की गई है।

यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में माफिया को दफनाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री को राजधानी के इन हालातों पर सवाल अफसरों से जरुर पूछना चाहिए

इन दुकानों की हुई जांच

Indore Ration Scam
सांकेतिक चित्र

इंदौर नगर निगम ने जिन राशन दुकानों की जांच की उसमें जनता प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार, तब्बसुम महिला प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार, छात्र, सुविधा, महारानी लक्ष्मीबाई, अभिनय श्री महिला, श्रीमां बिजासन, स्वदेश, प्रियदर्शिनी और राष्ट्रीय कंज्यूमर प्राथमिक सहकारी भंडार की जांच हुई। इन दुकानों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष क्रमशः इस प्रकार हैं। कमल सदाशिव शर्मा (Kamal Sadashiv Sharma), संतोष धन्नालाल, आशा पति प्रकाशचंद्र, चंद्रिका राजेश, रमेश सिंह सरदार, ललिता दयाराम, कमलेश सुखराम, श्याम बालकृष्ण दवे, विवेक पुरूषोत्तम, दिलीप गौड, कांता देवी, विजया, धर्मेन्द्र भंवरलाल, अंजु पति अशोक, स्वर्गीय धनपाल, शकुंतला वर्मा, राकेश मोहन लाल राठौड, पवन दिनेश, राष्ट्रीय कंज्यूमर्स के अध्यक्ष यश जाधव (Yash Jadhav) और उपाध्यक्ष अनिता त्रिलोक कुमार हैं।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Crime: पुश्तैनी जमीन विवाद में बलवा और मारपीट

इन थानों में हुई शिकायत

राशन दुकानों के विक्रेता अखिलेश शिन्दे, राहुल चैधरी, दलबार सिंह, धितेश दवे, सुनील चैधरी, अमित दवे, प्रमोद दहीगुडे और रितेश राव महापारे हैं। यह दुकानें भंवर कुआ इलाके में तीन, चंदन नगर, जूनी इंदौर और छत्रीपुरा में दो-दो हैं। जबकि सदर बाजार में एकमात्र दुकान है। दुकानों के अनुसार संबंधित थानों को शिकायत दर्ज कराई गई है। नगर निगम ने कुल 31 लोगों के खिलाफ मुकदमा (Indore Ration Scam) दर्ज कराया है। पुलिस केस दर्ज करने के बाद निगम से आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश करने के लिए कहेगी। इसके अलावा वह घोटाले को लेकर अभियोजन अफसरों से भी राय ले रही है।

खबर के लिए ऐसे जुड़े

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।

Don`t copy text!