Corona Infected MP Cop’s: अफसरों को अपने अभियान की फिक्र थी, दूसरी लहर ने फिर किया पुलिस महकमे को सबसे ज्यादा नुकसान, रणनीति अभी भी नहीं
भोपाल। मध्य प्रदेश (Corona Infected MP Cop’s) में कोरोना की सेकंड स्ट्रेन हावी होती जा रही है। एसीएस मोहम्मद सुलेमान भी मान चुके हैं कि यह कोरोना का कोई दूसरा स्वरुप है। जिसको आसानी से भांप पाना संभव नहीं है। इसलिए सावधानी ज्यादा जरुरी है। इस बीच भोपाल से बुरी खबर सामने आई है। यहां एक सब इंस्पेक्टर की कोरोना से मौत हो गई है। इधर, एक सिपाही की हालत नाजुक है। वह वेंटीलेटर पर बना हुआ है। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के समाचार मिल रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अफसरों की तरफ से कोई रणनीति अभी तक नहीं बनी है।
सिपाही से हुए थे भर्ती
बागसेवनिया थाने में पदस्थ एसआई कुंजीलाल सेन (SI Kunjilal Sen) की मौत 11 अप्रैल को हुई। वे कुछ दिन पहले हमीदिया अस्पताल में भर्ती हुए थे। अंत्येष्टि भदभदा विश्राम घाट में होनी थी। सेन मूलत: नरसिंहपुर के रहने वाले हैं। परिवार में तीन बेटियां और एक बेटा है। एक बेटी की शादी एक महीने पहले ही उन्होंने कराई है। उनके मित्र एएसआई संतराम खन्ना ने बताया कि वे सिपाही से 1984 अथवा 1986 में भर्ती हुए थे। प्रमोशन के बाद एसआई हुए हैं। सेन का कुछ महीने पहले ही निशातपुरा से बागसेवनिया थाने में तबादला हुआ है। परिवार यहां नेहरु नगर स्थित पुलिस लाइन में रहता है।
प्रधानमंत्री ने इन आईपीएस अफसरों को सिखाया था कोरोना से निपटने का मंत्र, आज उनके लिए एमपी में मौका
ट्रेसिंग सिस्टम हुआ फेल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई अन्य अफसर यह बात दोहराते आ रहे हैं कि इस महामारी से बचने का केवल ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट ही तरीका है। जबकि पुलिस विभाग में ही इसको नजरअंदाज किया गया। दरअसल, थाना बिलखिरिया के आरक्षक सुरेश कुमार विश्वकर्मा (Constable Suresh Vishwkarma) को कोरोना हुआ है। वह बहुत नाजुक हालत में आ गया है। उन्हें दमोह में राष्ट्रपति की यात्रा की वीआईपी ड्यूटी में भेजा गया था। यह बात 22 दिन पहले ही मालूम हो गई थी। इसके बावजूद महकमा सक्रिय नहीं हुआ। आलम यह है कि इस दौरान अफसरों के आदेश पर जुआ—सट्टा और आबकारी का अभियान चलाया जा रहा था।
यह भी पढ़ें: इस थाने में आज भी कोरोना का नाम सुनकर लोग इसलिए सहम जाते हैं
10 दिन में 27 पुलिसकर्मी
इधर, जबलपुर से भी बुरी खबर है। यहां 10 दिनों में एएसपी समेत 27 पुलिस कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए है। पहले यह संख्या एक ही दिन की बताई जा रही थी। जिसमें जिले के अधिकारियों ने इसको भ्रामक बताकर वस्तुस्थिति जारी की है। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने सोशल मीडिया के जरिए संदेश प्रसारित कराया है कि पुलिस कर्मचारी या अधिकारी के फेफड़ों में इंफेक्शन फैलने वाली बात भी सही नहीं है। कर्मचारी अधिकारी सुरक्षित हैंं।
कोरोना ड्यूटी की बैचेनी में पुलिस अफसर का यह हंसमुख चेहरा आता है याद, जानिए क्यों
जेल से सबक ही नहीं लिया
शहर के कई इलाकों में बैरीकेड लगाकर पुलिस खड़ी रहती है। वह सीधे भीड़ से भी सामना करती है। कई मैदानी कर्मचारियों के पास फेस शील्ड भी नहीं हैं। पिछले दिनों जेल के भीतर एक साथ 7 बंदी कोरोना पॉजिटिव मिले थे। उन्हें जेल किस थाने से पहुंचाया गया था यह भी पता नहीं लगाया गया। ऐसे ही कई छोटी—छोटी तकनीकी चूक विभाग को बहुत जल्द महंगी पड़ सकती है। जिम्मेदारी से सवाल पूछने वाले लोगों से अफसर संवेदनशील सवालों से बचने फोन भी नहीं उठाते। नतीजतन, कई मैदानी समस्याओं और उसके वास्तविक समाधान भी नहीं निकाल पा रहे हैं।
यह भी पढ़े: पिछले साल कोरोना के चलते मध्य प्रदेश पुलिस के यह थे हालात
खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।