Bhopal Police Atrocity Case: पुलिस की दहशत से पहली मंजिल से कूदा मजदूर

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लॉक डाउन में घर बैठे गरीब परिवार पर सरकारी सिस्टम की दोहरी मार, दोनों पैरों में फ्रैक्चर

हमीदिया अस्पताल में टूटे घुटने के साथ मजदूर

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) पुलिस बर्बरता का एक अन्य मामला सामने आया है। यह मामला एक बार फिर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) से ही सामने आया है। यहां शाहजहांनाबाद थाने के पुलिस कर्मियों पर बर्बरता (Bhopal Police Atrocity Case) का आरोप लगा है। यह आरोप बनारस से भोपाल में रोजगार की तलाश में आए परिवार (Bhopal Labour Police Beaten Case) ने लगाया है। इस परिवार के मुखिया के दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए हैं। उसका आरोप है कि यह सबकुछ भोपाल पुलिस की वजह (Bhopal Police Beaten Brueality) से हुआ है। हालांकि भोपाल पुलिस के अफसर इस मामले को मजदूर का प्रोपेगेंडा बता रहे हैं। अफसरों का दावा है कि वह ऐसा करके संवेदना बटोरने का प्रयास कर रहा है। शाहजहांनाबाद थाना प्रभारी का दावा है कि मौके के हालात कुछ दूसरे थे। मजदूर दूसरा बनाकर उसका प्रचार कर रहा है।

कौन सच्चाझूठा पर बहस, लेकिन चोट हकीकत

यह पूरा मामला 5 मई मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे का है। घटना शाहजहांनाबाद इलाके में स्थित बाजपेयी नगर मल्टी की है। यह मल्टी झुग्गियां तोड़कर बनाई गई है। जिसमें गरीब परिवारों को बसाया गया है। इसी मल्टी में किराना दुकान भी चलती है। यहां दुकान में शिव कुमार प्रजापति (Shiv Kumar Prajapati) दाल खरीदने के लिए पत्नी जानकी के साथ गया था। तभी वहां पुलिस आ गई और लोगों को खदेड़ने लगी। खदेड़ने के दौरान पुलिस के एक कर्मचारी ने डंडा शिव कुमार प्रजापति (Shiv Kumar Prajapati Beaten Case) को मार दिया। उसने डंडा मारने की वजह पूछी तो उससे कहा गया कि मास्क सही तरीके  से नहीं पहना है। शिव कुमार प्रजापति का दावा है कि वह मास्क नहीं गमछा बांधे था जो नाक तक नहीं ढंक पाया था। तब तक पुलिसकर्मी ने दूसरी बार डंडा मारने के लिए उठाया तो शिव कुमार प्रजापति ने उसको पकड़ लिया। इसके बाद पुलिसकर्मी उस पर भड़क उठे। दूसरे पुलिसकर्मी से कहा गया कि इसको मारो। यह सुनते ही वह अपने घर की तरफ भागा। वह एक मल्टी में चढ़ गया जिसके पीछे—पीछे पुलिस भी दौड़ने लगी। वह पुलिस की दहशत में पहली मंजिल (Fear Of Bhopal Police Case) से कूद गया।

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परिवार का दूसरा गंभीर आरोप

पीड़ित परिवार ने शाहजहांनाबाद थाने में तैनात हरीओम गोस्वामी (Hariom Goswami) पर गंभीर आरोप लगाए है। परिवार का कहना है कि गोस्वामी ने छाती पर पैर रखकर पीटा (Bhopal Police Beating Case) था। जिसके बाद वह दहशत में आ गया था। शिव कुमार प्रजापति मूलत: बनारस (Banaras) का रहने वाला है जो 15 साल पहले रोजगार की तलाश में भोपाल आ गया था। शिव के दो बच्चे बड़ा बेटा विकास (Vikas) और बेटी कुमकुम (Kumkum) है। विकास छठवीं में पढ़ता है और कुमकुम सातवीं कक्षा की छात्रा है। विकास ने इस घटना का एक वीडियो भी बनाया था। जिसमें पुलिसकर्मी भागते नजर आ रहे हैं। इस पर शिव कुमार प्रजापति का कहना है कि जब मेरे पैर टूट गए तो पुलिसकर्मी को लोगों ने घेर लिया था। जिसके बाद वह वहां से भाग खड़ा हुआ। मुझे तो बाद में पहुंची पुलिस ने ही हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया था। हालांकि हरीओम गोस्वामी का कहना है कि उसने किसी को नहीं पीटा वह तो भीड़ को हटाने पहुंचा था।

यह कह रहे टीआई

शिव कुमार ने कहा कि वह मजदूरी करता है। लॉक डाउन के कारण रोजगार का संकट वैसे ही परिवार पर बना है। इधर, डॉक्टरों ने उसको आपरेशन के लिए बोल दिया है। इसमें भारी खर्च आ सकता है। इस मामले में एसपी नॉर्थ शैलेन्द्र चौहान (SP Shailendra Chouhan) से प्रतिक्रिया के लिए दो बार कॉल किया गया। उन्होंने फोन नहीं उठाया लेकिन शाहजहांनाबाद थाना प्रभारी जहीर खान (Jahir Khan) ने जरुर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा शिव कुमार प्रजापति जो बता रहा है वह पूरी तरह से सच नहीं है। मल्टी में भीड़ जमा होती है जिसको हटाने पुलिस वहां पहुंचती है तो पथराव किया जाता है। वह पुलिस के आने पर भागा था। वह जहां से गिरा है वहां पुलिस नहीं थी। वह तो दूसरी मल्टी से गिरा। परिवार पुलिस को टारगेट करके चाहता है कि उसका इलाज में मदद हो जाए। वह झूठी संवेदनाएं बटोरकर आर्थिक मदद चाहता है।

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भोपाल में यह पहला मामला नहीं

भोपाल पुलिस की बर्बरता का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले बागसेवनिया थाने के कांस्टेबल पर एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर से मारपीट के आरोप लगे थे। इसी थाने के एक एएसआई पर एनीमल लवर महिलाओं से बदसलूकी करने के आरोप लगे थे। हालांकि मैदानी सच्चाई यह है कि पुलिस पर कोरोना की दोहरी मार भी पड़ी है। स्वास्थ्य विभाग के बाद पुलिसकर्मी इस महामारी से ज्यादा संक्रमित हुए हैं। डीजीपी विवेक जौहरी पुलिसकर्मियों को तनाव से दूर रहने के लिए टिप्स भी दे रहे हैं। इसके बावजूद ऐसे समाचार विभाग की छवि को खराब कर देते हैं।

यह भी एक चेहरा

ऐसा नहीं है कि पुलिस विभाग में हरीओम गोस्वामी जैसे कर्मचारी ही है। कुछ अच्छे भी चेहरे हैं जो समाज के लिए सेवा कर रहे हैं। कर्नाटक के कासरगोड जिले में पुलिस घरों पर राशन पहुंचाने का भी काम कर रही है। इधर, पंजाब पुलिस बैंक कर्मचारियों की मदद के लिए आगे आई। वह पेंशन और सरकारी सहायता अपनी मौजूदगी में दिला रही है। इसी तरह मध्य प्रदेश में डायल—100 कमजोर लोगों तक पहुंचकर भोजन पैकेट बांट रही है।

अपील

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