Corona Social Effect: वीडियो में सुनिए कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार की कहानी

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तहसीलदार द्वारा अंत्येष्टि के समाचार जानने के बाद बेटे ने वीडियो जारी करके बताई लोगों को अपनी कहानी, बेटे का आरोप वाहवाही लूटने के लिए बदनाम किया जा रहा है

Corona Social Effect
बेटा जिसने आरोपों पर वीडियो जारी किया

भोपाल। (Madhya Pradesh Corona News) शुजालपुर से भोपाल लाए गए कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद दाह संस्कार (Bhopal Corona Patient Funeral Case) के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल, प्रशासन ने दावा किया था कि बेटा मुखाग्नि देने को तैयार नहीं था। अब बेटे ने अपना वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया है। उसने दावा किया है कि भोपाल प्रशासन के जो अफसर ऐसा कह रहे हैं वह गलत (Fake News) है। वह अंतिम संस्कार करना चाहता था यहां तक कि वह पिता को गांव लाना चाहता थां। ऐसे ही कई अन्य बिंदुओं पर उसने प्रशासन और चिरायु अस्पताल (Chirayu Hospital) प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

यह कहानी थी आई सामने

अंत्येष्टि करने वाले तहसीलदार

जिस व्यक्ति की मौत हुई थी वह शुजालपुर जिले का रहने वाला था। उसको लकवे का दौरा पड़ा था। उसको भोपाल के मल्टी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान उसका कोरोना चैकअप हुआ। जिसमें वह पॉजिटिव आया। यह पता चलने के बाद उसको चिरायु अस्पताल में शिफ्ट किया गया। चिरायु में इलाज के दौरान सोमवार रात 20 अप्रैल को उसका निधन हो गया। अंतिम संस्कार बैरागढ़ में किया जाना तय किया गया। प्रशासन ने प्रेम सिंह की अंत्येष्टि के लिए कहा तो बेटा तैयार नहीं हुआ। उसका कहना था कि उसको कोरोना से डर लग रहा है। प्रशासन को बेटे ने बकायदा लिखकर दिया कि उसको पीपीई किट पहनना और उतारना नहीं आती है। इसके बाद प्रशासन की तरफ से तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल (Gulab Singh Baghel) ने अंत्येष्टि की।

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अब यह बताया जा रहा

शुजालपुर निवासी संदीप मेवाड़ा (Sandeep Mevada) ने करीब पांच मिनट का वीडियो बनाया है। उसने पूरी कहानी बताते हुए कहा कि वह पिता को मुखाग्नि देना चाहता था। उसका आरोप है कि अंत्येष्टि दिन में ही हो जाती। लेकिन, प्रशासन सही समय पर निर्णय नहीं ले सका। दिनभर यह बोलकर शव देने से रोका गया कि टीम आकर शव सौंपेगी। मुझे शव 20 अप्रैल की रात को शव सौंपकर बोला गया अंतिम संस्कार करो। मैंने विरोध किया तो अगले दिन शव सौंपा गया और कहा गया कि अंतिम संस्कार शुजालपुर में नहीं होगा। मैंने कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट भी मांगी गई थी। मुझको बताया गया कि रिपोर्ट गुम हो गई है। अंतिम संस्कार 21 तारीख को किया गया। जो भी जानकारी मीडिया में दी गई वह भ्रामक है। मैंने अंतिम संस्कार से मना ही नहीं किया था।

वीडियो में सुनिए संदीप मेवाड़ा की कहानी

YouTube video

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