Land Compensation Scam: ईओडब्ल्यू की जांच में जमीन का पूर्व मालिक निकला दोषी, जालसाजी का मुकदमा हुआ दर्ज, जांच के घेरे में आए भुगतान करने वाले अफसर
भोपाल। नेशनल हाईवे बनाने के लिए अधिगृहित कृषि भूमि के मुआवजा वितरण में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। यह मुआवजा राशि (Land Compensation Scam) करीब दो करोड़ रूपए की है। जिसको जमीन के पहले मालिक ने हड़प लिया। जबकि दस्तावेजों में मालिकाना हक मुंबई (Mumbai) की एक महिला के पास था। मामले की जांच आर्थिक प्रकोष्ठ विंग की तरफ से की जा रही थी। जिसमें जांच के बाद ईओडब्ल्यू (EOW) ने जालसाजी और गबन का प्रकरण दर्ज कर लिया है। इस मामले में किए गए भुगतान को लेकर अफसरों की भी भूमिका का पता लगाया जा रहा है।
ऐसे सामने आया था पूरा फर्जीवाड़ा जिसकी जांच में इतना वक्त लगा
इन धाराओं में दर्ज किया गया आरोपियों के खिलाफ मुकदमा
आरोपी प्रशांत पाठक ने तीन अलग—अलग किस्त में दो करोड़, दो लाख रूपए से अधिक की मुआवजा राशि (Land Compensation Scam) हासिल कर ली थी। आरोपी ने मुआवजा राशि के लिए अगस्त, 2015 में आवेदन किया था। उसके आवेदन पर तीन महीने बाद ही निराकरण कर दिया गया था। हालांकि जमीन के मालिकाना हक और मुआवजा राशि में विसंगति होने के कारण भुगतान पर रोक लगा दी गई थी। इस आदेश के बावजूद उसने फिर मुआवजा पाने के लिए अपील की थी। यह विषय को छुपाकर एसडीओ रेवेन्यू राजेंद्र राय ने भुगतान आदेश दे दिया था। इस कारण उसको आरोपी बनाया गया। ईओडब्ल्यू ने दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत 1 मई को 18/23 धारा 420/406/409/120—बी/7 (जालसाजी, गबन, लोकसेवक की तरफ से गबन, साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई) की गई है।
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